जमीन पर नहीं उतरता हरियल, वन्यजीवप्रेमियों ने जताई खुशी

पोकरण क्षेत्र के खेतोलाई गांव के पास महाराष्ट्र का राज्यपक्षी हरियल पक्षी का झुंड नजर आया है। इसे पीले पैरों वाला कबूतर भी कहा जाता है। हरियल पक्षी देख क्षेत्र के वन्यजीवप्रेमियों ने खुशी जताई है। वन्यजीवप्रेमी धर्मेन्द्र पूनिया ने हरियल पक्षी का झुंड देखा और फोटो लिए। उन्होंने बताया कि हरियल पक्षी के बारे में कहा जाता है कि वह जमीन पर कभी नहीं उतरता है। यदि कभी जमीन पर उतरना पड़े तो पेड़ की डाली भी साथ लेकर उतरता है और अपने पैर उसी पर रखता है। जमीन पर कभी पैर नहीं रखता। पेड़ों पर ही रहने से इसे वृक्षवासी भी कहते है। हरियल पक्षी को सामाजिक प्राणी माना जाता है और ये झुंड में ही पाए जाते है। हरियल पक्षी का रंग हल्का पीला व हरा होता है। सिर के ऊपर हल्के नीले-भूरे रंग के बाल होते है। आंखें काले रंग की होती है। जिसके आसपास लाल रंग की रिंग होती है। पक्षी के पैर चमकीले पीले रंग के होते है। साथ ही इन्हें ऊंचे-ऊंचे पेड़ वाले जंगल पसंद है और सदाबहार जंगलों में इनके झुंड पाए जाते है।

बड़ व पीपल पर बनाते है घौसला

वन्यजीवप्रेमी पूनिया ने बताया कि हरियल पक्षी अपना घौंसला पीपल व बरगद के पेड़ पर बनाते है। यह पक्षी शाकाहारी होता है और बड़ व पीपल के पेड़ों पर लगने वाले फल पसंद होते है। सरहदी जिले में पहली बार हरियल पक्षी को देखा गया है, जो वन्यजीवप्रेमियों के लिए सुखद खबर है।

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