बिलासपुर में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने एक मेडिकल व्यवसायी को लोन दिलाने के नाम पर 73 लाख रुपए ठग लिए। आरोपी फर्जी सिम कार्ड और फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल करके लोगों से ठगी करते थे। बिलासपुर रेंज साइबर थाना ने यह कार्रवाई की। यह मामला सकरी थाना क्षेत्र का है। आरोपी खुद को अधिकारी बताकर ऑनलाइन ठगी करते थे पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे मुंबई की श्रीराम सिटी यूनियन फाइनेंस कंपनी का अधिकारी बताकर लोगों को कॉल करते थे। फिर लोगों को कम ब्याज में लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी करते थे। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ संगठित अपराध और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत कार्रवाई की गई। गिरफ्तार आरोपियों में 28 वर्षीय विकास कुमार उर्फ विक्रम सिंह और अमन कुमार सिंह उर्फ पीयूष शामिल हैं। दोनों बिहार के जिला वैशाली के निवासी हैं। फर्जी फाइनेंस कंपनियों से सावधान रहें नेचर सिटी सकरी के राजेश पांडेय ने सकरी थाना में ठगी की रिपोर्ट कराई थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्हें फाइनेंस कंपनी की ओर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को कंपनी का अफसर बताया और पीएम समृद्धि योजना के तहत 50 लाख रुपये का लोन 30 प्रतिशत छूट में दिलाने की बात कही। इसके लिए उन्हें 12 फरवरी 2024 से 29 सितंबर 2025 के बीच अलग-अलग मोबाइल नंबरों से कई बार कॉल किया गया। 73 लाख रुपये की धोखाधड़ी राजेश पांडेय की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रिजेश त्रिवेदी और दूसरे नामों से लगातार किए गए कॉल से वो ठगों के झांसे में आ गए। ठगों ने लोन के लिए राजेश से पहले कुछ अमाउंट जमा करने के लिए कहा। पीड़ित ने उनकी बातों में आकर कुछ अमाउंट उनके बताए बैंक अकाउंट में जमा कर दिया। कुछ दिनों बाद ठगों ने फिर फोनकर पीड़ित से कुछ अमाउंट देने के लिए कहा। इस तरह पीड़ित ने कई किश्तों में ठगों के अकाउंट में अमाउंट ट्रांसफर कर दिए। इस तरह ठगों ने पीड़ित से कुल 73,23,291 रुपये की ठगी कर ली। जब पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने बिलासपुर के रेंज साइबर थाना में शिकायत की। इसके बाद साइबर टीम ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। इस दौरान पीड़ित के साथ धोखाधड़ी करने वाले लोगों के बारे में साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर जानकारी अपडेट की गई। बैंक खातों से ठगी का पता लगाया साइबर थाने ने ठगी की रकम भेजने में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों की पहचान की और खाताधारकों की जानकारी, ऑनलाइन लेन-देन और घटना से जुड़ी सभी डिटेल इकट्ठा की। इस जांच से पता चला कि आरोपी बिहार के वैशाली जिले, ग्राम गढ़वाल कनौली के निवासी हैं। इसके बाद निरीक्षक रजनीश सिंह के नेतृत्व में स्पेशल टीम बिहार के वैशाली जिले रवाना हुई। दिल्ली में किराए के मकान से रैकेट चल रहा था टीम ने बिहार के वैशाली जिले के आरोपियों के बारे में जांच की और पता चला कि विकास कुमार उर्फ विक्रम सिंह और अमन कुमार सिंह उर्फ पीयूष ऑनलाइन ठगी कर रहे थे। स्थानीय पुलिस की मदद से दोनों को बुलाकर पूछताछ की गई। आरोपियों ने बताया कि वे दिल्ली में किराए के मकान में रहकर अपने साथियों के साथ मिलकर लोगों को कॉल कर कम ब्याज में लोन दिलाने का झांसा देते और अन्य तरीके से उन्हें फंसाकर ऑनलाइन ठगी करते थे।


