लंबित राजस्व मामले 31 दिसंबर तक निपटाने का निर्देश:बेतिया में अंचलाधिकारियों को जिला प्रशासन का अल्टीमेटम, ढिलाई पर होगी कार्रवाई

लंबित राजस्व मामले 31 दिसंबर तक निपटाने का निर्देश:बेतिया में अंचलाधिकारियों को जिला प्रशासन का अल्टीमेटम, ढिलाई पर होगी कार्रवाई

बेतिया जिला प्रशासन ने लंबित राजस्व मामलों के निष्पादन में सख्ती दिखाई है। जिला पदाधिकारी तरनजोत सिंह और अपर समाहर्ता (राजस्व) राजीव रंजन सिन्हा ने सभी अंचलाधिकारियों को 31 दिसंबर तक परिमार्जन, म्यूटेशन, ई-मापी, भूमि सत्यापन, सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने और जन शिकायतों से जुड़े सभी लंबित मामलों को निपटाने का अल्टीमेटम दिया है। प्रतिदिन समीक्षा कर निष्पादन करें सुनिश्चित प्रशासन ने सभी डीसीएलआर को अपने अनुमंडल के अंचलों में लंबित राजस्व कार्यों की प्रतिदिन समीक्षा कर निष्पादन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। अपर समाहर्ता (राजस्व) राजीव रंजन सिन्हा प्रतिदिन शाम 5 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी अंचलों की दैनिक प्रगति की समीक्षा करेंगे। इस दौरान लंबित मामलों की संख्या, निष्पादन की गति और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि 31 दिसंबर तक जिन अंचलाधिकारियों का कार्य निष्पादन संतोषजनक नहीं पाया जाएगा, उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। निष्पादन न होने पर विभागीय कार्रवाई आवश्यकता पड़ने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है। इस कदम का उद्देश्य राजस्व कार्यों में लंबे समय से चली आ रही शिथिलता को समाप्त करना है। लंबित मामलों के त्वरित निष्पादन के लिए जिला प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए सभी अंचलाधिकारियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी हैं। आदेश में कहा गया है कि निर्धारित समय-सीमा के भीतर लक्ष्य पूरा होने तक अधिकारी अपने-अपने कार्यक्षेत्र में पूरी तरह सक्रिय रहेंगे। आम लोगों को सहूलियत देने के लिए लिया फैसला जिला प्रशासन का मानना है कि भूमि और राजस्व से जुड़े मामलों में देरी के कारण आम लोगों को बार-बार कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, जिससे उनमें असंतोष बढ़ता है। इसलिए, एक समयबद्ध, पारदर्शी और जवाबदेह व्यवस्था लागू करना आवश्यक है। प्रशासन को उम्मीद है कि कड़ी निगरानी, दैनिक समीक्षा और जवाबदेही तय होने से राजस्व मामलों के निष्पादन में तेजी आएगी। इससे आम नागरिकों को अनावश्यक परेशानियों से राहत मिलेगी और प्रशासनिक दक्षता में सुधार होगा। बेतिया जिला प्रशासन ने लंबित राजस्व मामलों के निष्पादन में सख्ती दिखाई है। जिला पदाधिकारी तरनजोत सिंह और अपर समाहर्ता (राजस्व) राजीव रंजन सिन्हा ने सभी अंचलाधिकारियों को 31 दिसंबर तक परिमार्जन, म्यूटेशन, ई-मापी, भूमि सत्यापन, सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने और जन शिकायतों से जुड़े सभी लंबित मामलों को निपटाने का अल्टीमेटम दिया है। प्रतिदिन समीक्षा कर निष्पादन करें सुनिश्चित प्रशासन ने सभी डीसीएलआर को अपने अनुमंडल के अंचलों में लंबित राजस्व कार्यों की प्रतिदिन समीक्षा कर निष्पादन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। अपर समाहर्ता (राजस्व) राजीव रंजन सिन्हा प्रतिदिन शाम 5 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी अंचलों की दैनिक प्रगति की समीक्षा करेंगे। इस दौरान लंबित मामलों की संख्या, निष्पादन की गति और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि 31 दिसंबर तक जिन अंचलाधिकारियों का कार्य निष्पादन संतोषजनक नहीं पाया जाएगा, उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। निष्पादन न होने पर विभागीय कार्रवाई आवश्यकता पड़ने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है। इस कदम का उद्देश्य राजस्व कार्यों में लंबे समय से चली आ रही शिथिलता को समाप्त करना है। लंबित मामलों के त्वरित निष्पादन के लिए जिला प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए सभी अंचलाधिकारियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी हैं। आदेश में कहा गया है कि निर्धारित समय-सीमा के भीतर लक्ष्य पूरा होने तक अधिकारी अपने-अपने कार्यक्षेत्र में पूरी तरह सक्रिय रहेंगे। आम लोगों को सहूलियत देने के लिए लिया फैसला जिला प्रशासन का मानना है कि भूमि और राजस्व से जुड़े मामलों में देरी के कारण आम लोगों को बार-बार कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, जिससे उनमें असंतोष बढ़ता है। इसलिए, एक समयबद्ध, पारदर्शी और जवाबदेह व्यवस्था लागू करना आवश्यक है। प्रशासन को उम्मीद है कि कड़ी निगरानी, दैनिक समीक्षा और जवाबदेही तय होने से राजस्व मामलों के निष्पादन में तेजी आएगी। इससे आम नागरिकों को अनावश्यक परेशानियों से राहत मिलेगी और प्रशासनिक दक्षता में सुधार होगा।  

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