पश्चिम चंपारण जिला प्रशासन ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मिशन शक्ति’ योजना के तहत महादलित टोला में 110 बच्चियों को बेबी किट और ऊनी वस्त्र वितरित किए। यह कार्यक्रम जिला हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ विमेन (DHEW) द्वारा आयोजित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करना, उनके संरक्षण, पोषण और शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। कार्यक्रम में डीपीओ आईसीडीएस श्रीमती कविता रानी ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान को सामाजिक बदलाव की एक सशक्त पहल बताया। उन्होंने कहा कि बेटियों के जन्म से लेकर उनके संपूर्ण विकास तक समाज और प्रशासन की समान जिम्मेदारी है। ऐसे कार्यक्रम बेटियों को सम्मान और समान अवसर प्रदान करने की भावना को मजबूत करते हैं। शून्य से छह वर्ष की बच्चियों को ऊनी वस्त्र दिए गए बसबड़िया स्थित अनुसूचित जाति महादलित टोला में शून्य से छह वर्ष आयु वर्ग की 110 बच्चियों को ऊनी स्वेटर, टोपी, ट्राउजर, ग्लव्स और हिमालय बेबी किट दिए गए। ठंड के मौसम को देखते हुए ऊनी वस्त्रों का वितरण बच्चियों के स्वास्थ्य संरक्षण में सहायक होगा। डीपीओ (डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम ऑफिसर) आईसीडीएस (इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट सर्विसेज) ने संबंधित विभागों और संस्थाओं को निर्देश दिए कि जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों, आंगनवाड़ी केंद्रों और पंचायत स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए। इसका उद्देश्य डी.एच.ई.डब्ल्यू मिशन शक्ति के माध्यम से अधिक से अधिक जरूरतमंद बच्चियों को बेबी किट और ऊनी वस्त्रों का लाभ पहुंचाना है। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आईसीडीएस श्रीमती कविता रानी, जिला मिशन समन्वयक डी.एच.ई.डब्ल्यू (मिशन शक्ति) श्री अर्जुन कुमार, वार्ड पार्षद श्री दीपक कुमार और सहयोगी संस्था प्रयास के प्रतिनिधि सहित स्थानीय लोग उपस्थित थे। सभी ने इस पहल को बेटियों के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। पश्चिम चंपारण जिला प्रशासन ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मिशन शक्ति’ योजना के तहत महादलित टोला में 110 बच्चियों को बेबी किट और ऊनी वस्त्र वितरित किए। यह कार्यक्रम जिला हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ विमेन (DHEW) द्वारा आयोजित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करना, उनके संरक्षण, पोषण और शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। कार्यक्रम में डीपीओ आईसीडीएस श्रीमती कविता रानी ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान को सामाजिक बदलाव की एक सशक्त पहल बताया। उन्होंने कहा कि बेटियों के जन्म से लेकर उनके संपूर्ण विकास तक समाज और प्रशासन की समान जिम्मेदारी है। ऐसे कार्यक्रम बेटियों को सम्मान और समान अवसर प्रदान करने की भावना को मजबूत करते हैं। शून्य से छह वर्ष की बच्चियों को ऊनी वस्त्र दिए गए बसबड़िया स्थित अनुसूचित जाति महादलित टोला में शून्य से छह वर्ष आयु वर्ग की 110 बच्चियों को ऊनी स्वेटर, टोपी, ट्राउजर, ग्लव्स और हिमालय बेबी किट दिए गए। ठंड के मौसम को देखते हुए ऊनी वस्त्रों का वितरण बच्चियों के स्वास्थ्य संरक्षण में सहायक होगा। डीपीओ (डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम ऑफिसर) आईसीडीएस (इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट सर्विसेज) ने संबंधित विभागों और संस्थाओं को निर्देश दिए कि जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों, आंगनवाड़ी केंद्रों और पंचायत स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए। इसका उद्देश्य डी.एच.ई.डब्ल्यू मिशन शक्ति के माध्यम से अधिक से अधिक जरूरतमंद बच्चियों को बेबी किट और ऊनी वस्त्रों का लाभ पहुंचाना है। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आईसीडीएस श्रीमती कविता रानी, जिला मिशन समन्वयक डी.एच.ई.डब्ल्यू (मिशन शक्ति) श्री अर्जुन कुमार, वार्ड पार्षद श्री दीपक कुमार और सहयोगी संस्था प्रयास के प्रतिनिधि सहित स्थानीय लोग उपस्थित थे। सभी ने इस पहल को बेटियों के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।


