आईजी मगध ने की त्रैमासिक समीक्षा बैठक:संवेदनशील पुलिसिंग के दिए कड़े निर्देश, कहा- 15 दिन के अंदर काम पूरा करें

गया में पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) मगध क्षेत्र की अध्यक्षता में शुक्रवार को एक त्रैमासिक समीक्षा बैठक हुई। इसमें क्षेत्र के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य पिछले तीन महीनों में अपराध नियंत्रण, विधि-व्यवस्था, पुलिसिंग की गुणवत्ता और लंबित मामलों की प्रगति की समीक्षा करना था। आईजी ने अपराध पर नियंत्रण और कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले को अपराध नियंत्रण के लिए सक्रिय और प्रभावी कदम उठाने होंगे। पुलिसिंग की गुणवत्ता में सुधार के लिए निरंतर निगरानी और अनुशासन आवश्यक है। 15 दिन के अंदर काम पूरा करने का आदेश आईजी ने सभी पुलिस पदाधिकारियों को 15 दिनों के भीतर अपने स्तर पर लंबित ‘कंडेम’ कार्यों को शत-प्रतिशत पूरा करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, सभी जिलों को वांछित और फरार अभियुक्तों की ग्राम-वार सूची तैयार कर प्राथमिकता के आधार पर उन पर कड़ी निगरानी रखने को कहा गया। क्षेत्र में बढ़ रही चोरी, घर-फोड़ और अन्य संपत्ति संबंधी अपराधों पर प्रभावी रोकथाम के लिए सभी जिलों को रात्रि गश्ती को और अधिक सघन व प्रभावी बनाने के निर्देश दिए गए। आईजी ने जोर दिया कि रात्रि गश्ती की गुणवत्ता में सुधार अपराध नियंत्रण का सबसे महत्वपूर्ण आधार है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। महिला सुरक्षा के मद्देनजर, आईजी ने दो दिनों के भीतर विशेष गश्ती दल गठित करने का आदेश दिया। यह दल जिले के सभी विद्यालयों, विशेषकर महिला विद्यालयों और महिला महाविद्यालयों के आसपास लगातार भ्रमणशील रहेगा और अनावश्यक व संदिग्ध गतिविधियों पर विशेष निगरानी रखेगा। आईजी ने स्पष्ट किया कि आज की बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की विस्तृत समीक्षा अगली त्रैमासिक बैठक में की जाएगी। उन्होंने सभी पुलिस अधीक्षकों और पदाधिकारियों को चेतावनी दी कि अपराध नियंत्रण और विधि-व्यवस्था में किसी भी प्रकार की ढिलाई को गंभीरता से लिया जाएगा। बैठक का समापन करते हुए, आईजी मगध ने सभी पुलिस पदाधिकारियों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने, अपराधियों पर अंकुश लगाने और जनता के प्रति संवेदनशील व जिम्मेदार पुलिसिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। गया में पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) मगध क्षेत्र की अध्यक्षता में शुक्रवार को एक त्रैमासिक समीक्षा बैठक हुई। इसमें क्षेत्र के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य पिछले तीन महीनों में अपराध नियंत्रण, विधि-व्यवस्था, पुलिसिंग की गुणवत्ता और लंबित मामलों की प्रगति की समीक्षा करना था। आईजी ने अपराध पर नियंत्रण और कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले को अपराध नियंत्रण के लिए सक्रिय और प्रभावी कदम उठाने होंगे। पुलिसिंग की गुणवत्ता में सुधार के लिए निरंतर निगरानी और अनुशासन आवश्यक है। 15 दिन के अंदर काम पूरा करने का आदेश आईजी ने सभी पुलिस पदाधिकारियों को 15 दिनों के भीतर अपने स्तर पर लंबित ‘कंडेम’ कार्यों को शत-प्रतिशत पूरा करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, सभी जिलों को वांछित और फरार अभियुक्तों की ग्राम-वार सूची तैयार कर प्राथमिकता के आधार पर उन पर कड़ी निगरानी रखने को कहा गया। क्षेत्र में बढ़ रही चोरी, घर-फोड़ और अन्य संपत्ति संबंधी अपराधों पर प्रभावी रोकथाम के लिए सभी जिलों को रात्रि गश्ती को और अधिक सघन व प्रभावी बनाने के निर्देश दिए गए। आईजी ने जोर दिया कि रात्रि गश्ती की गुणवत्ता में सुधार अपराध नियंत्रण का सबसे महत्वपूर्ण आधार है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। महिला सुरक्षा के मद्देनजर, आईजी ने दो दिनों के भीतर विशेष गश्ती दल गठित करने का आदेश दिया। यह दल जिले के सभी विद्यालयों, विशेषकर महिला विद्यालयों और महिला महाविद्यालयों के आसपास लगातार भ्रमणशील रहेगा और अनावश्यक व संदिग्ध गतिविधियों पर विशेष निगरानी रखेगा। आईजी ने स्पष्ट किया कि आज की बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की विस्तृत समीक्षा अगली त्रैमासिक बैठक में की जाएगी। उन्होंने सभी पुलिस अधीक्षकों और पदाधिकारियों को चेतावनी दी कि अपराध नियंत्रण और विधि-व्यवस्था में किसी भी प्रकार की ढिलाई को गंभीरता से लिया जाएगा। बैठक का समापन करते हुए, आईजी मगध ने सभी पुलिस पदाधिकारियों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने, अपराधियों पर अंकुश लगाने और जनता के प्रति संवेदनशील व जिम्मेदार पुलिसिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।  

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