मधुबनी जिले के दूलीपट्टी में शुक्रवार को 48वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) जयनगर ने एक दिवसीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण का आयोजन किया। यह प्रशिक्षण इंडो-नेपाल सीमा पर तैनात वाहिनी द्वारा सीमावर्ती ग्रामीणों और अपने कार्मिकों के लिए आयोजित किया गया था। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन द्वितीय कमान अधिकारी एवं कार्यवाहक कमांडेंट श्री हरेंद्र सिंह ने किया। इसमें सीमावर्ती ग्रामीणों और वाहिनी के कार्मिकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। प्रतिभागियों को मधुमक्खी पालन की मूलभूत और उन्नत तकनीकों, छत्ते के रख-रखाव, शहद उत्पादन प्रक्रिया और सुरक्षा उपायों की विस्तृत जानकारी दी गई। अनुभवी प्रशिक्षक संजीव कुमार हाथी ने व्यावहारिक प्रदर्शन के साथ आधुनिक तकनीकों और चुनौतियों पर विस्तार से मार्गदर्शन प्रदान किया। 48वीं वाहिनी समय-समय पर ऐसे कौशल-आधारित और लोकहितकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करती रही है। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों के नागरिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना और उनकी आर्थिक क्षमता को मजबूत करना है। मधुबनी जिले के दूलीपट्टी में शुक्रवार को 48वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) जयनगर ने एक दिवसीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण का आयोजन किया। यह प्रशिक्षण इंडो-नेपाल सीमा पर तैनात वाहिनी द्वारा सीमावर्ती ग्रामीणों और अपने कार्मिकों के लिए आयोजित किया गया था। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन द्वितीय कमान अधिकारी एवं कार्यवाहक कमांडेंट श्री हरेंद्र सिंह ने किया। इसमें सीमावर्ती ग्रामीणों और वाहिनी के कार्मिकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। प्रतिभागियों को मधुमक्खी पालन की मूलभूत और उन्नत तकनीकों, छत्ते के रख-रखाव, शहद उत्पादन प्रक्रिया और सुरक्षा उपायों की विस्तृत जानकारी दी गई। अनुभवी प्रशिक्षक संजीव कुमार हाथी ने व्यावहारिक प्रदर्शन के साथ आधुनिक तकनीकों और चुनौतियों पर विस्तार से मार्गदर्शन प्रदान किया। 48वीं वाहिनी समय-समय पर ऐसे कौशल-आधारित और लोकहितकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करती रही है। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों के नागरिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना और उनकी आर्थिक क्षमता को मजबूत करना है।


