महंगाई को मात देने के लिए इक्विटी बेहद सार्थक विकल्प है। लंबे समय से इक्विटी लगातार अच्छा रिटर्न दे रही है। इसका सबसे बड़ा कारण है , हम सभी उपभोक्ता हैं, और हमारा लगातार बढ़ता कंजम्पशन ही मार्केट को मजबूती देता है। इसलिए इस मार्केट से लाभ उठाने के लिए स्टॉक मार्केट या म्यूचुअल फंड में निवेश ज़रूर करें। अगर आपको मार्केट का स्तर समझ में नहीं आता तो एसआईपी शुरू कीजिए। हमारा भारतीय स्टॉक मार्केट आज आत्मनिर्भर हो चुका है, विदेशों के पैसों पर निर्भरता कम हो गई है। किसी भी एसआईपी को कम से कम 10 साल का समय दें, ताकि आपका निवेश दोगुना–तिगुना रिटर्न दे सके। एसआईपी हमेशा बचे पैसे से होनी चाहिए साथ ही यह भी ध्यान रखें कि एसआईपी हमेशा आपकी आय के बाद बचे पैसे से होनी चाहिए इतनी कि उस वजह से रोजमर्रा के खर्चों में दबाव न आए। यह कहना है आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी लिमिटेड जोनल मैनेजर, इन्वेस्टर एजुकेशन एन्ड डिस्ट्रीब्यूटर डेवलपमेंट के शैलेन्द्र दीक्षित का जो रविवार को जो दैनिक भास्कर के सहयोग और आदित्य बिरला सन लाइफ म्यूचुअल फंड की निवेशक शिक्षा और जागरूकता पहल के तहत आयोजित शिक्षित निवेशक विकसित भारत स्मार्ट निवेश पर कार्यशाला में बोले। उन्होंने बताया कि SWP एक बेहतरीन साधन है जो नियमित इनकम उपलब्ध कराता है। जेन Z अभी भी वेस्टर्न ट्रेंड फॉलो कर रही है, जहां सोशल सिक्योरिटी होती है जो यहां नहीं है। एक अच्छा पोर्टफोलियो इक्विटी, डेट, गोल्ड और लिक्विड फंड का संतुलन होता है इस मौके पर फाइनेंस एक्सपर्ट सीए पारुल श्रीवास्तव ने बताया कि भारत में कई तरह के निवेश विकल्प हैं सरकारी योजनाएं, इक्विटी, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, गोल्ड और रियल एसेट्स। आज युवाओं में बढ़ती जागरूकता और SIP के चलन से इक्विटी में निवेश तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उम्र के साथ निवेश की सोच बदलती है जो युवा जोखिम लेकर इक्विटी चुनते हैं, मध्य आयु वाले संतुलित पोर्टफोलियो रखते हैं और वरिष्ठ लोग सुरक्षित विकल्प चुनते हैं। एक अच्छा पोर्टफोलियो इक्विटी, डेट, गोल्ड और लिक्विड फंड का संतुलन होता है। लंबे समय में धन बनाने के लिए विविधता, अनुशासन और अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार निवेश जरूरी है। इक्वेशन कंपनी के फाउंडर और सीईओ कपिल होल्कर कहते हैं कि म्यूचुअल फंड ऐसा निवेश विकल्प है, जहां शॉर्ट टर्म से लेकर लॉन्ग टर्म तक हर लक्ष्य पूरा किया जा सकता है। पहले बचत और फिर निवेश करना जरूरी है चाहे बच्चों की पढ़ाई हो, रिटायरमेंट प्लानिंग या गोल्ड–सिल्वर में निवेश।वे कहते हैं कि पहले बचत और फिर निवेश करना जरूरी है, क्योंकि आज लाइफस्टाइल इंफ्लेशन हमें ज्यादा प्रभावित करता है। सही मैनेजमेंट ही स्मार्ट इन्वेस्टमेंट बनाता है। उनके अनुसार, वेल्दी वही है जो स्मार्टली पैसा इन्वेस्ट करे, सिर्फ बचत नहीं। कपिल बताते हैं कि जेन Z अभी भी वेस्टर्न ट्रेंड फॉलो कर रही है, जहाँ सोशल सिक्योरिटी होती है जो यहां नहीं है । इसलिए ओल्ड एज के लिए पैसे बचाना बेहद जरूरी है।


