मेघालय सरकार ने शनिवार, 20 दिसंबर को खासी और गारो भाषा को कक्षा 1 तक के बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की। इस कदम का उद्देश्य बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को सरल बनाना और उन्हें राज्य की स्थानीय संस्कृति से शुरुआती स्तर पर जोड़ना है। दरअसल बहुत सारे स्कूल अपने सिलेबस पहले से ही तय कर चुके हैं। ऐसे में नई टेक्स्ट बुक्स आगामी एकेडमिक सेशन यानी 2026-27 में ऑप्शनल रहेंगी। हालांकि, उसके अगले साल से नई टेक्स्ट बुक्स को अनिवार्य कर दिया जाएगा। ये बदलाव प्री-स्कूल से कक्षा-1 तक के फंडामेंटल स्टेज के लिए लागू होगा। नए करिकुलम में 3 बातों पर विशेष जोर दिया जाएगा- रिवाइज्ड पे स्ट्रक्चर को भी मंजूरी मिली इसके अलावा कैबिनेट ने सर्व शिक्षा अभियान और एड-हॉक शिक्षकों के लिए संशोधित वेतन संरचना के रिवाइज्ड पे स्ट्रक्चर को भी मंजूरी दे दी है। इसकी बहुत दिनों से मांग चल रही थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये निर्णय शिक्षकों के योगदान को सम्मान देने और शिक्षा व्यवस्था को स्थिर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। ——————
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खासी और गारो भाषा कक्षा 1 तक के पाठ्यक्रम में:ईजी लर्निंग के लिए मेघालय सरकार का फैसला, इतिहास और परंपराओं पर विशेष जोर रहेगा


