गोवा के अर्पोरा गाँव में स्थित बिर्च बाई रोमियो लेन नाइटक्लब में लगी भीषण आग ने 25 लोगों की जान ले ली, और इस त्रासदी ने क्लब की सुरक्षा व्यवस्थाओं व अनुमति-प्रक्रिया पर सवाल उठा दिए हैं। मौजूदा जानकारी के अनुसार, हादसे के बाद क्लब के मालिक सौरभ लूथरा और उसके भाई सहित अन्य प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है तथा राज्य सरकार ने एक मैजिस्ट्रियल जांच भी आदेशित की है।
बताया जा रहा है कि क्लब की इमारत को आवश्यक निर्माण अनुमति प्राप्त नहीं थी। स्थानीय ग्राम पंचायत ने पहले ही अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए 2024 में इसे ध्वस्त करने का आदेश दिया था, लेकिन बाद में उस आदेश को अधिकारिक अपील के बाद स्टे मिल गया।
पंचायत अध्यक्ष ने खुलासा किया कि तब से ही क्लब और उसके मालिकों में जमीन मालिकों या साझेदारों के साथ विवाद थे, और शिकायतें लगातार आती रही थीं। फिर भी यह प्रतिष्ठान बिना कानूनी मंज़ूरी और आवश्यक लाइसेंस के संचालित होता रहा।
फायर ब्रिगेड के सामने बचाव कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हुआ क्योंकि क्लब तक पहुँचने वाले रास्ते बहुत संकरे थे। अधिकारियों के मुताबिक़ अग्निशमन टैंकर को लगभग 400 मीटर दूर खड़ा करना पड़ा, जिससे दुर्घटना के पश्चात राहत व बचाव कार्य में देरी हुई।
प्रारंभिक जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि क्लब के इंटीरियर में इस्तेमाल की गई लकड़ी, पाम-लीफ आदि जलने में बेहद आसान थीं, और संभव है कि आतिशबाजी या फायरशो के दौरान चिंगारी से आग फैली हो। उस रात क्लब में लगभग 100 मेहमान डांस फ्लोर पर थे, जिसकी वजह से हादसे के समय भगदड़ और रोक-थाम असंभव था। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए मियादत्रिय जांच की घोषणा की है और जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
इस पूरे घटनाक्रम ने यह उजागर कर दिया है कि पर्यटन-नियंत्रित क्षेत्र में भी कई बार इमारती नियम, इको-जोनिंग व फायर-सेफ्टी मानकों की अनदेखी होती रही है, और स्थानीय प्रशासन तथा अनुमति देने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठ सकते हैं। इस घटना ने गोवा जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल की सुरक्षा व्यवस्था पर भरोसा हिलाने का काम किया है।


