हवाई सेवाओं के लगातार रद्द होने से यात्रियों की संख्या अचानक बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में लोगों को आसानी से यात्रा उपलब्ध हो सके, इसके लिए रेलवे ने दो स्पेशल ट्रेनें शुरू करने का फैसला लिया है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार इन ट्रेनों का उद्देश्य यात्रियों को अतिरिक्त सुविधा देना और यात्रा के दबाव को कम करना है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण ने बताया कि साबरमती-दिल्ली-साबरमती त्रि-साप्ताहिक (10 ट्रिप) और मुम्बई सेंट्रल-भिवानी द्वि-साप्ताहिक सुपरफास्ट (07 ट्रिप) स्पेशल ट्रेनें दिसंबर महीने में चलाई जा रही हैं। इसमें खासतौर पर मुम्बई सेंट्रल से भिवानी और भिवानी से मुम्बई सेंट्रल के बीच सुपरफास्ट ट्रेन की घोषणा सबसे जरूरी है क्योंकि यह मार्ग दिल्ली-राजस्थान-महाराष्ट्र के यात्रियों के लिए बेहद व्यस्त रहता है। मुम्बई सेंट्रल से भिवानी तक सुपरफास्ट ट्रेन – सप्ताह में दो बार गाड़ी संख्या 09001 मुम्बई सेंट्रल–भिवानी द्वि-साप्ताहिक सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन का संचालन 9, 12, 16, 19, 23, 26 और 30 दिसंबर को किया जाएगा। यह ट्रेन कुल सात ट्रिप में चलेगी। यह हर मंगलवार और शुक्रवार सुबह 10:30 बजे मुम्बई सेंट्रल स्टेशन से रवाना होगी। यात्रा के दौरान यह ट्रेन गुजरात और राजस्थान के कई बड़े स्टेशनों से गुजरती हुई अगले दिन सुबह 7:20 बजे जयपुर पहुंचेगी और 7:30 बजे दोबारा भिवानी के लिए चल पड़ेगी। निर्धारित समयानुसार यह ट्रेन दोपहर 1 बजे भिवानी पहुंचेगी। यह स्पेशल ट्रेन यात्रियों के लिए काफी राहत की बात है, क्योंकि इससे मुंबई से राजस्थान और हरियाणा जाने वालों को नियमित ट्रेनों में होने वाली भीड़ से कुछ राहत मिलेगी। खासतौर पर जयपुर, अजमेर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा और रेवाड़ी जैसे स्टेशनों पर इस रूट पर हमेशा भारी भीड़ रहती है। ऐसे में यह ट्रेन त्योहारों और छुट्टियों के सीजन में यात्रियों के लिए बड़ी सुविधा बनकर आई है। भिवानी से मुम्बई सेंट्रल – बुधवार और शनिवार को चलेगी सुपरफास्ट सेवा इसी तरह गाड़ी संख्या 09002 भिवानी–मुम्बई सेंट्रल द्वि-साप्ताहिक सुपरफास्ट स्पेशल 10, 13, 17, 20, 24, 27 और 31 दिसंबर को चलाई जाएगी। यह ट्रेन भी कुल सात बार ही चलेगी। यह भिवानी से हर बुधवार और शनिवार दोपहर 2:35 बजे प्रस्थान करेगी। इस ट्रेन का जयपुर में रात 9:15 बजे आगमन होगा और 9:25 बजे दोबारा मुंबई के लिए रवाना हो जाएगी। अगले दिन यह ट्रेन शाम 4:30 बजे मुम्बई सेंट्रल पहुंचेगी। मुम्बई से लेकर भिवानी तक की यह रेल सेवा कई शहरों और स्टेशनों को जोड़ती है। इसलिए यह ट्रेन यात्रियों के लिए एक सुविधाजनक विकल्प बन जाती है। हवाई सेवाएं रद्द होने से जिन यात्रियों की योजनाएं प्रभावित हुई हैं, वे इस ट्रेन के माध्यम से आराम से लंबी दूरी की यात्रा कर सकेंगे। साथ ही जयपुर, अजमेर, नीमच, रतलाम, वडोदरा, सूरत और बोरीवली जैसे बड़े शहरों के लोग भी इस ट्रेन का लाभ उठा सकेंगे। इन स्टेशनों पर मिलेगी रुकावट, यात्रियों को होगी सुविधा रेलवे ने दोनों दिशाओं में चलने वाली इस सुपरफास्ट ट्रेन के लिए लंबी सूची में कई जरूरी स्टेशनों को शामिल किया है। ट्रेन मार्ग में बोरीवली, पालघर, वापी, वलसाड, सूरत, भरूच, वड़ोदरा, रतलाम, मंदसौर, नीमच, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, बिजयनगर, नसीराबाद, अजमेर, किशनगढ़, जयपुर, गांधीनगर जयपुर, बांदीकुई, अलवर, रेवाड़ी, कोसली और चरखी दादरी जैसे प्रमुख स्टेशनों पर ठहराव मिलेगा। यह ठहराव सूची यात्रियों की जरूरत और सुविधा को ध्यान में रखकर बनाई गई है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस सेवा का लाभ ले सकें। इन स्टेशनों से बड़ी संख्या में छात्र, व्यापारी, नौकरीपेशा लोग और पर्यटन के उद्देश्य से यात्रा करने वाले लोग मुंबई और भिवानी के बीच यात्रा करते हैं। इसलिए रेलवे की यह पहल न सिर्फ यात्री भार को कम करेगी, बल्कि लोगों को समय पर गंतव्य तक पहुंचने में भी बड़ी सहायता देगी। 18 डिब्बों के लंबे रैक के साथ चलेगी सुपरफास्ट ट्रेन यात्रियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए इस स्पेशल सुपरफास्ट ट्रेन में कुल 18 डिब्बे लगाए जाएंगे। इनमें 14 थर्ड एसी, 2 सेकंड स्लीपर (द्वितीय शयनयान), 1 पावरकार और 1 गार्ड डिब्बा शामिल होंगे। अधिकतर डिब्बे थर्ड एसी के रखे गए हैं, क्योंकि लंबी दूरी की यात्रा के दौरान यात्री आरामदायक सफर को प्राथमिकता देते हैं। थर्ड एसी की संख्या बढ़ाने से अधिक यात्री बिना परेशानी अपनी सीट सुनिश्चित कर सकेंगे। यात्रियों को मिलेगा बड़ा राहत विकल्प, रेलवे ने बढ़ाई उम्मीदें हवाई सेवाओं में रुकावट आने से जिन लोगों को यात्रा में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था, उनके लिए रेलवे की यह पहल एक बड़ी राहत है। दिसंबर महीने में ट्रेन यात्रा सबसे ज्यादा होती है और ऐसे समय में स्पेशल ट्रेनें शुरू करना यात्रियों को काफी सुविधा देगा। रेलवे का कहना है कि यदि जरूरत पड़ी और भीड़ बढ़ी तो आगे भी स्पेशल रेल सेवाओं की संख्या में इजाफा किया जा सकता है।


