शहर के कई इलाकों में महीनों से स्ट्रीट लाइट्स खराब हैं, जिसके कारण सड़कों पर शाम पांच बजे के बाद ही अंधेरा पसर जाता है। लेकिन इन स्ट्रीट लाइट को ठीक करने का काम पटना नगर निगम नहीं कर रहा है। अटल पथ के दोनों ओर सर्विस लेन पर अंधेरा रहता है। अधिकतर हिस्से की स्ट्रीट लाइट नहीं जलती है। यही हाल शहर की मुख्य सड़कों के साथ वार्डों की गलियों का भी है। वहीं, पाटलिपुत्र इंडस्ट्रीयल एरिया की स्थिति और भी बदतर है। इस इलाके में बड़ी-बड़ी कंपनियां और उनके कार्यालय हैं, लेकिन यहां की सड़कों पर अंधेरा पसरा रहता है, जिसके कारण लोगों को काफी परेशानयों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार अंधेरे के कारण दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। लोगों को हमेशा छिनतई और चोरी का डर बना रहता है। यह डर इस ठंड के मौसम में और भी बढ़ गया है। घने कोहरे के कारण शाम में ही सड़कों पर अंधेरा हो जाता है। कुछ भी दिखाई नहीं देता है। यदि समय रहते स्ट्रीट लाइट को ठीक नहीं किया गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इधर, पटना नगर निगम केवल कागजों पर ही स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए प्लान तैयार कर रहा है। जमीनी हकीकत अलग ही है। जो स्ट्रीट लाइट एक बार खराब हो जा रही है, उसकी मरम्मत करने वाला कोई नहीं है। जबकि, भारत सरकार की एजेंसी ईईएलएल कंपनी को शहर में स्ट्रीट लाइट लगाने व मरम्मत करने की जिम्मेदारी दी गई है। पाटलिपुत्र इंडस्ट्रीयल एरिया : शाम 5 बजे के बाद ही अंधेरा पाटलिपुत्र इंडस्ट्रीयल एरिया की अधिकतर स्ट्रीट लाइटें खराब हैं, जिसके चलते शाम 5 बजे के बाद ही पूरे इलाके में अंधेरा पसर जाता है। वाहनों की रोशनी या फिर कार्यालयों के आसपास लगी लाइट से ही कुछ रोशनी रहती है। हालांकि, इस इलाके में बड़ी-बड़ी कंपनियां और उनके कार्यालय हैं, लेकिन वहां तक पहुंचने वाली सड़कों पर स्ट्रीट लाइट नहीं जलती है। इसके कारण राहगीरों के साथ-साथ कर्मचारियों को काफी परेशानी होती है। वहीं, पटना नगर निगम मुख्यालय से लेकर स्थानीय वार्ड पार्षद को इस दिक्कत से कोई लेना-देना नहीं है। फाइलों में दबकर रह गई स्ट्रीट लाइट लगाने की योजना निगम पिछले तीन साल में तीन बार स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए वार्डों का सर्वे कर चुका है। प्रत्येक वार्ड में 100-100 लाइट लगाने की योजना भी बनी थी, लेकिन यह फाइलों में ही दबकर रह गई। अब एक बार फिर निगम सर्वे करेगा। निगम कमिश्नर यशपाल मीणा ने बताया कि अब सभी 75 वार्डों में सभी कार्यपालक पदाधिकारी संबंधित वार्ड पार्षद के साथ सर्वे करेंगे। इस दौरान मैनहोल, स्ट्रीट लाइट आदि से जुड़ी समस्याओं की सूची बनाकर निगम को सौंपी जाएगी। दीघा से बेली रोड जाने वाली सड़क खतरनाक दीघा से बेली रोड जाने के लिए लोग नगर रोड का इस्तेमाल करते हैं। यह सड़क एम्स एलिवेटेड के नीचे से गुजरती है, जो गोला रोड, आरपीएस मोड़, सगुना मोड़, खगौल रोड और दानापुर जैसी बड़ी आबादी को जोड़ती है। लेकिन, इस सड़क पर हमेशा अंधेरा रहता है। दीघा से लेकर दानापुर स्टेशन तक जाने वाली नहर सड़क पर एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं जलती है। अंधेरे के कारण रात में इस सड़क पर वाहन चलना खतरनाक हो गया है। वहीं यह सड़क पूरी तरह जर्जर है, ऊपर से रोशनी नहीं होने के कारण कभी भी हादसे हो सकते हैं। शहर