सिद्धार्थनगर। जनपद स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी एवं तिलहन मेला का आयोजन शनिवार को लोहिया कला भवन में भव्य रूप से सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डुमरियागंज के सांसद जगदम्बिका पाल रहे, जबकि अध्यक्षता जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन ने की। गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य किसानों की लागत कम कर उत्पादन बढ़ाने के साथ आधुनिक व वैज्ञानिक खेती के प्रति उन्हें जागरूक करना रहा। कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी बलराम सिंह, सांसद प्रतिनिधि एस.पी. अग्रवाल सहित कृषि एवं संबद्ध विभागों के अधिकारी, वैज्ञानिक तथा बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि सांसद, जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी एवं सांसद प्रतिनिधि द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। इसके पश्चात जिलाधिकारी एवं उप कृषि निदेशक ने अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। मुख्य अतिथियों ने पशुपालन, उद्यान, गन्ना, खादी ग्रामोद्योग विभाग तथा कृषि रसायनों से संबंधित विभिन्न स्टालों का भ्रमण कर योजनाओं एवं नई तकनीकों की जानकारी प्राप्त की। गोष्ठी को संबोधित करते हुए सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा कि ऐसे आयोजन किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि जो किसान जनपद स्तर तक नहीं पहुंच पाते, उनके लिए ब्लॉक स्तर पर भी इस प्रकार की गोष्ठियों का आयोजन किया जाना चाहिए। सांसद ने स्पष्ट किया कि जनपद में खाद की कोई कमी नहीं है, केवल समितियों पर सचिवों की कमी के कारण वितरण में कुछ दिक्कतें आ रही हैं, जिन्हें जिला प्रशासन शीघ्र दूर कर रहा है। उन्होंने किसानों से पराली न जलाने की अपील करते हुए कहा कि पराली का उपयोग खाद एवं पशुओं के चारे के रूप में किया जाए, क्योंकि पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है और मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। सांसद ने गेहूं-धान के साथ दलहनी व तिलहनी फसलों को अपनाने पर जोर दिया। साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किश्त का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे किसानों को खेती में आर्थिक संबल मिल रहा है। उन्होंने काला नमक चावल को ‘एक जनपद एक उत्पाद’ बताते हुए इसके निर्यात और किसानों की आय बढ़ने की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला। जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन ने कहा कि जनपद में जल संसाधनों की कमी नहीं होने के बावजूद पैदावार अपेक्षाकृत कम है, जिसे वैज्ञानिक एवं जैविक खेती अपनाकर बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने पशुपालन, मछली पालन और सब्जी उत्पादन को किसानों की आय बढ़ाने का बेहतर माध्यम बताया तथा पराली प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं के समाधान के लिए जिला प्रशासन पूरी तत्परता से कार्य करेगा। मुख्य विकास अधिकारी बलराम सिंह ने फसल चक्र में दलहनी व तिलहनी फसलों को शामिल करने, रासायनिक उर्वरकों के सीमित प्रयोग तथा जैविक खाद को बढ़ावा देने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने समय-समय पर मृदा परीक्षण कराने की अपील की। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के वैज्ञानिक डॉ. आर.के. मिश्रा सहित अन्य विशेषज्ञों ने वैज्ञानिक एवं जैविक खेती पर किसानों को विस्तृत जानकारी दी। केंद्रीय विद्यालय की छात्रा दिव्या रानी मिश्रा ने फसल अवशेष प्रबंधन पर जागरूकता संदेश प्रस्तुत किया। इसके पश्चात विज्ञान क्लब सिद्धार्थनगर के नव प्रवर्तक सम्मान समारोह में सांसद एवं जिलाधिकारी द्वारा विभिन्न नवाचारों के लिए अभिषेक चौधरी, राज चौधरी, हंसराज, अभय कुमार, मनीष कुमार एवं मुहम्मद अहमद को अंगवस्त्र एवं प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में उप कृषि निदेशक राजेश कुमार, जिला कृषि अधिकारी मो. मुजम्मिल, जिला भूमि संरक्षण अधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी, कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।


