हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना का आरोप:अररिया के MLDPK यादव कॉलेज का मामला, 3 महीना बाद भी लागू नहीं हुआ HC का आदेश

हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना का आरोप:अररिया के MLDPK यादव कॉलेज का मामला, 3 महीना बाद भी लागू नहीं हुआ HC का आदेश

पूर्णिया यूनिवर्सिटी के एम.एल.डी.पी.के यादव कॉलेज अररिया से जुड़ा प्रिंसिपल पद का विवाद लगातार गहराता जा रहा है। मामला अब प्रशासनिक लापरवाही और हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी से जुड़ता नजर आ रहा है। जानकारी देते हुए प्रो. इन्दु कुमार सिंह ने बताया कि 18 जुलाई को अररिया SDO और तदर्थ समिति सचिव ने कॉलेज में एडहॉक कमेटी का गठन कर तत्कालीन प्रधानाचार्य प्रो. इन्दु कुमार सिंह को हटाते हुए प्रो. वकील सिंह को प्रभारी प्रधानाचार्य बना दिया था। इस फैसले के खिलाफ प्रो. इन्दु कुमार सिंह ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की। 18 सितंबर को इंदु सिंह को ही प्रधानाचार्य बनाने का आदेश दिया था मामले की सुनवाई के बाद 18 सितंबर 2025 को पटना हाईकोर्ट ने साफ आदेश दिया कि अंतिम फैसला आने तक प्रो. इन्दु कुमार सिंह को ही कॉलेज का प्रधानाचार्य बनाया जाए। साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि एडहॉक कमेटी को प्रधानाचार्य हटाने का कोई अधिकार नहीं है। इसके बावजूद आरोप है कि हाईकोर्ट के आदेश के तीन महीने बाद भी प्रो. इन्दु कुमार सिंह को अब तक प्रधानाचार्य का चार्ज नहीं दिया गया है। यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट और अनुमंडल पदाधिकारी अररिया की ओर से आदेश को लागू नहीं किया गया। यहां तक कि 1 दिसंबर 2025 को विश्वविद्यालय के कुलसचिव द्वारा भेजे गए पत्र में भी पूर्व प्रधानाचार्य को चार्ज देने का कोई स्पष्ट निर्देश नहीं था। 9 दिसंबर को इंदु सिंह को प्रधानाचार्य को चार्ज सौंपने को कहा वहीं, 9 दिसंबर को अररिया समाहरणालय के विशेष कार्य पदाधिकारी ने भी अनुमंडल पदाधिकारी को पत्र लिखकर प्रो. इन्दु कुमार सिंह को फिर से प्रधानाचार्य का चार्ज सौंपने को कहा, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पूरे विवाद की वजह से कॉलेज का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। नामांकन, परीक्षा, प्रमाण पत्र, छात्रवृत्ति, आंतरिक मूल्यांकन जैसे जरूरी शैक्षणिक और प्रशासनिक काम ठप पड़े हैं। सबसे ज्यादा परेशानी छात्र-छात्राओं को झेलनी पड़ रही है। प्रिंसिपल की लड़ाई को लेकर ग्रांट मनी की प्रक्रिया भी रुकी है छात्र नेता सौरभ कुमार ने बताया कि इस कॉलेज में प्रिंसिपल की लड़ाई को लेकर अनुदान राशि की भी प्रक्रिया रुकी है। जिस कारण अब तक शिक्षकों और कर्मचारियों को अनुदान की राशि नहीं मिल सकी है। साथ ही इस महाविद्यालय का खाता भी बंद है। जिस वजह से कर्मचारी को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्राचार्य की लड़ाई को लेकर तदर्थ कमिटी और विवि प्रशासन को जल्द निर्णय करना चाहिए। इस मुद्दे पर छात्र राजद पूर्णिया जिला अध्यक्ष मोहम्मद बिस्मिल ने कहा कि जब तक कॉलेज में नेतृत्व को लेकर स्थिति साफ नहीं होगी, तब तक छात्रों का नुकसान होता रहेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन और अनुमंडल पदाधिकारी किसी दबाव में आकर हाईकोर्ट के आदेश को लागू नहीं कर रहे हैं, जो गंभीर मामला है। बिस्मिल ने चेतावनी दी कि अगर एक सप्ताह के भीतर प्रो. इन्दु कुमार सिंह को प्रधानाचार्य का चार्ज नहीं दिया गया, तो छात्र राजद आंदोलन करेगा और जरूरत पड़ी तो फिर से हाईकोर्ट का रुख किया जाएगा। पूर्णिया यूनिवर्सिटी के एम.