देवरिया में यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 के लिए प्रस्तावित केंद्रों की सूची पर जिलाधिकारी ने असंतोष व्यक्त किया है। उन्होंने अनुमति के लिए प्रस्तुत की गई फाइल को बिना हस्ताक्षर किए वापस कर दिया और दूर बनाए गए परीक्षा केंद्रों को आपत्तियों के अनुरूप नजदीक करने के निर्देश दिए हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश ने जिले में कुल 163 विद्यालयों को प्रारंभिक परीक्षा केंद्र बनाया है। इनमें 6 राजकीय, 105 वित्तपोषित और 52 वित्त विहीन स्कूल शामिल हैं। बोर्ड द्वारा यह सूची 30 नवंबर को जारी की गई थी, जिसके बाद 4 दिसंबर तक आपत्तियां और प्रत्यावेदन आमंत्रित किए गए थे। इस अवधि में जिले के विभिन्न विद्यालयों से कुल 281 आपत्तियां प्राप्त हुईं। इनमें से 155 आपत्तियां केवल परीक्षा केंद्रों की दूरी को लेकर थीं, जिनमें छात्रों के लिए नजदीकी केंद्र बनाने की मांग की गई थी। वहीं, 85 आपत्तियां उन विद्यालयों की ओर से आईं जिन्हें परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया था। शेष आपत्तियां केंद्रों की धारण क्षमता, संसाधनों और अन्य तकनीकी समस्याओं से संबंधित थीं। आपत्तियों के निस्तारण के लिए पहले तहसील स्तरीय समितियों ने जांच कर अपनी रिपोर्ट जनपदीय समिति को सौंपी। इसके बाद जनपदीय केंद्र निर्धारण समिति ने आपत्तियों का निस्तारण कर रिपोर्ट जिलाधिकारी के समक्ष अनुमति के लिए प्रस्तुत की थी। हालांकि, जिलाधिकारी ने सूची का अवलोकन करने के बाद इसे संतोषजनक नहीं माना। उनका कहना है कि कई परीक्षा केंद्र अब भी छात्रों के लिए काफी दूर हैं, जबकि आपत्तियों में स्पष्ट रूप से नजदीकी केंद्र की मांग की गई थी। डीएम ने सूची को पुनः संशोधित करने और दूरी के मानकों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। बोर्ड द्वारा आपत्तियों के निस्तारण के लिए 11 दिसंबर तक का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन जनपदीय समिति ने प्रक्रिया में विलंब किया, जो इस स्थिति का एक बड़ा कारण बनी।


