भारत के साथ लड़ाई आसान नहीं थी, हमें ऐन वक्त पर अल्लाह का साथ मिला, पाक सेनाध्यक्ष असीम मुनीर का बयान

भारत के साथ लड़ाई आसान नहीं थी, हमें ऐन वक्त पर अल्लाह का साथ मिला, पाक सेनाध्यक्ष असीम मुनीर का बयान

पाकिस्तान सेना के प्रमुख व फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने एक कार्यक्रम में कुछ महीने पहले हुए भारत-पाक सैन्य टकराव का जिक्र किया है। उन्होंने दावा किया कि भारत के साथ लड़ाई आसान नहीं थी, दोनों सेनाओं के बीच टकराव के दौरान ‘अल्लाह’ ने पाकिस्तान की मदद की थी।

मुनीर ने कहा कि भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। जिसके बाद संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को ईश्वरीय मदद मिली। पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए यह ऑपरेशन चलाया गया था। पहलगाम हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई थी। ऑपरेशन का मकसद पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था।

हमने लड़ाई के दौरान अल्लाह को महसूस किया- मुनीर

मुनीर ने रविवार को कहा- अल्लाह ने भारत के साथ लड़ाई में हमारा साथ दिया, हमने ऐसा महसूस भी किया था। मुनीर का भाषण पूरी तरह से धार्मिक बातों से जुड़ा हुआ था। उन्होंने आज के पाकिस्तान और 1,400 साल पहले अरब इलाके में पैगंबर द्वारा बनाए गए इस्लामिक राज्य के बीच तुलना की।

अपने भाषण में मुनीर ने कुरान की कई बातों का भी जिक्र किया। मुस्लिम देशों का जिक्र करते हुए पाक सेना अध्यक्ष ने कहा कि वैसे तो दुनिया में 57 इस्लामिक देश हैं, लेकिन पाकिस्तान को अल्लाह ने एक खास सम्मान दिया है।

अफगानिस्तान से चल रही लड़ाई पर क्या बोले मुनीर

वहीं, अपने भाषण में मक्का और मदीना का जिक्र करते हुए मुनीर ने कहा- अल्लाह ने हमें हरमैन शरीफैन का रक्षक होने का सम्मान दिया है। इस बीच, मुनीर ने अफगानिस्तान से चल रही लड़ाई का भी जिक्र किया।

उन्होंने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार से पाकिस्तान और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के बीच एक साफ चुनाव करने को कहा। मुनीर ने दावा किया कि पाकिस्तान में घुसपैठ करने वाले टीटीपी के ग्रुप में 70 प्रतिशत अफगानी हैं।

ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकी ठिकानों को कर दिया तबाह

बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर कई आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। इसमें कई आतंकियों की जानें गईं थीं। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। दोनों देशों के बीच लगभग चार दिनों तक जबरदस्त सैन्य टकराव हुआ। कुछ दिनों बाद आपसी सहमति से युद्ध विराम किया गया।

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