विद्यार्थी आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के सपने को साकार करने में सहयोगी बनें : राज्यपाल
160 विद्यार्थियों को 178 गोल्ड मेडल
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. वाजा रहे उपस्थित
राजकोट. राज्यपाल आचार्य देवव्रत की अध्यक्षता और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. प्रद्युम्न वाजा की उपस्थिति में गुरुवार को सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी का 60वां दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ। स्वदेशी अपनाओ, स्वदेशी बढ़ाओ की थीम के साथ आयोजित समारोह में 14 विद्या शाखाओं के 160 विद्यार्थियों को कुल 178 गोल्ड मेडल प्रदान किए गए। 186 विद्यार्थियों को 271 पुरस्कार दिए गए। कुल 43,792 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई।
राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में विद्या का बहुत महत्व है। गुरु अज्ञानरूपी अंधकार से शिष्यों को ज्ञानरूपी प्रकाश की ओर ले जाते हैं। नई शिक्षा नीति में कौशल पर विशेष बल दिया गया है। शिक्षा में जानकारी के साथ विभिन्न कलाओं का समावेश होने से युवा अपने विशेष कौशल विकसित कर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के सपने को साकार करने में सहयोगी बनें और माता-पिता तथा गुरुजनों के जीवन में सहायक सिद्ध हों।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. वाजा ने कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों में छिपी शक्तियों को बाहर लाने का कार्य करता है। दीक्षांत अंत नहीं बल्कि देश के प्रति जिम्मेदारी निभाने की शुरुआत है।उन्होंने विद्यार्थियों को ‘जॉब सीकर नहीं बल्कि जॉब गीवर’ बनने की प्रेरणा दी। स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की अपील की।
इस अवसर पर विवि के कुलपति डॉ. उत्पल जोशी, डीन डॉ. नीदत्त बारोट और कुलसचिव मनीष धामेचा ने भी संबोधन दिया। दीक्षांत समारोह में जिला पंचायत अध्यक्ष प्रवीणा रंगाणी, कलक्टर डॉ. ओम प्रकाश, परीक्षा नियंत्रक मनीष शाह, यूनिवर्सिटी के सीनेट सदस्य, विभिन्न संकायों के डीन, प्रोफेसर एवं विद्यार्थी, गैर-शैक्षणिक स्टाफ सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।


