मध्य प्रदेश के 6.5 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों के लिए 1 जनवरी 2026 से छुट्टियों का पूरा कैलेंडर बदलने जा रहा है। 48 साल पुराने मध्यप्रदेश अवकाश नियम 1977 की जगह अब मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 लागू होंगे। नए नियम केंद्र सरकार के नियमों के लगभग समान हैं और इन्हें मौजूदा सामाजिक और प्रशासनिक जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है। नए नियमों के मुताबिक अब बीमारी और मातृत्व अवकाश लेना ज्यादा सुविधाजनक होगा, वहीं इनके दुरुपयोग पर भी लगाम लगेगी। अधिकारी छुट्टी देने में मनमानी न कर सकें, इसके लिए रोस्टर बनाना अनिवार्य होगा। अधिकारियों का कहना है कि नए नियमों को ज्यादा जेंडर न्यूट्रल बनाया गया है, जिसमें सरोगेसी और सिंगल फादर जैसी नई परिस्थितियों के लिए भी प्रावधान जोड़े गए हैं। मंडे स्टोरी में जानिए नए साल में कर्मचारियों की छुट्टियों का कैलेंडर कैसे बदलने वाला है जानिए नए नियमों के 10 बड़े बदलाव 1. साल की शुरुआत में ही खाते में आ जाएगी EL (अर्निंग लीव)
यह सबसे बड़ा और सुविधाजनक बदलाव है। अभी तक अर्जित अवकाश (EL) साल भर की नौकरी पूरी होने के बाद कर्मचारी के खाते में दर्ज होता था। अब ऐसा नहीं होगा। 1 जनवरी को 15 EL: साल की शुरुआत में ही 15 दिन की EL खाते में क्रेडिट हो जाएगी। 1 जुलाई को 15 EL: साल के मध्य में फिर 15 दिन की EL जुड़ जाएगी। नए कर्मचारियों को भी फायदा: नई जॉइनिंग करने वाले कर्मचारी को भी जॉइनिंग के साथ ही आनुपातिक रूप से EL मिल जाएगी। यह सुविधा काम शुरू करने से पहले ही कर्मचारियों को अवकाश की सुरक्षा देगी। 2. शिक्षकों और प्रोफेसरों को भी मिलेगी 10 दिन की EL
अध्यापन कार्य में लगे सरकारी कर्मचारी, जिन्हें ग्रीष्मकालीन अवकाश मिलता है, उन्हें अभी तक अर्जित अवकाश की पात्रता नहीं थी। इससे उन्हें साल के बीच में जरूरी काम आने पर परेशानी होती थी। अब मिलेगा 10 दिन का अर्जित अवकाश: नए नियमों के तहत अब इन कर्मचारियों को भी साल में 10 दिन का अर्जित अवकाश मिलेगा। 5 दिन की EL जनवरी में और 5 दिन की जुलाई में उनके खाते में जुड़ जाएगी। 4. ड्यूटी पर घायल होने पर 2 साल का विशेष अवकाश
प्रदेश में कर्मचारियों और अधिकारियों पर ड्यूटी के दौरान बढ़ते हमलों और दुर्घटनाओं को देखते हुए यह विशेष प्रावधान किया गया है। स्पेशल मेडिकल लीव: यदि कोई कर्मचारी कर्तव्य पालन करते हुए हमले या दुर्घटना में घायल होता है, तो उसे मेडिकल ऑफिसर की अनुशंसा पर 2 साल तक का विशेष अवकाश मिल सकेगा। वेतन: इस अवकाश के पहले 180 दिनों में पूरा वेतन मिलेगा। शेष अवधि में आधा वेतन मिलेगा। कर्मचारी चाहे तो इस अवधि में अपनी EL समायोजित कराकर पूरा वेतन ले सकता है। यह छुट्टियां कर्मचारी के अवकाश खाते से नहीं काटी जाएंगी। 5. CL के साथ जुड़ जाएगी मेडिकल लीव
अभी तक आकस्मिक अवकाश (CL) के तुरंत बाद मेडिकल लीव लेने पर तकनीकी समस्या होती थी। यदि कोई कर्मचारी बीमार होने पर 1-2 दिन की CL ले लेता है और बाद में उसे मेडिकल लीव की जरूरत पड़ती है, तो उसकी CL बर्बाद हो जाती थी। अब मिलेगी राहत: नए नियमों के तहत, कर्मचारी जॉइनिंग के 15 दिन के अंदर अपनी शुरुआती CL को मेडिकल लीव में बदलवा सकेगा। इससे उसकी CL बच जाएगी और पूरी छुट्टी मेडिकल लीव में गिनी जाएगी। 7. प्रोबेशनर्स के लिए भी स्पष्ट हुए छुट्टी के नियम
अभी तक प्रोबेशन पीरियड में रहने वाले कर्मचारियों के लिए अवकाश के नियम स्पष्ट नहीं थे। अब मिलेगी पात्रता: नए नियमों में स्पष्ट कर दिया गया है कि प्रोबेशनर्स को भी नियमानुसार अवकाश की पात्रता होगी। प्रशिक्षु कर्मचारियों को मेडिकल सर्टिफिकेट पर अधिकतम 1 महीने का अवकाश मिल सकेगा। 8. चाइल्ड केयर लीव: दूसरे साल 80% वेतन
चाइल्ड केयर लीव के तहत 730 दिनों के अवकाश की पात्रता पहले की तरह ही रहेगी, लेकिन वेतन के नियम में बदलाव किया गया है। पहले 365 दिन: पूरा वेतन मिलेगा। अगले 365 दिन: वेतन का 80 प्रतिशत भुगतान होगा। 10. अवकाश अधिकार नहीं, लेकिन मनमानी भी नहीं
नए नियमों में यह स्पष्ट किया गया है कि अवकाश अधिकार नहीं है और इसे लोकहित में निरस्त किया जा सकता है। हालांकि, इसका उद्देश्य कर्मचारियों के अवकाश के अधिकार को कम करना नहीं है। अधिकारी छुट्टी देने में मनमानी न कर सकें, इसके लिए उन्हें कर्मचारियों का रोस्टर भी बनाना होगा। कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी परिस्थिति में 5 वर्ष से अधिक अवकाश पर नहीं रह सकता।


