रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच 24 फरवरी, 2022 से चल रहे युद्ध को 46 महीने पूरे होने वाले हैं। युद्ध की शुरुआत में लगा था कि रूसी सेना कुछ दिन में ही जीत हासिल कर लेगी, लेकिन लगातार मिले इंटरनेशनल सपोर्ट की वजह से यूक्रेनी सेना अभी भी रूसी सेना के सामने डटी हुई है। यूक्रेन में इस युद्ध की वजह से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। कई शहर तबाह हो गए हैं। रूसी सेना ने भी युद्ध में कई सैनिक गंवा दिए हैं। इस वजह से रूस को बड़े लेवल पर नए सैनिकों की भर्ती भी करनी पड़ी है। पिछले कुछ समय में इस तरह के मामले भी सामने आए हैं जहाँ भारतीय छात्रों (Indian Students) को ज़बरदस्ती रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया और ट्रेनिंग के बाद लड़ने के लिए फ्रंटलाइन पर भेज दिया गया। हाल ही में इसी तरह का एक और मामला सामने आया है, जिसमें रूस की तरफ से लड़ रहे एक भारतीय छात्र को यूक्रेन में पकड़ लिया गया है और अब वह मदद की गुहार लगा रहा है।
“मैं घर आना चाहता हूं, मेरी मदद करो पीएम मोदी”
गुजरात (Gujarat) के मोरबी (Morbi) के 23 वर्षीय छात्र साहिल मोहम्मद हुसैन मजोठी (Sahil Mohamed Hussein Majothi) को यूक्रेन में पकड़ लिया गया है। दरअसल साहिल पढ़ाई के लिए रूस गया था। वहाँ उसे ड्रग्स की तस्करी के झूठे मामले में फंसाकर रूसी सेना में ज़बरदस्ती भर्ती कर लिया गया और कुछ समय की ट्रेनिंग के बाद युद्ध के मैदान में भेज दिया गया। अब यूक्रेनी सैनिकों ने उसे बंदी बना लिया है और कीव के एक शिविर में रखा है जहाँ से उसने जहाँ से उसने एक वीडियो मैसेज जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई और भावुक होते हुए कहा, “मैं घर आना चाहता हूं, मेरी मदद करो पीएम मोदी।” साहिल के परिवार ने गुजरात सरकार से भी मदद मांगी है।
साहिल ने दी चेतावनी
साहिल ने पीएम मोदी से मदद की गुहार लगाने के साथ ही अपने वीडियो मैसेज में भारतीय युवाओं को रूस न जाने की चेतावनी भी दी है। साहिल ने कहा कि रूस में नौकरी या पढ़ाई के नाम पर धोखा दिया जाता है और उन्हें गलत मामलों में फंसाकर ज़बरदस्ती सेना में भर्ती करके यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए भेज दिया जाता है।
सरकार की प्रतिक्रिया
भारतीय विदेश मंत्रालय ने मामले को संज्ञान में लिया है। मॉस्को में भारतीय दूतावास रूसी अधिकारियों से संपर्क कर रहा है जिससे साहिल को सुरक्षित घर वापस लाया जा सके।


