अयोध्या के फैजाबाद लोकसभा से सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने वंदे मातरम को देश की एकता, अखंडता और भाईचारे का प्रतीक बताते हुए केंद्र और प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष ऐसी परिस्थितियां बना रहा है, जो वंदे मातरम की मूल भावना को कमजोर करती हैं। समाज में भेदभाव बढ़ रहा है, जिससे आपसी विवाद गहराते जा रहे हैं। अवधेश प्रसाद ने 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि श्रीराम मंदिर में ध्वज फहराने के दौरान उन्हें ना बुलाया गया और ना ही शामिल होने दिया गया। इसे उन्होंने अपने साथ-साथ प्रभु श्रीराम के भक्तों का अपमान बताया। कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम का आदर्श सम्मान और समावेश का है। लेकिन सरकार इसके बिल्कुल विपरीत आचरण कर रही है। भाजपा सरकार में पासी समाज का अपमानसपा सांसद ने लखनऊ की उस घटना पर नाराजगी जताई, जिसमें 70 वर्षीय बुजुर्ग रामपाल पासी को मंदिर के पास पेशाब हो जाने पर कथित रूप से प्रताड़ित किया गया। उन्होंने कहा कि जब देश दीपावली मना रहा था, मुख्यमंत्री दीपदान का संदेश दे रहे थे, उसी समय एक बुजुर्ग का अपमान करके मानवता को शर्मसार किया गया। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना उदय देवी पासी की भी चर्चा की और कहा कि आजादी के दशकों बाद भी उनके बलिदान को उचित सम्मान नहीं मिला। वंदे मातरम पर विशेष सत्र की मांगसांसद ने कहा कि वंदे मातरम पर संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए था, जिसमें कम से कम 10 दिन चर्चा हो। क्याकि यह देश किसी एक जाति या धर्म का नहीं है। असफाक उल्ला खां का भी किया जिक्रसांसद ने कहा कि फैजाबाद (अयोध्या) में आज भी वह स्थान मौजूद है, जहां असफाक उल्ला खां को 27 वर्ष की उम्र में फांसी दी गई। उनकी मां जब उनसे मिलने आयीं थीं तो उन्होंने कहा था कि हम भारत मां से मिलना चाहते है। सांसद सदन में बेरोजगारी और विभाजनकारी राजनीति का भी मुद्दा उठाया। अंत में सांसद ने कहा कि देश को ऐसे समाज की जरूरत है जहां हर वर्ग का सम्मान हो। सरकार वंदे मातरम के वास्तविक संदेश एकता और भाईचारे को अपनाए।


