सलूंबर में महिला अधिकारिता विभाग ने गर्ल्स कॉलेज में एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। यह कार्यक्रम ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना’ के तहत हुआ, जिसमें छात्राओं को उनके कानूनी अधिकारों, सुरक्षा प्रावधानों और सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई। विभाग के अधिकारियों ने कार्यक्रम के दौरान बालिकाओं के सशक्तिकरण को समाज की प्राथमिक आवश्यकता बताया। छात्राओं को घरेलू हिंसा, उत्पीड़न, साइबर क्राइम और लैंगिक भेदभाव से संबंधित कानूनों की जानकारी दी गई। उन्हें यह भी समझाया गया कि संकट की स्थिति में त्वरित सहायता कैसे प्राप्त करें। कार्यक्रम में वन स्टॉप सेंटर (OSC) की सेवाओं के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई। अधिकारियों ने बताया कि यह केंद्र घरेलू हिंसा, मानसिक या शारीरिक उत्पीड़न, प्रताड़ना या किसी भी प्रकार की हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए एक सुरक्षित अस्थायी आश्रय स्थल है। वन स्टॉप सेंटर में रहने और भोजन की सुविधा के साथ-साथ चिकित्सीय सहायता, मनोवैज्ञानिक परामर्श और कानूनी सलाह जैसी आवश्यक सेवाएं एक ही छत के नीचे मुफ्त उपलब्ध कराई जाती हैं। इस अवसर पर महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक रामकिशोर खदाव और सलूंबर ब्लॉक सुपरवाइजर अंजली मेहता उपस्थित रहे। कॉलेज की ओर से प्रिंसिपल और वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रबंधक कविता पुरबिया भी मौजूद थीं। अधिकारियों ने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि बेटियां केवल परिवार ही नहीं, बल्कि समाज के विकास की नींव हैं। उन्होंने कार्यक्रम का उद्देश्य बेटियों की सुरक्षा, शिक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना बताया।


