बालाघाट में नक्सलियों से मुठभेड़ में हॉक फोर्स के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा शहीद हो गए। उन्हें गोली लगी थी। एंटी नक्सल ऑपरेशन डीजीपी पंकज श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि की है। डीजीपी ने बताया कि बुधवार को मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ ने जॉइंट ऑपरेशन चलाया था। तीनों राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्र के बोर तालाब के पास नक्सलियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी। पुलिस के पहुंचने पर नक्सलियों से मुठभेड़ हो गई। तीनों टीम को लीड कर रहे इंस्पेक्टर आशीष शर्मा को गोली लग गई। उन्हें घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। नरसिंहपुर एसपी डॉ. ऋषिकेश मीना एएसपी संदीप भूरिया समेत पुलिस बल आशीष शर्मा के घर के लिए रवाना हो गया है। एएसपी ने बताया कि अभी शहीद के घर में जानकारी नहीं दी है। सिर्फ उनके भाई को बताया है, जो पार्थिव शरीर लेने बालाघाट के लिए रवाना हो गए हैं। जनवरी में होने वाली थी शादी
बताया जा रहा है कि आशीष शर्मा मूल रूप से मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा के रहने वाले थे। उनका चयन 2016 में सब इंस्पेक्टर के पद पर हुआ था। इससे पहले, वे इंटेलिजेंस में आरक्षक के पद पर सेवाएं दे रहे थे। नक्सलियों का एनकाउंटर करने पर पुरस्कार स्वरूप मध्य प्रदेश सरकार ने आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया था। पिछले दो साल में भारत सरकार से उन्हें दो वीरता पदक मिला। पारिवारिक मित्रों ने बताया कि आशीष शर्मा की शादी तय हो गई थी। दो महीने बाद जनवरी में शादी होनी थी। सीएम ने एक्स पर पोस्ट कर दी श्रद्धांजलि
सीएम डॉ. मोहन यादव ने आशीष शर्मा को X पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा- आज मध्य प्रदेश हॉक फोर्स के निरीक्षक आशीष शर्मा नक्सलियों से मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए। मैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की संयुक्त टीम द्वारा छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के जंगलों में नक्सल विरोधी ऑपरेशन के दौरान उन्होंने अभूतपूर्व वीरता और साहस का प्रदर्शन किया। नक्सल उन्मूलन के राष्ट्रीय अभियान में उनका सर्वोच्च बलिदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा। उन्हें पूर्व में कर्तव्य के दौरान अदम्य साहस, असाधारण बहादुरी प्रदर्शित करने के लिए दो बार भारत सरकार द्वारा वीरता पदक से सम्मानित किया गया था।
नक्सली मुठभेड़ में हॉक फोर्स के इंस्पेक्टर शहीद:छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश की टीम को लीड कर रहे थे, दो वीरता पदक भी मिल चुके


