रायगढ़ में फसल और हाथियों को बचाने पूजा-पाठ:पिछले कुछ दिनों से जंगल से निकलकर सड़क पर आ रहे हाथी, ग्रामीणों ने सामारूमा जंगल की देवी मंदिर में किया पूजा अर्चना

रायगढ़ में फसल और हाथियों को बचाने पूजा-पाठ:पिछले कुछ दिनों से जंगल से निकलकर सड़क पर आ रहे हाथी, ग्रामीणों ने सामारूमा जंगल की देवी मंदिर में किया पूजा अर्चना

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला के तमनार रेंज में 34 हाथियों का मुवमेंट है। रात में किसानों की फसल भी नुकसान कर रहे हैं। इसे देखते हुए क्षेत्र के ग्रामीणों ने सामारूमा जंगल के देवी मंदिर में पूजा अर्चना की और मनोकामनाएं मांगी कि हाथियों से जनहानि और फसल नुकसान न हो, साथ ही हाथी भी सुरक्षित रहे। पिछले कुछ दिनों से यह दल समारूमा बीट में विचरण कर रहा है। दोपहर होने के बाद हाथियों का दल जंगल के किनारे पहुंच रहा है और सड़क पर आकर काफी देर तक वहीं घुमते हैं। हांलाकि वन अमला और क्षेत्र के ग्रामीण दोनों ओर से वाहनों को रोक देते हैं। ताकि कोई घटना घटित न हो, लेकिन मंगलवार को ग्रामीण सामारूमा जंगल के पास पहुंचे वहां देवी मंदिर में पूजा अर्चना की। अगरबत्ती जलाकर और नारियल चढ़ाकर मनोकामनाएं मांगी कि हाथियों का दल फसल और जनहानि न करे। साथ ही हाथी भी सुरक्षित रहकर आगे बढ़ जाए। ग्रामीणों ने पूजा-पाठ कर लोगों को प्रसाद भी बांटा। रात में फसल और मकान नुकसान किया
मंगलवार की रात को 34 हाथियों का दल तमनार रेंज के सामारूमा बीट के छेडोरिया गांव में पहुंचे। जहां उन्होंने 6 किसानों का धान फसल, मकान और ट्यूबवेल को बर्बाद कर दिया। इसके बाद सुबह होने से पहले वापस जंगल की ओर चले गए। 34 हाथियों के दल में नर 8, मादा 18 और 8 शावक शामिल हैं। ग्रामीणों को समझाईश भी दे रहे
तमनार रेंजर विक्रांत कुमार ने बताया कि हाथी, फसल और जनहानि न हो इसके लिए ग्रामीणों ने पूजा-पाठ किया था। 34 हाथियों का दल सामारूमा बीट में है। ऐसे में प्रभावित गांव में लगातार मुनादी करायी जा रही है और ग्रामीणों के साथ बैठक कर उन्हें कई तरह की जानकारी देते हुए समझाईश दे रहे हैं। हाथियों के दल पर लगातार निगरानी कर रहे हैं।

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