इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने भारत में अपने सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक की प्राइसिंग का ऐलान कर दिया है। रेसीडेंशियल प्लान के लिए यूजर्स को ₹8,600 हर महीने देने होंगे। वहीं, हार्डवेयर के रूप में एक सैटेलाइट डिश किट लेनी होगी, जिसकी कीमत ₹34,000 है। कंपनी ने कहा है कि यूजर्स को पहले 30 दिन के ट्रायल का मौका मिलेगा, अगर वो इससे संतुष्ट नहीं होंगे तो पुरा पैसा रिफंड हो जाएगा। सर्विस जनवरी 2026 तक शुरू हो सकती है। सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू होने से अनलिमिटेड डेटा के साथ 99.9% अपटाइम मिलेगा, जो ग्रामीण और दूरदराज इलाकों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। 220+ Mbps होगी डाउनलोड स्पीड सैटेलाइट्स से आप तक कैसे पहुंचेगा इंटरनेट? 3 सवाल-जवाब में जानें स्टारलिंक से जुड़ी जरूरी बातें… सवाल 1: स्टारलिंक क्या है और ये खास क्यों है? जवाब: स्टारलिंक, स्पेसएक्स का प्रोजेक्ट है, जो सैटेलाइट्स के जरिए हाई-स्पीड इंटरनेट देता है। इसके सैटेलाइट्स पृथ्वी के करीब घूमते हैं, जिससे इंटरनेट तेज और स्मूथ चलता है। ये खासकर उन इलाकों के लिए फायदेमंद है, जैसे गांव या पहाड़, जहां आम इंटरनेट नहीं पहुंचता। सवाल 2: आम लोगों को क्या फायदा होगा? जवाब: स्टारलिंक से गांवों और दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट पहुंचेगा, जिससे ऑनलाइन एजुकेशन, टेलीमेडिसिन, और बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, टेलीकॉम मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से सस्ते और बेहतर प्लान्स मिल सकते हैं। सवाल 3: स्टारलिंक को लाइसेंस मिलने में इतना वक्त क्यों लगा? जवाब: स्टारलिंक 2022 से कोशिश कर रही थी, लेकिन सिक्योरिटी चिंताओं की वजह से देरी हुई। भारत सरकार ने डेटा सिक्योरिटी और कॉल इंटरसेप्शन जैसी शर्तें रखी थीं। स्टारलिंक ने इन शर्तों को माना, और मई 2025 में लेटर ऑफ इंटेंट मिलने के बाद अब लाइसेंस मिल गया।
स्टारलिंक मंथली ₹8,600 में अनलिमिटेड इंटरनेट देगी:डाउनलोड स्पीड 220+ Mbps तक होगी; इंस्टॉल करने के लिए हार्डवेयर ₹34,000 में मिलेगा


