कश्मीर घाटी में कड़ाके की ठंड के 40 दिनों के दौर, जिसे ‘चिल्लई कलां’ कहा जाता है, की शुरुआत बर्फबारी के साथ हुई है। पिछले दो महीनों से जारी असामान्य सूखे के बाद हुई इस बर्फबारी ने लोगों को बड़ी राहत दी है।
कहां हुई बर्फबारी?
सोनमर्ग, गुरेज घाटी, जोजिला, और दक्षिण व उत्तर कश्मीर के ऊंचे इलाकों (जैसे सिंथन टॉप और राजदान पास) में ताजा बर्फ गिरी है। कारगिल और द्रास में भी बर्फबारी की खबरें हैं।
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सूखे से मिली राहत
पिछले दो महीनों से बारिश न होने के कारण पानी के स्रोत सूख रहे थे और सूखी ठंड बढ़ गई थी। इस बर्फबारी से पर्यावरण और खेती को नई संजीवनी मिली है।
मौसम का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, 22 दिसंबर तक रुक-रुक कर बर्फबारी और बारिश जारी रह सकती है। आने वाले दो दिनों में यह और तेज हो सकती है।
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सरकार की तैयारी
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सर्दियों की तैयारियों की समीक्षा की है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि भारी बर्फबारी से निपटने और सड़कों से बर्फ हटाने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है।


