नालन्दा के जिला मुख्यालय में परीक्षा प्रबंधन को लेकर एक गंभीर प्रशासनिक चूक सामने आई है। सात फरवरी को एक साथ आयोजित होने वाली इंटरमीडिएट और सी-टेट परीक्षाओं के लिए कई विद्यालयों को दोहरे केंद्र के रूप में चिह्नित कर दिया गया है। आरपीएस स्कूल कचहरी, आरपीएस मकनपुर, नालंदा विद्या मंदिर और कैम्ब्रिज स्कूल को दोनों परीक्षाओं के केंद्र बना दिए गए हैं। इन विद्यालयों में सात फरवरी को एक साथ दो महत्वपूर्ण परीक्षाओं का संचालन करना व्यावहारिक रूप से असंभव प्रतीत हो रहा है। आंकड़ों के अनुसार, आरपीएस मकनपुर में 1476 इंटरमीडिएट परीक्षार्थी, आरपीएस कचहरी में 1464, नालंदा विद्या मंदिर में 1165 और कैम्ब्रिज स्कूल में 770 विद्यार्थियों के लिए इंटर परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं। इसी के साथ इन्हीं केंद्रों पर सी-टेट परीक्षा के लिए भी कम से कम 600 परीक्षार्थियों की व्यवस्था की गई है। समय-सारणी का टकराव बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा इंटरमीडिएट की परीक्षा 2 फरवरी से 13 फरवरी तक निर्धारित की गई है। पहली पाली साढ़े नौ बजे से दोपहर 12:45 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर दो बजे से शाम सवा पांच बजे तक संचालित होनी है। सात फरवरी को सी-टेट परीक्षा का आयोजन भी इसी समय-सीमा में होना है, जिससे संसाधनों और स्थान की गंभीर कमी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सीबीएसई स्कूल संघ ने उठाई आवाज सीबीएसई नालंदा स्कूल संघ के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी कुंदन कुमार से मुलाकात कर इस विसंगति की ओर ध्यान आकर्षित किया। संघ ने इंटरमीडिएट परीक्षा केंद्रों को इन विद्यालयों से हटाने की मांग रखी है। स्कूल संचालकों का तर्क है कि सी-टेट जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा के लिए स्वच्छ, शांतिपूर्ण और कदाचारमुक्त वातावरण अनिवार्य है, जो दोनों परीक्षाओं के एक साथ संचालन से संभव नहीं होगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी बोले- ये जटिल परिस्थिति है इस मामले पर जिला शिक्षा पदाधिकारी आनंद विजय ने स्वीकार किया कि यह एक जटिल परिस्थिति है। उन्होंने कहा कि इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए केंद्रों का चयन काफी पहले कर लिया गया था। अब सी-टेट के केंद्र भी इन्हीं विद्यालयों में बना दिए गए हैं। इंटर का केंद्र बदलना अब नामुमकिन है, लेकिन सी-टेट का केंद्र बदलने का प्रयास किया जाएगा। नालन्दा के जिला मुख्यालय में परीक्षा प्रबंधन को लेकर एक गंभीर प्रशासनिक चूक सामने आई है। सात फरवरी को एक साथ आयोजित होने वाली इंटरमीडिएट और सी-टेट परीक्षाओं के लिए कई विद्यालयों को दोहरे केंद्र के रूप में चिह्नित कर दिया गया है। आरपीएस स्कूल कचहरी, आरपीएस मकनपुर, नालंदा विद्या मंदिर और कैम्ब्रिज स्कूल को दोनों परीक्षाओं के केंद्र बना दिए गए हैं। इन विद्यालयों में सात फरवरी को एक साथ दो महत्वपूर्ण परीक्षाओं का संचालन करना व्यावहारिक रूप से असंभव प्रतीत हो रहा है। आंकड़ों के अनुसार, आरपीएस मकनपुर में 1476 इंटरमीडिएट परीक्षार्थी, आरपीएस कचहरी में 1464, नालंदा विद्या मंदिर में 1165 और कैम्ब्रिज स्कूल में 770 विद्यार्थियों के लिए इंटर परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं। इसी के साथ इन्हीं केंद्रों पर सी-टेट परीक्षा के लिए भी कम से कम 600 परीक्षार्थियों की व्यवस्था की गई है। समय-सारणी का टकराव बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा इंटरमीडिएट की परीक्षा 2 फरवरी से 13 फरवरी तक निर्धारित की गई है। पहली पाली साढ़े नौ बजे से दोपहर 12:45 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर दो बजे से शाम सवा पांच बजे तक संचालित होनी है। सात फरवरी को सी-टेट परीक्षा का आयोजन भी इसी समय-सीमा में होना है, जिससे संसाधनों और स्थान की गंभीर कमी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सीबीएसई स्कूल संघ ने उठाई आवाज सीबीएसई नालंदा स्कूल संघ के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी कुंदन कुमार से मुलाकात कर इस विसंगति की ओर ध्यान आकर्षित किया। संघ ने इंटरमीडिएट परीक्षा केंद्रों को इन विद्यालयों से हटाने की मांग रखी है। स्कूल संचालकों का तर्क है कि सी-टेट जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा के लिए स्वच्छ, शांतिपूर्ण और कदाचारमुक्त वातावरण अनिवार्य है, जो दोनों परीक्षाओं के एक साथ संचालन से संभव नहीं होगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी बोले- ये जटिल परिस्थिति है इस मामले पर जिला शिक्षा पदाधिकारी आनंद विजय ने स्वीकार किया कि यह एक जटिल परिस्थिति है। उन्होंने कहा कि इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए केंद्रों का चयन काफी पहले कर लिया गया था। अब सी-टेट के केंद्र भी इन्हीं विद्यालयों में बना दिए गए हैं। इंटर का केंद्र बदलना अब नामुमकिन है, लेकिन सी-टेट का केंद्र बदलने का प्रयास किया जाएगा।


