नदवा कॉलेज में फिलीपींस नागरिक के ठहरने पर FIR दर्ज:टूरिस्ट वीजा पर दिल्ली से लखनऊ आए, बिना सूचना दिए किया धार्मिक प्रचार

नदवा कॉलेज में फिलीपींस नागरिक के ठहरने पर FIR दर्ज:टूरिस्ट वीजा पर दिल्ली से लखनऊ आए, बिना सूचना दिए किया धार्मिक प्रचार

लखनऊ के प्रतिष्ठित दारुल उलूम नदवतुल उलमा एक बार फिर जांच के दायरे में आ गया है। टूरिस्ट वीजा पर भारत आए एक विदेशी नागरिक के कॉलेज परिसर में ठहरने और तबलीगी जमात से जुड़ी गतिविधियों की सूचना समय पर न देने के आरोप में नदवा कॉलेज के सीनियर अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। यह कार्रवाई फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO), लखनऊ की सूचना के बाद की गई है। दिल्ली से लखनऊ तक की यात्रा मिली जानकारी के अनुसार फिलीपींस का नागरिक मोहम्मद एरॉन सरिप दिल्ली आने के बाद 30 नवंबर से 2 दिसंबर तक लखनऊ के दारुल उलूम नदवतुल उलमा परिसर में रुका था। जांच में सामने आया है कि सिर्फ भारत टूरिस्ट वीजा पर आया था। टूरिस्ट वीजा पर धार्मिक गतिविधि गैरकानूनी नियमों के मुताबिक टूरिस्ट वीजा पर भारत आने वाले विदेशी नागरिकों को किसी भी प्रकार की धार्मिक प्रचार-प्रसार या तबलीगी जमात से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं होती। जांच एजेंसियों का कहना है कि यदि ऐसे गतिविधियों में शामिल होने की पुष्टि होती है तो संबंधित विदेशी नागरिक के खिलाफ विधिक कार्रवाई के साथ भविष्य में भारत आने पर प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है। FRRO की सूचना पर शुरू हुई जांच FRRO, लखनऊ को जब विदेशी नागरिक के नदवा कॉलेज में ठहरने की जानकारी मिली, तो उन्होंने इसकी सूचना लखनऊ पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस ने करीब सात दिनों तक पूरे मामले की जांच की। कॉलेज प्रशासन पर गंभीर आरोप पुलिस के अनुसार, दारुल उलूम नदवतुल उलमा के प्रिंसिपल मौलाना अब्दुल अजीज नदवी, सब-रजिस्ट्रार हारून राशिद, हॉस्टल वार्डन मोहम्मद कैसर नदवी और मुख्य गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी ने जानबूझकर विदेशी नागरिक के कॉलेज परिसर में आने और ठहरने की सूचना स्थानीय थाने और FRRO को नहीं दी। सच्चाई सामने आने पर FIR सात दिन की जांच के बाद जब तथ्यों की पुष्टि हुई तो विदेशी पंजीकरण कानूनों के उल्लंघन के आरोप में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई। पुलिस का कहना है कि मामले की आगे भी जांच जारी है और जांच के आधार पर अन्य कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। प्रतिबंधित किया जाएगा अधिकारियों के अनुसार, यदि विदेशी नागरिक द्वारा वीजा शर्तों के उल्लंघन की पुष्टि होती है तो उसे डिपोर्ट करने के साथ-साथ भविष्य में भारत में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। वहीं, कॉलेज प्रशासन की भूमिका की भी गहराई से जांच की जा रही है।

​ 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *