उदयपुर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष के निर्देशों पर प्राधिकरण सचिव एडीजे कुलदीप शर्मा ने पोलो ग्राउंड के पास बाल वाहिनियों की जांच की। इस दौरान सामने आया कि बाल वाहिनियों के रूप में उपयोग किए जा रहे चारपहिया वाहनों में क्षमता से अधिक स्कूल बच्चों को बैठा जा रहा है। इस पर यातायात पुलिस ने मौके ही कार्रवाई की। पुलिस ने पोलो ग्राउंड क्षेत्र में हेलमेट नहीं पहनने वाले लोगों को हेलमेट पहनने के लिए जागरूक भी किया। इस दौरान उपाधीक्षक यातायात पुलिस अशोक आंजना भी मौजूद रहे। एडीजे शर्मा ने बताया कि नियमों के अनुसार बाल वाहिनियां पूर्णत पीले रंग में रंगी हुई होनी चाहिए। पीला रंग साफ-सुथरा एवं स्पष्ट दिखना चाहिए। वाहिनियों के आगे पीछे स्पष्ट, स्थायी एवं पठनीय रूप से ऑन स्कूल ड्यूटी अंकित होना चाहिए। वाहिनियों के पीछे स्कूल का नाम, पता, फोन नंबर, ड्राइवर और सहायक का नाम सुव्यवस्थित रूप से अंकित हो। उन्होंने बताया कि ड्राइवर और सहायक के वैध लाइसेंस व पहचान दस्तावेज उपलब्ध हो। ड्राइवर को भारी वाहन चलाने का न्यूनतम 5 वर्ष का अनुभव हो तथा यदि वाहन हैवी कैटेगरी में आता है तो ड्राइवर के पास वैध हेवी लाइसेंस होना अनिवार्य है। एडीजे शर्मा ने अभिभावकों से अपील की है कि यदि कोई को बाल वाहिनी वैध नहीं है तो इसके संबंध में हेल्पलाइन नम्बर 15100 पर शिकायत कर सकते हैं। यदि बाल वाहिनी मानक के अनुसार संचालित नहीं है तो बच्चों को ऐसी बाल वाहिनियों में नहीं बैठाएं।


