मधेपुरा में शुक्रवार को घना कुहासा छाया रहा, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। सुबह के समय विजिबिलिटी काफी कम दर्ज की गई। जिले का न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में ठंड बढ़ने और अगले तीन दिनों में तापमान में और गिरावट की संभावना जताई है, जिससे शीतलहर का असर बढ़ सकता है। कृषि अनुसंधान केंद्र अगवानपुर के मौसम वैज्ञानिक देवन कुमार चौधरी ने बताया कि अगले पांच दिनों में अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। इस दौरान पछुआ हवा 4 से 5 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चल सकती है। रबी फसलों के लिए मौसम अनुकूल मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में आकाश साफ और मौसम शुष्क बना रहेगा, हालांकि तापमान में धीरे-धीरे गिरावट दर्ज की जाएगी। खेती के दृष्टिकोण से यह मौसम रबी फसलों के लिए अनुकूल बताया जा रहा है। किसान आवश्यकतानुसार फसलों पर रासायनिक छिड़काव कर सकते हैं। आलू की बुआई के लिए अभी भी अनुकूल समय है। किसान कुफरी अशोका, कुफरी पुखराज, कुफरी अरुण जैसी अपनी पसंद की किस्मों की बुआई कर सकते हैं। बुआई से पहले बीजोपचार अनिवार्य है। इसके लिए आलू के कंदों को कार्बेन्डाजिम और मैंकोजेब के 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के घोल में डुबोकर उपचारित करना चाहिए। पशुपालन के क्षेत्र में भी ठंड से बचाव के लिए विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। पशुशाला को साफ-सुथरा और सूखा रखना आवश्यक है। पशुओं को दिन में कई बार स्वच्छ और ताजा पानी पिलाने की भी सलाह दी गई है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह मौसम परिवर्तन के दौरान स्वास्थ्य का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह दी गई है, जिसमें प्रतिदिन 3 से 4 लीटर पानी का सेवन शामिल है। गर्म पानी में दालचीनी और लौंग डालकर पीना या चाय में इनका उपयोग करना लाभकारी बताया गया है। इसके अतिरिक्त, आधे नींबू का नियमित सेवन भी स्वास्थ्य के लिए उपयोगी माना गया है। मधेपुरा में शुक्रवार को घना कुहासा छाया रहा, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। सुबह के समय विजिबिलिटी काफी कम दर्ज की गई। जिले का न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में ठंड बढ़ने और अगले तीन दिनों में तापमान में और गिरावट की संभावना जताई है, जिससे शीतलहर का असर बढ़ सकता है। कृषि अनुसंधान केंद्र अगवानपुर के मौसम वैज्ञानिक देवन कुमार चौधरी ने बताया कि अगले पांच दिनों में अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। इस दौरान पछुआ हवा 4 से 5 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चल सकती है। रबी फसलों के लिए मौसम अनुकूल मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में आकाश साफ और मौसम शुष्क बना रहेगा, हालांकि तापमान में धीरे-धीरे गिरावट दर्ज की जाएगी। खेती के दृष्टिकोण से यह मौसम रबी फसलों के लिए अनुकूल बताया जा रहा है। किसान आवश्यकतानुसार फसलों पर रासायनिक छिड़काव कर सकते हैं। आलू की बुआई के लिए अभी भी अनुकूल समय है। किसान कुफरी अशोका, कुफरी पुखराज, कुफरी अरुण जैसी अपनी पसंद की किस्मों की बुआई कर सकते हैं। बुआई से पहले बीजोपचार अनिवार्य है। इसके लिए आलू के कंदों को कार्बेन्डाजिम और मैंकोजेब के 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के घोल में डुबोकर उपचारित करना चाहिए। पशुपालन के क्षेत्र में भी ठंड से बचाव के लिए विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। पशुशाला को साफ-सुथरा और सूखा रखना आवश्यक है। पशुओं को दिन में कई बार स्वच्छ और ताजा पानी पिलाने की भी सलाह दी गई है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह मौसम परिवर्तन के दौरान स्वास्थ्य का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह दी गई है, जिसमें प्रतिदिन 3 से 4 लीटर पानी का सेवन शामिल है। गर्म पानी में दालचीनी और लौंग डालकर पीना या चाय में इनका उपयोग करना लाभकारी बताया गया है। इसके अतिरिक्त, आधे नींबू का नियमित सेवन भी स्वास्थ्य के लिए उपयोगी माना गया है।


