हिजाब विवाद पर जीतन राम मांझी का गजब लॉजिक, बोले- 74 साल का बुजुर्ग करे तो गलत नहीं

हिजाब विवाद पर जीतन राम मांझी का गजब लॉजिक, बोले- 74 साल का बुजुर्ग करे तो गलत नहीं

Hijab Controversy: हिजाब विवाद को लेकर शब्दों की जंग लगातार चल रही है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बचाव में सामने आए हैं। मांझी ने कहा कि 74 साल के नेता की नियत पर सवाल उठाना गलत है।  

Hijab Controversy: बिहार में हिजाब विवाद को लेकर चल रही राजनीतिक बयानबाजी के बीच, केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक जीतन राम मांझी ने खुले तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बचाव किया है। गया जी में मीडिया से बात करते हुए मांझी ने एक ऐसा तर्क दिया है जिसने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है।

20-25 साल के होते तो सवाल उठता

जीतन राम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में हिजाब की घटना को जिस तरह से बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है, वह पूरी तरह से गैर-जरूरी है। उन्होंने कहा, “अगर नीतीश कुमार 20-25 साल के नौजवान होते और उन्होंने ऐसा कुछ किया होता, तो सवाल उठता। लेकिन वह 74 साल के बुजुर्ग और अनुभवी नेता हैं। तो इसमें गलत क्या है?” मांझी ने साफ तौर पर कहा कि नीतीश कुमार की नीयत पर सवाल उठाना गलत है।

इरादे गलत नहीं थे – जीतन राम मांझी

मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री के इरादों को गलत तरीके से पेश क राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री का इरादा सिर्फ इतना था कि जब कोई महिला डॉक्टर सार्वजनिक जीवन में लोगों से मिलती है और उनकी सेवा करती है, तो उसे अपना चेहरा ढकने की ज़रूरत नहीं है। इसमें न तो कोई अपमान था और न ही किसी समुदाय को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा था।

Hijab Controversy: विपक्ष पर सीधा हमला

इस मौके पर मांझी ने विपक्षी पार्टियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल जानबूझकर सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के लिए इस मुद्दे को हवा दे रहे हैं। मांझी ने कहा कि हिजाब को मुद्दा बनाकर राजनीति की जा रही है। जबकि नुसरत परवीन और उनके परिवार ने खुद कहा है कि इस मामले को ज़्यादा नहीं बढ़ाना चाहिए।

नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन का जिक्र

मांझी ने यह भी कहा कि कुछ लोग हिजाब की घटना को लेकर धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने अपील की कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर संयम बरतना चाहिए और समाज में शांति बनाए रखनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री के लंबे राजनीतिक करियर का ज़िक्र करते हुए कहा कि वह हमेशा सामाजिक न्याय, समावेशी विकास और सभी धर्मों के सम्मान के समर्थक रहे हैं। उनका पूरा जीवन इस बात का सबूत है कि वह कभी किसी समुदाय के खिलाफ नहीं रहे। उनके जीवन के इस पड़ाव पर उनके शब्दों में गलत इरादे ढूंढना सही नहीं है।

  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *