नाइजीरिया के 32 अधिकारी अलवर पहुंचे:अलवर में बारिश का पानी बचाने के तरीकों को जाना, राजगढ़ में वाटरशेड भी देखे

नाइजीरिया के 32 अधिकारी अलवर पहुंचे:अलवर में बारिश का पानी बचाने के तरीकों को जाना, राजगढ़ में वाटरशेड भी देखे

नाइजीरिया के 32 अधिकारियों का एक दल शनिवार को अलवर पहुंचा। अलवर जिला परिषद में जिला परिषद के अधिकारियों की मीटिंग की। इससे पहले राजगढ़ में बारिश के पानी को बचाने के वाटरशेड, तालाब व बावड़ी सहित अन्य जगहों को देखा। राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर), ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार एवं राजस्थान सरकार के सहयोग से वाटरशेड विकास में यात्राएं जारी हैं। इसी के तहत नाइजीरिया के अधिकारी अलवर आए हैं। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सालुंखे गौरव रवीन्द्र ने पीएमकेएसवाई वाटरशेड घटक, मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान, वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान, जल संचय- जन भागीदारी (जेएसजेबी) अभियान की जानकारी दी। इसके अलावा अतिरिक्त निदेशक निर्मला ने जिले में जल संरक्षण प्रयासों एवं सुशीला यादव ने इन कार्यक्रमों में वैज्ञानिक उपकरणों पर प्रस्तुति दी। जिला परिषद सीईओ ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि मंडल की यात्रा एकीकृत ग्रामीण विकास, जलवायु-लचीलापन, वाटरशेड प्रबंधन और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों के साथ पारदर्शी, प्रौद्योगिकी-सक्षम सेवा वितरण में अपने अनुभव को साझा करने की राजस्थान की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती हैं।
प्रतिनिधियों ने राजगढ़ ब्लॉक के गांवों में बने चेक डेम, परकोलेशन टैंक, फार्म तालाब जैसे ताला, लोसाल, घेवर, बीघोटा, नारायणपुर, सुलीबास के तहत प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और एमजेएसए के वाटरशेड घटक के तहत विभिन्न जल संचयन संरचनाओं का दौरा किया। अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ साझा की उपलब्धियां जिला परिषद सीईओ ने वाटरशेड कार्यक्रमों के तहत प्रमुख उपलब्धियों में राज्य भर में 2.5 लाख जल संचयन संरचनाओं का निर्माण, 16 जिलों में परियोजना क्षेत्रों में भूजल स्तर में औसत 4.66 फ़ीट की वृद्धि, 1 लाख हेक्टेयर से अधिक बंजर भूमि को फसल भूमि में परिवर्तन, सिंचित क्षेत्र में 24.9% की वृद्धि और कुल फसल वाले क्षेत्र में 20.2% की वृद्धि तथा
63.64% निष्क्रिय हैंड पंपों का पुनरुद्धार और पानी के टैंकर ट्रिप में 56.13% की कमी शामिल है। इसके अतिरिक वैज्ञानिक योजना के लिए उच्च-रिज़ॉल्यूशन ड्रोन डेटा (5 सेमी रिज़ॉल्यूशन) के साथ जीआईएस और रिमोट सेंसिंग प्रौद्योगिकियों का उपयोग, एकीकृत मोबाइल और वेब अनुप्रयोगों के माध्यम से वास्तविक समय भू-टैग की निगरानी, एमजीएनआरईजीएस सहित कई विभागों और फंडिंग स्रोतों का अभिसरण, राज्य से ग्राम पंचायत स्तर तक मज़बूत संस्थागत तंत्र एवं नक़द और तरह के योगदान के रूप में प्राप्त 110 करोड़ रुपये के साथ सामुदायिक भागीदारी इत्यादि उपलब्धियां की जानकारी दी।

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