गोपालगंज जिला समाहरणालय सभाकक्ष में जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास निदेशालय के संयुक्त देखरेख में लिंग आधारित हिंसा (GBV) के विरुद्ध जिला स्तरीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिलाधिकारी पवन कुमार सिन्हा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस दौरान भू-अर्जन पदाधिकारी अनिल कुमार, पंचायती राज पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार, जिला स्तरीय अधिकारी, विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि और प्रशिक्षार्थी उपस्थित रहे। GBV को समझने और रोकथाम पर विशेष फोकस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य लिंग आधारित हिंसा के इतिहास, महत्व, कारणों, प्रभावों और रोकथाम पर विस्तृत चर्चा करना था। विशेषज्ञों ने बताया कि GBV एक वैश्विक समस्या है, जिसके सामाजिक, मानसिक और आर्थिक दुष्परिणाम मुख्य रूप से महिलाओं, बच्चों और कमजोर वर्गों पर पड़ते हैं। कानूनी प्रावधानों की दी गई जानकारी कार्यशाला में प्रतिभागियों को विभिन्न कानूनों और अभियानों की विस्तार से जानकारी दी गई, जिनमें शामिल हैं— इस दौरान त्वरित कानूनी प्रक्रिया, पीड़ित सहायता व्यवस्था, संरक्षण सेवाओं और शिकायत निवारण तंत्र पर भी चर्चा की गई। महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं का परिचय कार्यक्रम में विभाग द्वारा संचालित प्रमुख योजनाओं के बारे में बताया गया, जैसे— इसके अलावा जिला पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, बाल संरक्षण इकाई और अन्य संबद्ध विभागों ने सक्रिय भागीदारी की। बाल विवाह रोकथाम व लैंगिक संवेदनशीलता पर जोर प्रतिभागियों को महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, बाल विवाह की रोकथाम और लैंगिक संवेदनशीलता बढ़ाने के तरीकों को लेकर जागरूक किया गया। प्रतिभागियों ने ली बाल विवाह निषेध शपथ कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को बाल विवाह निषेध शपथ दिलाई गई। विभागीय प्रतिनिधियों ने समाज को बाल विवाह, लैंगिक हिंसा और शोषण से मुक्त बनाने का संकल्प लिया। कार्यशाला के माध्यम से जिले में लैंगिक न्याय, सुरक्षा और जागरूकता के लिए सामूहिक प्रयास को और मजबूत करने का संदेश दिया गया। गोपालगंज जिला समाहरणालय सभाकक्ष में जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास निदेशालय के संयुक्त देखरेख में लिंग आधारित हिंसा (GBV) के विरुद्ध जिला स्तरीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिलाधिकारी पवन कुमार सिन्हा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस दौरान भू-अर्जन पदाधिकारी अनिल कुमार, पंचायती राज पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार, जिला स्तरीय अधिकारी, विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि और प्रशिक्षार्थी उपस्थित रहे। GBV को समझने और रोकथाम पर विशेष फोकस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य लिंग आधारित हिंसा के इतिहास, महत्व, कारणों, प्रभावों और रोकथाम पर विस्तृत चर्चा करना था। विशेषज्ञों ने बताया कि GBV एक वैश्विक समस्या है, जिसके सामाजिक, मानसिक और आर्थिक दुष्परिणाम मुख्य रूप से महिलाओं, बच्चों और कमजोर वर्गों पर पड़ते हैं। कानूनी प्रावधानों की दी गई जानकारी कार्यशाला में प्रतिभागियों को विभिन्न कानूनों और अभियानों की विस्तार से जानकारी दी गई, जिनमें शामिल हैं— इस दौरान त्वरित कानूनी प्रक्रिया, पीड़ित सहायता व्यवस्था, संरक्षण सेवाओं और शिकायत निवारण तंत्र पर भी चर्चा की गई। महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं का परिचय कार्यक्रम में विभाग द्वारा संचालित प्रमुख योजनाओं के बारे में बताया गया, जैसे— इसके अलावा जिला पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, बाल संरक्षण इकाई और अन्य संबद्ध विभागों ने सक्रिय भागीदारी की। बाल विवाह रोकथाम व लैंगिक संवेदनशीलता पर जोर प्रतिभागियों को महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, बाल विवाह की रोकथाम और लैंगिक संवेदनशीलता बढ़ाने के तरीकों को लेकर जागरूक किया गया। प्रतिभागियों ने ली बाल विवाह निषेध शपथ कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को बाल विवाह निषेध शपथ दिलाई गई। विभागीय प्रतिनिधियों ने समाज को बाल विवाह, लैंगिक हिंसा और शोषण से मुक्त बनाने का संकल्प लिया। कार्यशाला के माध्यम से जिले में लैंगिक न्याय, सुरक्षा और जागरूकता के लिए सामूहिक प्रयास को और मजबूत करने का संदेश दिया गया।


