गोरखपुर में विद्युत कर्मचारियों का प्रदर्शन:बोले- विद्युत नियामक आयोग ने अदानी पॉवर से बिजली खरीद प्रस्ताव रोका

गोरखपुर में विद्युत कर्मचारियों का प्रदर्शन:बोले- विद्युत नियामक आयोग ने अदानी पॉवर से बिजली खरीद प्रस्ताव रोका

गोरखपुर में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का आंदोलन लगातार जारी हैं। समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने अदानी पॉवर से 1500 मेगावाट बिजली खरीद के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है। आयोग ने फिक्स और वेरिएबल चार्जेज में भारी गड़बड़ी पाई और इसे गंभीर मामला मानते हुए नाराजगी जताई। संघर्ष समिति ने कहा कि अदानी पॉवर का कंसल्टेंट ग्रांट थॉर्टन ही था, जिसने पहले पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के आरएफपी दस्तावेज तैयार किए थे। समिति ने मांग की कि ग्रांट थॉर्टन द्वारा तैयार किए गए निजीकरण प्रस्ताव को तत्काल रद्द किया जाए। FGDS संयंत्र न लगाने पर आयोग ने मांगा नया प्रस्ताव
विद्युत नियामक आयोग ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन से कहा है कि अदानी पॉवर को मामले में शामिल करते हुए 18 दिसंबर तक FGDS संयंत्र न लगाने पर बिजली खरीद की संशोधित कीमत प्रस्तुत करें। आयोग ने यह भी सवाल उठाया कि संयंत्र न लगाने पर उत्पादन लागत कम होने का विश्लेषण क्यों नहीं किया गया। संघर्ष समिति ने बताया कि भारत सरकार के आदेश के अनुसार अब ताप बिजली घरों में FGDS संयंत्र नहीं लगाया जाएगा। बावजूद इसके, अदानी पॉवर के समझौते में इसकी लागत शामिल होने से प्रति यूनिट 55 से 75 पैसे अतिरिक्त दर तय हुई थी। फर्जीवाड़े में पावर कॉर्पोरेशन और अदानी जिम्मेदार
समिति ने साफ कहा कि इस मामले में पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन, अदानी पॉवर और उनके कंसल्टेंट ग्रांट थॉर्टन पूरी तरह जिम्मेदार हैं। इस फर्जीवाड़े से उपभोक्ताओं पर अनावश्यक आर्थिक भार पड़ा। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर आज 358वें दिन भी प्रदेशभर में बिजली कर्मियों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी रखा।

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