बीएमपी 16 में पहली ट्रैफिक ट्रेनिंग अकादमी बनेगी:बीएमपी 16 जाएगी मोकामा, अकादमी बनाने पर 5.26 करोड़ खर्च होंगे

बीएमपी 16 में पहली ट्रैफिक ट्रेनिंग अकादमी बनेगी:बीएमपी 16 जाएगी मोकामा, अकादमी बनाने पर 5.26 करोड़ खर्च होंगे

बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (बीएमपी) 16 के फुलवारीशरीफ कैंपस में बिहार की पहली ट्रैफिक ट्रेनिंग अकादमी बनेगी। 10 एकड़ में बनने वाली इस अकादमी के निर्माण पर 5.26 कराेड़ खर्च होंगे। इसके लिए 133 पद सृजित होंगे। कर्मियों से अधिकारियाें तक के
वेतन और अन्य मदाें पर सालाना 8.41 कराेड़ खर्च होंगे। गृह मंत्री सम्राट चाैधरी ने बुधवार काे कहा कि बीएमपी 16 काे माेकामा ले जाने का प्रस्ताव है। अकादमी की स्थापना के बाद बीएमपी 16 की जाे जमीन बचेगी, उसपर पटना यातायात पुलिस केंद्र स्थापित होगा। अकादमी की स्थापना से यातायात पुलिस बल को आधुनिक प्रशिक्षण मिलेगा। ट्रेनिंग की अवधि एक सप्ताह से छह माह तक की होगी। ट्रेनिंग देने के लिए बिहार के ट्रैफिक एक्सपर्ट के साथ ही बाहर से भी फैकल्टी को बुलाया जाएगा।
बेसिक, रिफ्रेशर और स्पेशल कोर्स चलेंगे। वीआईपी के कारकेड के साथ ही पर्व-त्योहार, मेला, रैली आदि के दौरान ट्रैफिक को कैसे नियंत्रित करना है कि जाम न लगे, इसकी भी ट्रेनिंग दी जाएगी। कहीं दुर्घटना में कोई घायल हो जाए तो उसे तुरंत अस्पताल कैसे पहुंचाना है, बताया जाएगा। प्रमुख शहरों का होगा मॉड्यूल
इस संस्थान में राजधानी समेत पूरे बिहार के प्रमुख मार्गों का ट्रैफिक मॉड्यूल होगा। मसलन-पटना जंक्शन से दानापुर तक जाने में कहां-कहां गोलंबर है, कहां-कहां पर मोड़ है, कहां किस वक्त ट्रैफिक का लोड रहता है। राजधानी के साथ ही बिहार के सभी प्रमुख शहरों के प्रमुख रूटों का मॉड्यूल होगा। बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (बीएमपी) 16 के फुलवारीशरीफ कैंपस में बिहार की पहली ट्रैफिक ट्रेनिंग अकादमी बनेगी। 10 एकड़ में बनने वाली इस अकादमी के निर्माण पर 5.26 कराेड़ खर्च होंगे। इसके लिए 133 पद सृजित होंगे। कर्मियों से अधिकारियाें तक के
वेतन और अन्य मदाें पर सालाना 8.41 कराेड़ खर्च होंगे। गृह मंत्री सम्राट चाैधरी ने बुधवार काे कहा कि बीएमपी 16 काे माेकामा ले जाने का प्रस्ताव है। अकादमी की स्थापना के बाद बीएमपी 16 की जाे जमीन बचेगी, उसपर पटना यातायात पुलिस केंद्र स्थापित होगा। अकादमी की स्थापना से यातायात पुलिस बल को आधुनिक प्रशिक्षण मिलेगा। ट्रेनिंग की अवधि एक सप्ताह से छह माह तक की होगी। ट्रेनिंग देने के लिए बिहार के ट्रैफिक एक्सपर्ट के साथ ही बाहर से भी फैकल्टी को बुलाया जाएगा।
बेसिक, रिफ्रेशर और स्पेशल कोर्स चलेंगे। वीआईपी के कारकेड के साथ ही पर्व-त्योहार, मेला, रैली आदि के दौरान ट्रैफिक को कैसे नियंत्रित करना है कि जाम न लगे, इसकी भी ट्रेनिंग दी जाएगी। कहीं दुर्घटना में कोई घायल हो जाए तो उसे तुरंत अस्पताल कैसे पहुंचाना है, बताया जाएगा। प्रमुख शहरों का होगा मॉड्यूल
इस संस्थान में राजधानी समेत पूरे बिहार के प्रमुख मार्गों का ट्रैफिक मॉड्यूल होगा। मसलन-पटना जंक्शन से दानापुर तक जाने में कहां-कहां गोलंबर है, कहां-कहां पर मोड़ है, कहां किस वक्त ट्रैफिक का लोड रहता है। राजधानी के साथ ही बिहार के सभी प्रमुख शहरों के प्रमुख रूटों का मॉड्यूल होगा।  

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