के कई इलाकों में महीनों से स्ट्रीट लाइट्स खराब हैं, जिसके कारण सड़कों पर शाम पांच बजे के बाद ही अंधेरा पसर जाता है। लेकिन इन स्ट्रीट लाइट को ठीक करने का काम पटना नगर निगम नहीं कर रहा है। अटल पथ के दोनों ओर सर्विस लेन पर अंधेरा रहता है। अधिकतर हिस्से की स्ट्रीट लाइट नहीं जलती है। यही हाल शहर की मुख्य सड़कों के साथ वार्डों की गलियों का भी है। वहीं, पाटलिपुत्र इंडस्ट्रीयल एरिया की स्थिति और भी बदतर है। इस इलाके में बड़ी-बड़ी कंपनियां और उनके कार्यालय हैं, लेकिन यहां की सड़कों पर अंधेरा पसरा रहता है, जिसके कारण लोगों को काफी परेशानयों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार अंधेरे के कारण दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। लोगों को हमेशा छिनतई और चोरी का डर बना रहता है। यह डर इस ठंड के मौसम में और भी बढ़ गया है। घने कोहरे के कारण शाम में ही सड़कों पर अंधेरा हो जाता है। कुछ भी दिखाई नहीं देता है। यदि समय रहते स्ट्रीट लाइट को ठीक नहीं किया गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इधर, पटना नगर निगम केवल कागजों पर ही स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए प्लान तैयार कर रहा है। जमीनी हकीकत अलग ही है। जो स्ट्रीट लाइट एक बार खराब हो जा रही है, उसकी मरम्मत करने वाला कोई नहीं है। जबकि, भारत सरकार की एजेंसी ईईएलएल कंपनी को शहर में स्ट्रीट लाइट लगाने व मरम्मत करने की जिम्मेदारी दी गई है। पाटलिपुत्र इंडस्ट्रीयल एरिया : शाम 5 बजे के बाद ही अंधेरा पाटलिपुत्र इंडस्ट्रीयल एरिया की अधिकतर स्ट्रीट लाइटें खराब हैं, जिसके चलते शाम 5 बजे के बाद ही पूरे इलाके में अंधेरा पसर जाता है। वाहनों की रोशनी या फिर कार्यालयों के आसपास लगी लाइट से ही कुछ रोशनी रहती है। हालांकि, इस इलाके में बड़ी-बड़ी कंपनियां और उनके कार्यालय हैं, लेकिन वहां तक पहुंचने वाली सड़कों पर स्ट्रीट लाइट नहीं जलती है। इसके कारण राहगीरों के साथ-साथ कर्मचारियों को काफी परेशानी होती है। वहीं, पटना नगर निगम मुख्यालय से लेकर स्थानीय वार्ड पार्षद को इस दिक्कत से कोई लेना-देना नहीं है। फाइलों में दबकर रह गई स्ट्रीट लाइट लगाने की योजना निगम पिछले तीन साल में तीन बार स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए वार्डों का सर्वे कर चुका है। प्रत्येक वार्ड में 100-100 लाइट लगाने की योजना भी बनी थी, लेकिन यह फाइलों में ही दबकर रह गई। अब एक बार फिर निगम सर्वे करेगा। निगम कमिश्नर यशपाल मीणा ने बताया कि अब सभी 75 वार्डों में सभी कार्यपालक पदाधिकारी संबंधित वार्ड पार्षद के साथ सर्वे करेंगे। इस दौरान मैनहोल, स्ट्रीट लाइट आदि से जुड़ी समस्याओं की सूची बनाकर निगम को सौंपी जाएगी। दीघा से बेली रोड जाने वाली सड़क खतरनाक दीघा से बेली रोड जाने के लिए लोग नगर रोड का इस्तेमाल करते हैं। यह सड़क एम्स एलिवेटेड के नीचे से गुजरती है, जो गोला रोड, आरपीएस मोड़, सगुना मोड़, खगौल रोड और दानापुर जैसी बड़ी आबादी को जोड़ती है। लेकिन, इस सड़क पर हमेशा अंधेरा रहता है। दीघा से लेकर दानापुर स्टेशन तक जाने वाली नहर सड़क पर एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं जलती है। अंधेरे के कारण रात में इस सड़क पर वाहन चलना खतरनाक हो गया है। वहीं यह सड़क पूरी तरह जर्जर है, ऊपर से रोशनी नहीं होने के कारण कभी भी हादसे हो सकते हैं।


