कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने सोमवार को वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर संसदीय बहस के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए उन्हें “विकृतियों का उस्ताद” करार दिया। कांग्रेस सांसद ने लिखा कि किस भारतीय नेता ने 2009 में अपनी किताब में जिन्ना की प्रशंसा की थी? भाजपा की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, श्यामा प्रसाद मुखर्जी फजलुल हक के नेतृत्व वाली प्रगतिशील गठबंधन सरकार में वित्त मंत्री के रूप में शामिल हुए और एक साल से भी कम समय में इस्तीफा दे दिया।
इसे भी पढ़ें: बंगाल में बाबरी के शिलान्यास के जवाब में गूँजा गीता पाठ, Sanatan Sanskriti Sansad में साधु-संतों ने गीता पाठ के जरिये दिया तुष्टिकरण की राजनीति को जवाब
लालकृष्ण आडवाणी ने 2005 में कराची का दौरा किया था और जिन्ना मकबरे की आगंतुक पुस्तिका में एक संदेश लिखा था। ऐसे बहुत से लोग हैं जो इतिहास पर अपनी अमिट छाप छोड़ जाते हैं। लेकिन बहुत कम लोग होते हैं जो वास्तव में इतिहास रचते हैं। कायदे-आज़म मोहम्मद अली जिन्ना ऐसे ही एक दुर्लभ व्यक्ति थे। भारत के स्वतंत्रता संग्राम की एक प्रमुख हस्ती, सरोजिनी नायडू ने श्री जिन्ना को हिंदू-मुस्लिम एकता का राजदूत बताया था। 11 अगस्त, 1947 को पाकिस्तान की संविधान सभा को दिया गया उनका संबोधन एक धर्मनिरपेक्ष राज्य का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें प्रत्येक नागरिक अपने धर्म का पालन करने के लिए स्वतंत्र होगा, लेकिन राज्य आस्था के आधार पर एक नागरिक और दूसरे के बीच कोई भेद नहीं करेगा।
इसे भी पढ़ें: कार्यकर्ताओं की बदौलत 2028 में फिर बनेगी भाजपा की सरकार: Chief Minister Sharma
रमेश की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आज संसद में चर्चा के दौरान राहुल गांधी की अनुपस्थिति की आलोचना करने के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने राष्ट्रगीत से समझौता किया और मुस्लिम लीग के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।


