सोलर से चमकेंगे खेत, बदलेगी किसानों की तकदीर

सोलर से चमकेंगे खेत, बदलेगी किसानों की तकदीर

राजसमंद. अब किसानों के खेतों में सिंचाई का नया सूरज उग चुका है। केंद्र सरकार द्वारा 22 सितंबर 2025 को किए गए जीएसटी संशोधन ने सौर ऊर्जा अपनाने की राह और आसान बना दी है। पहले जहां सौर ऊर्जा पंप संयंत्रों पर 12 प्रतिशत जीएसटी देनी पड़ती थी, अब यह घटकर सिर्फ 5 प्रतिशत रह गई है। इस फैसले से किसानों का सीधा आर्थिक लाभ होगा और खेती की लागत में बड़ी राहत मिलेगी। सौर ऊर्जा न केवल किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर ऊर्जा की दिशा में भी आगे बढ़ाएगी। राजसमंद के खेतों में अब सोलर के साथ हरियाली और खुशहाली का नया अध्याय लिखा जाएगा।

आवेदन प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाइन

किसान अब ई-मित्र केंद्र या एसएसओ आईडी के माध्यम से राज किसान साथी पोर्टल पर आसानी से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के समय निम्न दस्तावेज अपलोड करना अनिवार्य होगा—छह माह के भीतर की प्रमाणित जमाबंदी

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पूरी प्रक्रिया को समयबद्ध और पारदर्शी बनाया गया है। इसके प्रमुख चरण इस प्रकार हैं:-

  • आवेदन की जांच- 7 दिन
  • तकनीकी सर्वे-15 दिन
  • प्रशासनिक स्वीकृति-8 दिन
  • किसान अंश जमा – 30 दिन
  • कार्यादेश जारी- 7 दिन
  • सोलर पंप स्थापना-120 दिन

योजना में ये किसान होंगे पात्र

इस योजना का लाभ वही किसान ले सकेंगे:-

-जिनके पास न्यूनतम 0.4 हेक्टेयर भूमि हो (जनजाति क्षेत्र में 0.2 हेक्टेयर)

-जिनके खेत में जल स्त्रोत उपलब्ध हो

-जिनके पास कृषि विद्युत कनेक्शन न हो

– जो सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का उपयोग करते हों

पीएम-कुसुम योजना से सौर सिंचाई को बढ़ावा

प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना के घटक-बी के तहत विद्युत विहीन किसानों के खेतों में ऑफ-ग्रिड स्टैंड अलोन सौर ऊर्जा पंप संयंत्र लगाए जा रहे हैं। इस योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी उद्यान विभाग को दी गई है, जो किसानों को खेतों तक स्थायी और भरोसेमंद सिंचाई समाधान उपलब्ध करा रहा है। योजना के तहत सोलर कंपनी द्वारा सोलर पैनल, मोटर पंप और कंट्रोलर पर पांच वर्ष का बीमा आवरण व गारंटी दी जा रही है। वित्त वर्ष 2024-25 में ही 304 किसान इस योजना से ऊर्जा आत्मनिर्भर बन चुके हैं।

जिले को 500 सौर पंपों का लक्ष्य, अब तक की प्रगति

ब्लॉक लक्ष्य स्वीकृति वर्क ऑर्डर इंस्टॉल
राजसमंद 50 35 31 30
कुंभलगढ़ 85 100 12 12
भीम 60 08 06 03
आमेट 48 21 19 18
देवगढ़ 55 17 07 06
खमनोर 50 14 10 08
देलवाड़ा 40 32 23 21
रेलमगरा 102 42 33 32

वर्गवार आवंटन स्थिति

वर्ग लक्ष्य स्वीकृति वर्क ऑर्डर इंस्टॉल
सामान्य 310 121 96 88
एससी 80 18 14 13
एसटी 110 16 11 11
टीएडी एसटी 0 114 20 18
कुल 500 269 141 130

अनुदान का लाभ और विशेष प्रावधान

योजना के तहत 3, 5, 7.5 और 10 एचपी क्षमता के सौर पंपों पर किसानों को 60 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। शेष 40 प्रतिशत राशि किसान को वहन करनी होती है, जिसमें से 30 प्रतिशत तक बैंक ऋण लिया जा सकता है। इसके अलावा अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के किसानों को 45,000 रुपये का अतिरिक्त अनुदान, टीएसपी क्षेत्र के जनजाति किसानों को 100 प्रतिशत अनुदान, जो जनजाति विभाग द्वारा प्रदान किया जाता है।

क्यों सौर पंप किसानों के लिए वरदान?

सौर सिंचाई पंप उन क्षेत्रों में बेहद कारगर साबित हो रहे हैं, जहां बिजली कनेक्शन उपलब्ध नहीं है या विद्युतीकरण की लागत अत्यधिक है। यह डीजल और बिजली चालित पंपों का सस्ता, टिकाऊ और पर्यावरण मित्र विकल्प बन चुके हैं।

मुख्य फायदे:-

  • सिंचाई की लागत में उल्लेखनीय कमी
  • प्रदूषण शून्य, पर्यावरण सुरक्षित- दिन के समय स्वतंत्र रूप से सिंचाई की सुविधा
  • खेती से आय में अप्रत्यक्ष वृद्धि- बिजली कनेक्शन पर निर्भरता में कमी

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