महात्मा गांधी के नाम से जुड़ी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का नाम बदलने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने रविवार को यमुनानगर जिले में भारी विरोध प्रदर्शन किया। जगाधरी के झंडा चौक पर आयोजित इस प्रदर्शन में जिला कांग्रेस के ग्रामीण और शहरी अध्यक्षों की अगुवाई में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां, बैनर और महात्मा गांधी के पोस्टर लिए हुए थे। उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह फैसला केवल एक नाम बदलने का मामला नहीं है, बल्कि महात्मा गांधी की विचारधारा और उनके योगदान का अपमान है। कांग्रेस नेताओं ने इसे गांधीजी के आत्मनिर्भर भारत और ग्राम स्वराज की अवधारणा पर हमला करार दिया। नाम बदलना गांधी के विचारों से खिलवाड़ शहरी जिला कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र ने अपने संबोधन में कहा, “महात्मा गांधी के नाम पर शुरू की गई मनरेगा योजना गरीब, मजदूर और ग्रामीण जनता को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने का माध्यम है। यह योजना बाबा साहब गांधी की उस सोच से प्रेरित है, जिसमें हर व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाया जाए। इसका नाम बदलना उनके विचारों और देश की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है।” ग्रामीण जिला कांग्रेस अध्यक्ष नरपाल सिंह ने कहा, “भाजपा सरकार अपनी विफलताओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए ऐसे फैसले ले रही है। महात्मा गांधी राष्ट्रपिता हैं और उनके नाम को किसी योजना से हटाना अस्वीकार्य है। हम इस फैसले को वापस लेने की मांग करते हैं।” कार्यकर्ताओं ने की जोरदार नारेबाजी प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने जोर-जोर से नारेबाजी की। इस दौरान गांधी जी का अपमान नहीं सहेंगे व भाजपा सरकार शर्म करो जैसे नारे गूंजते रहे। कार्यकर्ताओं ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर आक्रामक रहेगी और यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस फैसले को वापस नहीं लिया तो पार्टी राज्यव्यापी और राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन शुरू करेगी।


