औरंगाबाद जिले में रबी फसलों की बेहतर सुरक्षा, समय की बचत और लागत कम करने के उद्देश्य से कृषि विभाग की ओर ड्रोन से कीटनाशक एवं उर्वरक छिड़काव की योजना शुरू की जा रही है। यह आधुनिक तकनीक किसानों के लिए काफी लाभकारी साबित होने वाली है, खासकर ऐसे समय में जब गांवों में कृषि मजदूरों की भारी कमी देखने को मिल रही है। कृषि विभाग की इस योजना के तहत किसान बहुत ही कम शुल्क पर ड्रोन के माध्यम से अपनी रबी फसलों जैसे गेहूं, सरसों और चना में कीटनाशी एवं उर्वरक का छिड़काव करा सकेंगे। इसके लिए कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। वहीं, जो किसान ऑनलाइन आवेदन करने में असमर्थ हैं, वे अपने प्रखंड या जिला स्थित पौधा संरक्षण कार्यालय अथवा ई-किसान भवन में जाकर भी संपर्क कर सकते हैं। 1 एकड़ में ड्रोन से छिड़काव करने के लिए किसानों को देना होगा 209.50 रुपए पौधा संरक्षण औरंगाबाद के सहायक निदेशक रॉकी रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के अंतर्गत रजिस्टर्ड किसान प्रति एकड़ मात्र 209.50 रुपये की दर से ड्रोन सेवा का लाभ उठा सकते हैं। एक किसान को न्यूनतम 1 एकड़ से लेकर अधिकतम 15 एकड़ तक की फसल में ड्रोन से छिड़काव की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा, किसान इस योजना का लाभ अधिकतम दो बार ले सकते हैं। योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन स्व-घोषणा पत्र भरना अनिवार्य होगा। इस स्व-घोषणा पत्र में किसान को यह जानकारी देनी होगी कि कितनी भूमि में छिड़काव कराना है, खेत में कौन-सी फसल लगी है और किस प्रकार के रसायन का छिड़काव किया जाना है। यदि किसान रैयत कृषक हैं, तो उन्हें जमीन की रसीद, आधार कार्ड की फोटो को पीडीएफ फॉर्मेट में अपलोड करना होगा। 5 से 7 मिनट में एक एकड़ खेत में ड्रोन से किया जा सकेगा कीटनाशक का छिड़काव ड्रोन तकनीक से छिड़काव का सबसे बड़ा लाभ यह है कि कम समय में अधिक क्षेत्र को कवर किया जा सकता है। कृषि विभाग के अनुसार, ड्रोन के जरिए मात्र 5 से 7 मिनट में एक एकड़ भूमि में छिड़काव संभव है। इससे न केवल श्रम की आवश्यकता कम होती है, बल्कि छिड़काव भी समान और सटीक तरीके से होता है, जिससे फसलों की वृद्धि बेहतर होती है। गौरतलब है कि इससे पहले नबीनगर और बारुण प्रखंड में कृषि विभाग द्वारा ड्रोन से छिड़काव कराया गया था, जहां किसानों का रुझान काफी सकारात्मक रहा। उस अनुभव को देखते हुए अब जिले के अन्य क्षेत्रों में भी इस योजना को लागू किया जा रहा है। कृषि विभाग ने भरोसा दिलाया है कि इस पहल के तहत किसानों को हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा, ताकि वे आधुनिक तकनीक के माध्यम से अपनी फसलों की उत्पादकता बढ़ा सकें। औरंगाबाद जिले में रबी फसलों की बेहतर सुरक्षा, समय की बचत और लागत कम करने के उद्देश्य से कृषि विभाग की ओर ड्रोन से कीटनाशक एवं उर्वरक छिड़काव की योजना शुरू की जा रही है। यह आधुनिक तकनीक किसानों के लिए काफी लाभकारी साबित होने वाली है, खासकर ऐसे समय में जब गांवों में कृषि मजदूरों की भारी कमी देखने को मिल रही है। कृषि विभाग की इस योजना के तहत किसान बहुत ही कम शुल्क पर ड्रोन के माध्यम से अपनी रबी फसलों जैसे गेहूं, सरसों और चना में कीटनाशी एवं उर्वरक का छिड़काव करा सकेंगे। इसके लिए कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। वहीं, जो किसान ऑनलाइन आवेदन करने में असमर्थ हैं, वे अपने प्रखंड या जिला स्थित पौधा संरक्षण कार्यालय अथवा ई-किसान भवन में जाकर भी संपर्क कर सकते हैं। 1 एकड़ में ड्रोन से छिड़काव करने के लिए किसानों को देना होगा 209.50 रुपए पौधा संरक्षण औरंगाबाद के सहायक निदेशक रॉकी रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के अंतर्गत रजिस्टर्ड किसान प्रति एकड़ मात्र 209.50 रुपये की दर से ड्रोन सेवा का लाभ उठा सकते हैं। एक किसान को न्यूनतम 1 एकड़ से लेकर अधिकतम 15 एकड़ तक की फसल में ड्रोन से छिड़काव की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा, किसान इस योजना का लाभ अधिकतम दो बार ले सकते हैं। योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन स्व-घोषणा पत्र भरना अनिवार्य होगा। इस स्व-घोषणा पत्र में किसान को यह जानकारी देनी होगी कि कितनी भूमि में छिड़काव कराना है, खेत में कौन-सी फसल लगी है और किस प्रकार के रसायन का छिड़काव किया जाना है। यदि किसान रैयत कृषक हैं, तो उन्हें जमीन की रसीद, आधार कार्ड की फोटो को पीडीएफ फॉर्मेट में अपलोड करना होगा। 5 से 7 मिनट में एक एकड़ खेत में ड्रोन से किया जा सकेगा कीटनाशक का छिड़काव ड्रोन तकनीक से छिड़काव का सबसे बड़ा लाभ यह है कि कम समय में अधिक क्षेत्र को कवर किया जा सकता है। कृषि विभाग के अनुसार, ड्रोन के जरिए मात्र 5 से 7 मिनट में एक एकड़ भूमि में छिड़काव संभव है। इससे न केवल श्रम की आवश्यकता कम होती है, बल्कि छिड़काव भी समान और सटीक तरीके से होता है, जिससे फसलों की वृद्धि बेहतर होती है। गौरतलब है कि इससे पहले नबीनगर और बारुण प्रखंड में कृषि विभाग द्वारा ड्रोन से छिड़काव कराया गया था, जहां किसानों का रुझान काफी सकारात्मक रहा। उस अनुभव को देखते हुए अब जिले के अन्य क्षेत्रों में भी इस योजना को लागू किया जा रहा है। कृषि विभाग ने भरोसा दिलाया है कि इस पहल के तहत किसानों को हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा, ताकि वे आधुनिक तकनीक के माध्यम से अपनी फसलों की उत्पादकता बढ़ा सकें।


