CM डैश बोर्ड की रैंकिंग में गोरखपुर 5 पायदान ऊपर आ गया है। लगातार तीन महीने से खराब प्रदर्शन के बाद थोड़ा सुधार देखने को मिला है। खराब रैंकिंग को लेकर DM दीपक मीणा ने सख्ती बरती थी। अक्टूबर में यह जिला प्रदेश में सबसे पीछे यानी 75वें स्थान पर था। नवंबर महीने में रैंक 70वीं है। सितंबर में भी यही रैंक थी जबकि अगस्त में 62वीं रैंक आयी थी।
मंडल के अन्य जिलों की बात करें तो कुशीनगर व महराजगंज की रैंकिंग में गिरावट दर्ज की गई है। सितंबर में कुशीनगर 7वें स्थान पर था, अक्टूबर में 26वें और नवंबर में 34वें स्थान पर पहुंच गया है। महराजगंज सितंबर में 8वें स्थान से खिसक कर अक्टूबर में 12वें और नवंबर में 16वें स्थान पर पहुंचा है।
देवरिया सितंबर में 52वें नंबर पर था, जहां से 8 पायदान खिसकर अक्टूबर में 60वीं रैंक हासिल की और अब नवंबर में 4 रैंक सुधार के साथ 56वीं रैंक पर पहुंय गया है। हर महीने सीएम डैशबोर्ड की ओर से राजस्व और विकास कार्यों की प्रगति के आधार पर जिलों की रैंकिंग जारी की जाती है। रैंकिंग में जिलों की प्रशासनिक दक्षता, विकास योजनाओं के क्रियान्वयन, और राजस्व निस्तारण की गति का मूल्यांकन आधार बनता है। जिलाधिकारी गोरखपुर दीपक मीणा ने बताया कि इस समय हजारों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं चल रही हैं। सभी कार्य समय से पूरे करने और राजस्व से जुड़े विवदों के शीघ्र निस्तारण पर जोर दिया जा रहा है। उम्मीद है कि आगामी महीनों में रैंकिंग में और सुधार देखने को मिलेगा। जानिए टॉप 10 में हैं कौन जिले रैंकिंग में टाप 10 जिलों में शाहजहांपुर पहले, हरदोई दूसरे, श्रावस्ती तीसरे, औरैया चाथे, खीरी पांचवें, आंबेडकरनगर छठवें, रामपुर सातवें, हमीरपुर 8वें, ललितपुर 9वें और मैनपुरी 10वें स्थान पर है। 110 कार्यक्रमों के आधार पर होती है समीक्षा सीएम डैशबोर्ड पर 49 विभागों के 110 सरकारी कार्यक्रमों की महीनेवार समीक्षा की जाती है। इसमें जनसुनवाई, जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन, राजस्व प्रबंधन, विकास कार्यों की प्रगति, और कानून-व्यवस्था जैसे बिंदु शामिल हैं। प्रत्येक जिले को विभिन्न मापदंडों पर अंक दिए जाते हैं। अधिकतम अंक पाने वाले जिले उच्च रैंक प्राप्त करते हैं । यह रैंकिंग प्रशासनिक दक्षता, विकास योजनाओं के स्थायी परिणाम, योजनाओं के पारदर्शी क्रियान्वयन, और जनसुनवाई में बेहतर प्रदर्शन को प्रोत्साहित करती है।


