राजगीर जू सफारी में प्रवासी पक्षियों का आगमन शूरू:पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र, फॉरेस्ट वैगटेल भी आ रहे

राजगीर जू सफारी में प्रवासी पक्षियों का आगमन शूरू:पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र, फॉरेस्ट वैगटेल भी आ रहे

नालंदा के राजगीर जू सफारी परिसर इन दिनों प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन गया है। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है, जिससे क्षेत्र का प्राकृतिक सौंदर्य बढ़ गया है। दूर-दराज देशों से आए इन रंग-बिरंगे पक्षियों ने जू सफारी को एक महत्वपूर्ण इको-टूरिज्म स्थल के रूप में स्थापित किया है। जू सफारी का शांत वातावरण, विस्तृत हरियाली और स्वच्छ जल स्रोत इन प्रवासी पक्षियों के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल साबित हुआ है। इसी कारण इस मौसम में यहां विभिन्न प्रजातियों के पक्षी देखे जा रहे हैं। इस वर्ष नॉर्दर्न शॉवेलर, कॉटन पिग्मी गूज, कॉमन कूट, कॉमन मूरहेन, सिट्रीन वैगटेल, ग्रीन सैंडपाइपर, ग्रे वैगटेल, व्हाइट-ब्रोड वैगटेल, व्हाइट वैगटेल और फॉरेस्ट वैगटेल जैसी दुर्लभ प्रजातियों की मौजूदगी ने पर्यटकों का विशेष ध्यान आकर्षित किया है। जब ये पक्षी जू सफारी परिसर के तालाबों और जलाशयों में झुंड में उतरते हैं, तो यह दृश्य अत्यंत मनोहारी हो जाता है। खुले आसमान में उड़ान भरते, पानी में भोजन तलाशते और मधुर स्वर में चहचहाते ये पक्षी बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को रोमांचित कर रहे हैं। कई पर्यटक इन खूबसूरत पलों को अपने कैमरे और मोबाइल में कैद करते हुए देखे जा रहे हैं। इस संबंध में जू सफारी के निदेशक राम सुंदर एम ने बताया कि प्रवासी पक्षियों का आगमन गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि संरक्षण प्रयासों, हरियाली और स्वच्छ जल की उपलब्धता के कारण यहां पक्षियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। प्रवासी पक्षियों की उपस्थिति से जैव विविधता और पर्यावरण संतुलन को बढ़ावा मिल रहा है, साथ ही पर्यटन में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की जा रही है। राजगीर जू सफारी बिहार के प्रमुख इको-टूरिज्म स्थलों में अपनी पहचान तेजी से मजबूत कर रहा है। नालंदा के राजगीर जू सफारी परिसर इन दिनों प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन गया है। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है, जिससे क्षेत्र का प्राकृतिक सौंदर्य बढ़ गया है। दूर-दराज देशों से आए इन रंग-बिरंगे पक्षियों ने जू सफारी को एक महत्वपूर्ण इको-टूरिज्म स्थल के रूप में स्थापित किया है। जू सफारी का शांत वातावरण, विस्तृत हरियाली और स्वच्छ जल स्रोत इन प्रवासी पक्षियों के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल साबित हुआ है। इसी कारण इस मौसम में यहां विभिन्न प्रजातियों के पक्षी देखे जा रहे हैं। इस वर्ष नॉर्दर्न शॉवेलर, कॉटन पिग्मी गूज, कॉमन कूट, कॉमन मूरहेन, सिट्रीन वैगटेल, ग्रीन सैंडपाइपर, ग्रे वैगटेल, व्हाइट-ब्रोड वैगटेल, व्हाइट वैगटेल और फॉरेस्ट वैगटेल जैसी दुर्लभ प्रजातियों की मौजूदगी ने पर्यटकों का विशेष ध्यान आकर्षित किया है। जब ये पक्षी जू सफारी परिसर के तालाबों और जलाशयों में झुंड में उतरते हैं, तो यह दृश्य अत्यंत मनोहारी हो जाता है। खुले आसमान में उड़ान भरते, पानी में भोजन तलाशते और मधुर स्वर में चहचहाते ये पक्षी बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को रोमांचित कर रहे हैं। कई पर्यटक इन खूबसूरत पलों को अपने कैमरे और मोबाइल में कैद करते हुए देखे जा रहे हैं। इस संबंध में जू सफारी के निदेशक राम सुंदर एम ने बताया कि प्रवासी पक्षियों का आगमन गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि संरक्षण प्रयासों, हरियाली और स्वच्छ जल की उपलब्धता के कारण यहां पक्षियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। प्रवासी पक्षियों की उपस्थिति से जैव विविधता और पर्यावरण संतुलन को बढ़ावा मिल रहा है, साथ ही पर्यटन में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की जा रही है। राजगीर जू सफारी बिहार के प्रमुख इको-टूरिज्म स्थलों में अपनी पहचान तेजी से मजबूत कर रहा है।  

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