वांगचुक की VC से पेशी की मांग, केंद्र का विरोध:कहा-अनुमति दे दी तो बनेगी मिसाल, सुप्रीम कोर्ट में सिब्बल बोले- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शामिल हों सोनम

वांगचुक की VC से पेशी की मांग, केंद्र का विरोध:कहा-अनुमति दे दी तो बनेगी मिसाल, सुप्रीम कोर्ट में सिब्बल बोले- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शामिल हों सोनम

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। केंद्र सरकार ने सोनम वांगचुक को जोधपुर जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) के जरिए सुनवाई में शामिल करने के अनुरोध का विरोध किया। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की पीठ ने मामले को 15 दिसंबर के लिए स्थगित कर दिया।​ इससे पहले सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो की ओर से पेश होते हुए कोर्ट से अनुरोध किया कि सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को जोधपुर जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई में शामिल होने की अनुमति दी जाए। सिब्बल ने कहा कि वांगचुक जेल से वीडियो के जरिए जुड़ना चाहते हैं और बेंच से इसकी अनुमति मांगी।​ इस पर सॉलिसिटर जनरल ने इसका विरोध करते हुए कहा- हमें देशभर के सभी दोषियों को समान व्यवहार देना होगा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की अनुमति देने से मिसाल स्थापित होगी। सॉलिसिटर जनरल ने किया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का विरोध
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के अनुरोध का विरोध किया। उन्होंने तर्क दिया- हमें देशभर के सभी दोषियों को समान व्यवहार देना होगा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की अनुमति देने से मिसाल स्थापित होगी। इससे पूरे देश में सभी आरोपियों के लिए VC की व्यवस्था करनी होगी। खासकर कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग प्रोटोकॉल को देखते हुए।​ लेह हिंसा के बाद 26 सितंबर से जेल में है वांगचुक
सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में लिया गया था, जो 24 सितंबर को लेह में हुई हिंसक घटना के दो दिन बाद हुआ। इसमें चार लोगों की मौत और 90 लोग घायल हुए थे। सरकार ने आरोप लगाया कि वांगचुक ने हिंसा भड़काई। वांगचुक को हिरासत में लेने के बाद राजस्थान के जोधपुर सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।​ तब से वांगचुक तकरीबन ढाई महीने से जोधपुर सेंट्रल जेल में हैं। गीतांजलि की संशोधित याचिका के मुख्य आरोप
गीतांजलि अंगमो की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर संशोधित याचिका में हिरासत आदेश को “अवैध” और “मौलिक अधिकारों का मनमाना उल्लंघन” बताया है। याचिका में कहा गया है कि:​ लद्दाख प्रशासन का पक्ष
लेह के जिला मजिस्ट्रेट और जोधपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे दाखिल किए गए। इनमें लद्दाख प्रशासन ने वांगचुक की हिरासत का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि यह “विश्वसनीय जानकारी के बाद उचित विचार” के बाद किया गया था। इसमें यह दिखाया गया कि वह “राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था और आवश्यक सेवाओं के लिए हानिकारक गतिविधियों में लिप्त” थे। ये खबर भी पढ़ें… जोधपुर जेल से सोनम-वांगचुक की मांग-हिंसा की न्यायिक जांच हो:बोले- जब तक ऐसा नहीं होता, जेल में रहूंगा; 4 लोगों की हुई थी मौत जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक से उनके बड़े भाई त्सेतन दोरजे ले और वकील मुस्तफा हाजी ने मुलाकात की। विशेष अनुमति के बाद दोरजे को सेंट्रल जेल में सोनम से मिलने की अनुमति दी गई। उनके वकील मुस्तफा हाजी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिया- सोनम वांगचुक ने अपने बड़े भाई के माध्यम से एक संदेश भेजा है। (पूरी खबर पढ़ें) सोनम वांगचुक की हिरासत का मामला एडवाइजरी बोर्ड तक पहुंचाया:पत्नी ने एडवाइजरी बोर्ड व सरकार को भेजा रिप्रेजेंटेशन, आरोपों को बताया निराधार एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की हिरासत के खिलाफ उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो ने एक और कदम उठाया है। अंगमो ने इसकी जानकारी साझा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर बताया कि उन्होंने वांगचुक की ओर से राज्य सरकार, केंद्र सरकार और एडवाइजरी बोर्ड को रिप्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया है। (पूरी खबर पढ़ें) सोनम वांगचुक टाइम मैगजीन के 100 प्रभावशाली लोगों में शामिल:पत्नी बोलीं- हमारी सरकार उन्हें एंटी-नेशनल बता रही; लद्दाख हिंसा मामले में जेल में हैं सोनम वांगचुक को TIME मैगजीन ने ‘द 100 मोस्‍ट इंफ्लुएंशियल क्‍लाइमेट लीडर्स ऑफ 2025’ की लिस्‍ट में जगह दी है। मैगजीन ने लिखा- वांगचुक एक इंजीनियर, शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। पिछले महीने उन्हें लद्दाख को पूर्ण राज्‍य का दर्जा दिलाने के प्रदर्शन के चलते गिरफ्तार किया गया था। (पूरी खबर पढ़ें)

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