कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में लियोनेल मेसी के कार्यक्रम के दौरान भारी हंगामा हुआ। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कड़ी आलोचना की।
कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में मशहूर फुटबॉलर लियोनेल मेसी से जुड़े एक कार्यक्रम में जमकर हंगामा मच गया था। इस पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने जमकर आलोचना की है।
राज्यपाल ने पूरे घटनाक्रम को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ कुप्रबंधन नहीं, बल्कि अधिकारियों की घोर लापरवाही का यह नतीजा है।
बोस ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में जिस तरह का हंगामा और अव्यवस्था देखने को मिली, वह खेल प्रेमियों के साथ अन्याय है।
अधिकारियों की लापरवाही साफ दिखती है- बोस
राज्यपाल ने कहा- कुप्रबंधन शब्द भी इस स्थिति को बयान करने के लिए कम है। इसमें अधिकारियों की लापरवाही साफ नजर आती है।
उन्होंने कहा कि जब खेल को केवल एक बिजनेस की तरह देखा जाता है और निजी लोगों को खेल प्रेमियों की भावनाओं की कीमत पर पैसा कमाने की छूट दी जाती है, तो इसके ऐसे ही गंभीर परिणाम दक्खने को मिलते हैं।
हजारों लोग मेसी को देखने पहुंचे थे
बोस ने कहा कि मेसी को एक बार देखने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से हजारों लोग कोलकाता पहुंचे थे। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के जुटने के बावजूद सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए, जो बेहद चिंताजनक है।
राज्यपाल ने कहा कि कोलकाता में जो खराब व्यवस्था के कारण भगदड़ जैसी स्थिति बनी, वह खेल प्रेमियों के लिए शर्मनाक है। बंगाल के लोगों के लिए भी यह सही नहीं है। प्रशासन इस स्थिति का अनुमान लगाने और समय रहते जरूरी एहतियाती कदम उठाने में पूरी तरह नाकाम रहा।
किसी भी घटना पर जल्दबाजी में प्रतिक्रिया देना ठीक नहीं
हालांकि, राज्यपाल ने यह भी स्पष्ट किया कि वह राज्य के संवैधानिक प्रमुख हैं और इसलिए किसी भी घटना पर जल्दबाजी में प्रतिक्रिया देना ठीक नहीं समझते।
उन्होंने कहा कि इस मामले में निश्चित रूप से पूर्ण विफलता हुई है, लेकिन इसके आधार पर पूरे राज्य की कानून-व्यवस्था का आकलन करना सही नहीं होगा।
गवर्नर के तौर पर मेरी पहली जिम्मेदारी लोगों के प्रति- बोस
राज्यपाल ने आगे कहा- मैं मामलों की डिटेल्स में नहीं जाना चाहता, लेकिन गवर्नर के तौर पर मेरी पहली जिम्मेदारी लोगों के प्रति है। इसलिए मैं लोगों के नजरिए से सोचूंगा, जिन्हें पूरी तरह नजरअंदाज किया गया और लोगों को किसी की पैसे के लालच के लिए बलि का बकरा बनाया गया, खेल को एक कमर्शियल चीज की तरह बेचा गया।
राज्यपाल आनंद बोस ने यह भी बताया कि उन्होंने इस पूरे मामले का अपना स्वतंत्र आकलन किया है, जिसकी जानकारी वे संबंधित अधिकारियों को देंगे। फिलहाल, उन्होंने इस विषय पर सार्वजनिक रूप से और अधिक टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।


