देहरा में युवकों पर बैल का हमला:पेड़ पर चढ़कर बचाई जान, 4 घंटे तक बैठे रहे, ग्राीणों ने किया रेस्क्यू

देहरा में युवकों पर बैल का हमला:पेड़ पर चढ़कर बचाई जान, 4 घंटे तक बैठे रहे, ग्राीणों ने किया रेस्क्यू

हिमाचल के ज्वालामुखी के धनोट गांव में रविवार सुबह खेतों में घुसे एक आवारा बैल ने दो युवकों पर अचानक हमला कर दिया। जान बचाने के लिए दोनों युवकों को करीब चार घंटे तक पेड़ पर चढ़े रहना पड़ा। घटना रविवार सुबह 6 बजे की बताई जा रही है। उसके बाद ग्रामीणों ने दोनों युवकों का रेस्क्यू किया। गांव निवासी अरविंद और परवीन रोजाना की तरह रविवार की सुबह अपने खेत देखने पहुंचे थे। गेहूं के खेत में घुसकर नुकसान कर रहा बैल जब उन्होंने भगाया तो बैल अचानक उग्र हो गया और दोनों को दौड़ा दिया। खेत के चारों ओर कंटीली तार लगी थी, ऐसे में बाहर भागना भी नामुमकिन था। दोनों किसी तरह भागकर पास के पेड़ पर चढ़ गए। नीचे बैल लगातार वहीं खड़ा रहा और उन्हें उतरने नहीं दिया। करीब चार घंटे तक दोनों युवक पेड़ पर जान बचाए बैठे रहे। ग्रामीणों ने किया फिल्मी अंदाज में रेस्क्यू सुबह करीब 10 बजे एक ग्रामीण अपने खेत में पहुंचा तो पेड़ पर बैठे दोनों युवकों ने आवाज लगाकर मदद मांगी। इसके बाद आसपास के ग्रामीण मौके पर इकट्ठा हुए और ट्रैक्टर लाकर दोनों को पेड़ से सुरक्षित उतारा गया। ट्रैक्टर पर बैठाकर उन्हें खेत से बाहर निकाला गया, जबकि बैल पूरे समय वहीं खड़ा हुआ देखता रहा। गांव में डर, किसान बोले- इन्हें कौन संभाले?
धनोट और आसपास के गांवों में आवारा पशुओं का आतंक लगातार बढ़ रहा है। किसानों का कहना है कि रात–दिन फसलें उजड़ रही हैं। खेतों में जाना खतरे से खाली नहीं। सड़कों पर भी हादसे बढ़ रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि “हर रोज़ नई घटना हो रही है, कोई सुनने वाला नहीं। खेती करना मुश्किल होता जा रहा है।” पहले भी ले चुका है जान
कुछ साल 0पहले देहरा के त्रिपल गांव में एक आवारा बैल ने एक व्यक्ति की जान ले ली थी। इसके बावजूद आज तक आवारा पशुओं की समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो पाया। ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग की है ताकि लोगों और फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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