भास्कर न्यूज | बाड़मेर बाड़मेर, जैसलमेर व बालोतरा जिलों में मांग के अनुरूप नहरी पानी पहुंचाने के लिए मोहनगढ़ हेडवर्क्स पर 674.92 लाख रुपए से सिस्टम सुधार कार्य होंगे। मोहनगढ़ हेडवर्क्स पर बने 15 साल पुराने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर पानी को छानने व शुद्ध करने के लिए लगे फिल्टर मीडिया को बदलने के साथ पंपिंग हाउस पर जीएसएस मेंटेनेंस व इलेक्ट्रिक वर्क होंगे। पीएचईडी की ओर से 136.17 लाख रुपए लागत से फिल्टर मीडिया(पानी को छानना) बदलने के साथ पंपिंग हाउस पर 218.75 लाख से इलेक्ट्रिक कार्यों पर खर्च किया जाएगा। फिलहाल फिल्टर पुराना होने से नोजल्स पर कीचड़ युक्त पानी के आने से काई जमाव से पर्याप्त मात्रा में पानी छनकर बाहर नहीं निकल रहा। वोल्टेज समस्या से सभी पंपों के नहीं चलते तथा फिल्टर से पर्याप्त पानी नहीं निकलने से उत्पादन करीब 40 फीसदी कम हो रहा है। आगामी दो से तीन माह में कार्य पूरे किए जाएंगे। मोहनगढ़ व भागू का गांव पंपिंग स्टेशन पर वोल्टेज समस्या से निजात के लिए 320 लाख रुपए से स्टेबलाइजर लगाने का कार्य जारी है। आगामी गर्मियों की सीजन तक सिस्टम सुधार कार्य पूरे होने पर 3 जिलों को 8 से 10 करोड़ लीटर के स्थान पर चौदह करोड़ पचास लाख लीटर रोजाना(145 एमएलडी) डिमांड के अनुरूप पानी मिलेगा। ^जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी व अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से स्वीकृति जारी की गई है। मोहनगढ़ फिल्टरेशन प्लांट पर 136.17 लाख रुपए से पुराने फिल्टर मीडिया को बदला जाएगा। 218.75 लाख से जीएसएस मेंटेनेंस सहित बिजली कार्यों किए जाएंगे। इसके लिए जल्द टेंडर जारी करवाते हुए 2-3 महीने में कार्य करवाए जाएंगे। गर्मियों में बाड़मेर, जैसलमेर व बालोतरा के 851 गांवों को डिमांड के अनुरूप पानी मिलेगा। – हजारीराम बालवां, एसई, पीएचईडी मोहनगढ़ में 15 साल पुराने प्लांट का 136.17 लाख रुपए से रिनोवेशन होगा। प्लांट के करीब एक तिहाई हिस्से की ग्रेवल व फिल्टर सेंड खराब हो चुका है। ऐसे में पानी क्षमता के अनुरूप फिल्टर से नहीं निकल रहा है। पानी की क्वालिटी मानकों के अनुरूप नहीं होने से बीमारियों का अंदेशा बना हुआ है। अब ग्रेवल, सेंड व पुराने क्षतिग्रस्त नोजल्स बदलने से 12 गुना 8 मीटर के बने 16 फिल्टर बेड से फिल्टर चॉक की समस्या के चलते पानी का उत्पादन 4 लाख 80 हजार के स्थान पर प्रति घंटे 650 लाख लीटर होगा। इंदिरा गांधी कैनाल से आने वाले गंदे व कीचड़ युक्त नहरी पानी को साफ करने के लिए 15 साल पहले 1200 वर्ग मीटर एरिया में फिल्टरेशन प्लांट बना था। अब ढाई मीटर गहरे फिल्टर प्लांट में पुराने व गायब हुए ग्रेवल व सेंड को दोबारा डाला जाएगा। प्लांट के 500 क्यूबिक एरिया में 60 सेंटीमीटर नीचे की ओर ग्रेवल बिछेगी। इसमें 50 एमएम नीचे व ऊपर 2 एमएम ग्रेवल होगी। हेडवर्क्स पर 218.75 लाख से इलेक्ट्रिक कार्य होंगे।