एल.डी.पी.के यादव कॉलेज अररिया से जुड़ा प्रिंसिपल पद का विवाद लगातार गहराता जा रहा है। मामला अब प्रशासनिक लापरवाही और हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी से जुड़ता नजर आ रहा है। जानकारी देते हुए प्रो. इन्दु कुमार सिंह ने बताया कि 18 जुलाई को अररिया SDO और तदर्थ समिति सचिव ने कॉलेज में एडहॉक कमेटी का गठन कर तत्कालीन प्रधानाचार्य प्रो. इन्दु कुमार सिंह को हटाते हुए प्रो. वकील सिंह को प्रभारी प्रधानाचार्य बना दिया था। इस फैसले के खिलाफ प्रो. इन्दु कुमार सिंह ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की। 18 सितंबर को इंदु सिंह को ही प्रधानाचार्य बनाने का आदेश दिया था मामले की सुनवाई के बाद 18 सितंबर 2025 को पटना हाईकोर्ट ने साफ आदेश दिया कि अंतिम फैसला आने तक प्रो. इन्दु कुमार सिंह को ही कॉलेज का प्रधानाचार्य बनाया जाए। साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि एडहॉक कमेटी को प्रधानाचार्य हटाने का कोई अधिकार नहीं है। इसके बावजूद आरोप है कि हाईकोर्ट के आदेश के तीन महीने बाद भी प्रो. इन्दु कुमार सिंह को अब तक प्रधानाचार्य का चार्ज नहीं दिया गया है। यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट और अनुमंडल पदाधिकारी अररिया की ओर से आदेश को लागू नहीं किया गया। यहां तक कि 1 दिसंबर 2025 को विश्वविद्यालय के कुलसचिव द्वारा भेजे गए पत्र में भी पूर्व प्रधानाचार्य को चार्ज देने का कोई स्पष्ट निर्देश नहीं था। 9 दिसंबर को इंदु सिंह को प्रधानाचार्य को चार्ज सौंपने को कहा वहीं, 9 दिसंबर को अररिया समाहरणालय के विशेष कार्य पदाधिकारी ने भी अनुमंडल पदाधिकारी को पत्र लिखकर प्रो. इन्दु कुमार सिंह को फिर से प्रधानाचार्य का चार्ज सौंपने को कहा, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पूरे विवाद की वजह से कॉलेज का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। नामांकन, परीक्षा, प्रमाण पत्र, छात्रवृत्ति, आंतरिक मूल्यांकन जैसे जरूरी शैक्षणिक और प्रशासनिक काम ठप पड़े हैं। सबसे ज्यादा परेशानी छात्र-छात्राओं को झेलनी पड़ रही है। प्रिंसिपल की लड़ाई को लेकर ग्रांट मनी की प्रक्रिया भी रुकी है छात्र नेता सौरभ कुमार ने बताया कि इस कॉलेज में प्रिंसिपल की लड़ाई को लेकर अनुदान राशि की भी प्रक्रिया रुकी है। जिस कारण अब तक शिक्षकों और कर्मचारियों को अनुदान की राशि नहीं मिल सकी है। साथ ही इस महाविद्यालय का खाता भी बंद है। जिस वजह से कर्मचारी को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्राचार्य की लड़ाई को लेकर तदर्थ कमिटी और विवि प्रशासन को जल्द निर्णय करना चाहिए। इस मुद्दे पर छात्र राजद पूर्णिया जिला अध्यक्ष मोहम्मद बिस्मिल ने कहा कि जब तक कॉलेज में नेतृत्व को लेकर स्थिति साफ नहीं होगी, तब तक छात्रों का नुकसान होता रहेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन और अनुमंडल पदाधिकारी किसी दबाव में आकर हाईकोर्ट के आदेश को लागू नहीं कर रहे हैं, जो गंभीर मामला है। बिस्मिल ने चेतावनी दी कि अगर एक सप्ताह के भीतर प्रो. इन्दु कुमार सिंह को प्रधानाचार्य का चार्ज नहीं दिया गया, तो छात्र राजद आंदोलन करेगा और जरूरत पड़ी तो फिर से हाईकोर्ट का रुख किया जाएगा।  

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