सहरसा में पैक्सों पर रफ्तार पकड़ रही धान अधिप्राप्ति:चैनपुर पैक्स में 50 किसानों से 2800 क्विंटल खरीद, MSP पर भुगतान से किसान संतुष्ट

सहरसा में पैक्सों पर रफ्तार पकड़ रही धान अधिप्राप्ति:चैनपुर पैक्स में 50 किसानों से 2800 क्विंटल खरीद, MSP पर भुगतान से किसान संतुष्ट

सहरसा में सरकार गठन के बाद सहकारिता विभाग द्वारा संचालित पैक्सों पर धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया ने रफ्तार पकड़ ली है। जिले के विभिन्न प्रखंडों में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद की जा रही है। इसी क्रम में कहरा प्रखंड अंतर्गत चैनपुर पैक्स की स्थिति की पड़ताल की गई, जहां धान अधिप्राप्ति का कार्य संतोषजनक ढंग से जारी है। अब तक 2800 क्विंटल धान की खरीद चैनपुर पैक्स के प्रबंधक जय नारायण मिश्र ने बताया कि अब तक पंचायत के विभिन्न गांवों के करीब 50 किसानों से 2800 क्विंटल धान की अधिप्राप्ति की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि धान खरीद की प्रक्रिया लगातार जारी है और योग्य किसानों का धान सरकार द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुरूप लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पैक्स स्तर पर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसानों को किसी प्रकार की अनावश्यक परेशानी न हो। तौल, पंजीकरण और धान जमा करने की प्रक्रिया को सरल रखने का प्रयास किया जा रहा है। एमएसपी पर भुगतान से किसान संतुष्ट धान बेचने पहुंचे किसान अमरनाथ ठाकुर, संजय झा सहित अन्य किसानों ने बताया कि यदि साफ-सुथरा और गुणवत्तापूर्ण धान लाया जाता है, तो पैक्स में किसी तरह की समस्या नहीं होती है। किसानों ने कहा कि उनके द्वारा बेचे गए धान का भुगतान सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अनुसार समय पर प्राप्त हो गया है, जिससे वे संतुष्ट हैं। किसानों का कहना है कि धान अधिप्राप्ति शुरू होने से बाजार में औने-पौने दाम पर धान बेचने की मजबूरी कम हुई है और सरकारी व्यवस्था से उन्हें राहत मिली है। खराब और अधिक नमी वाले धान को लेकर परेशानी हालांकि पैक्स प्रबंधक जय नारायण मिश्र ने बताया कि कुछ किसान जबरन खराब और अधिक नमी वाला धान लेकर पहुंच जाते हैं। ऐसे धान को लेने से मना करने पर कई बार शिकायत और दबाव की स्थिति बनती है। जबकि विभाग की ओर से स्पष्ट निर्देश है कि केवल निर्धारित गुणवत्ता वाला धान ही अधिप्राप्त किया जाए। उन्होंने बताया कि ऐसे किसानों को गोदाम पर ही धान की सफाई कराने और नमी कम करने की सलाह दी जाती है, इसके बावजूद कुछ किसान बिना साफ किए धान लाने और फिर शिकायत करने से बाज नहीं आते। मिलरों की शर्तों से पैक्स की मजबूरी पैक्स अध्यक्ष रमेश चंद्र ठाकुर ने बताया कि पैक्स द्वारा अधिप्राप्त धान को संबंधित मिलों के माध्यम से चावल में परिवर्तित कर जमा किया जाता है। मिलर डैमेज और खराब धान स्वीकार नहीं करते हैं। ऐसी स्थिति में पैक्स के लिए साफ और गुणवत्तापूर्ण धान की अधिप्राप्ति करना मजबूरी बन जाती है। उन्होंने कहा कि किसानों और पैक्स के बीच बेहतर समन्वय से ही धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया को सुचारू रूप से आगे बढ़ाया जा सकता है। यदि किसान गुणवत्ता मानकों का पालन करें, तो न तो पैक्स को परेशानी होगी और न ही किसानों को। सहरसा में सरकार गठन के बाद सहकारिता विभाग द्वारा संचालित पैक्सों पर धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया ने रफ्तार पकड़ ली है। जिले के विभिन्न प्रखंडों में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद की जा रही है। इसी क्रम में कहरा प्रखंड अंतर्गत चैनपुर पैक्स की स्थिति की पड़ताल की गई, जहां धान अधिप्राप्ति का कार्य संतोषजनक ढंग से जारी है। अब तक 2800 क्विंटल धान की खरीद चैनपुर पैक्स के प्रबंधक जय नारायण मिश्र ने बताया कि अब तक पंचायत के विभिन्न गांवों के करीब 50 किसानों से 2800 क्विंटल धान की अधिप्राप्ति की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि धान खरीद की प्रक्रिया लगातार जारी है और योग्य किसानों का धान सरकार द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुरूप लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पैक्स स्तर पर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसानों को किसी प्रकार की अनावश्यक परेशानी न हो। तौल, पंजीकरण और धान जमा करने की प्रक्रिया को सरल रखने का प्रयास किया जा रहा है। एमएसपी पर भुगतान से किसान संतुष्ट धान बेचने पहुंचे किसान अमरनाथ ठाकुर, संजय झा सहित अन्य किसानों ने बताया कि यदि साफ-सुथरा और गुणवत्तापूर्ण धान लाया जाता है, तो पैक्स में किसी तरह की समस्या नहीं होती है। किसानों ने कहा कि उनके द्वारा बेचे गए धान का भुगतान सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अनुसार समय पर प्राप्त हो गया है, जिससे वे संतुष्ट हैं। किसानों का कहना है कि धान अधिप्राप्ति शुरू होने से बाजार में औने-पौने दाम पर धान बेचने की मजबूरी कम हुई है और सरकारी व्यवस्था से उन्हें राहत मिली है। खराब और अधिक नमी वाले धान को लेकर परेशानी हालांकि पैक्स प्रबंधक जय नारायण मिश्र ने बताया कि कुछ किसान जबरन खराब और अधिक नमी वाला धान लेकर पहुंच जाते हैं। ऐसे धान को लेने से मना करने पर कई बार शिकायत और दबाव की स्थिति बनती है। जबकि विभाग की ओर से स्पष्ट निर्देश है कि केवल निर्धारित गुणवत्ता वाला धान ही अधिप्राप्त किया जाए। उन्होंने बताया कि ऐसे किसानों को गोदाम पर ही धान की सफाई कराने और नमी कम करने की सलाह दी जाती है, इसके बावजूद कुछ किसान बिना साफ किए धान लाने और फिर शिकायत करने से बाज नहीं आते। मिलरों की शर्तों से पैक्स की मजबूरी पैक्स अध्यक्ष रमेश चंद्र ठाकुर ने बताया कि पैक्स द्वारा अधिप्राप्त धान को संबंधित मिलों के माध्यम से चावल में परिवर्तित कर जमा किया जाता है। मिलर डैमेज और खराब धान स्वीकार नहीं करते हैं। ऐसी स्थिति में पैक्स के लिए साफ और गुणवत्तापूर्ण धान की अधिप्राप्ति करना मजबूरी बन जाती है। उन्होंने कहा कि किसानों और पैक्स के बीच बेहतर समन्वय से ही धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया को सुचारू रूप से आगे बढ़ाया जा सकता है। यदि किसान गुणवत्ता मानकों का पालन करें, तो न तो पैक्स को परेशानी होगी और न ही किसानों को।  

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