भास्कर न्यूज | बाड़मेर जिला अस्पताल में ब्रोंकोस्कॉपी मशीन मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है। 35 लाख की इस मशीन से अब तक 421 फेफड़ों के कैंसर, लंबे समय से खांसी एवं बलगम में खून आने की शिकायत, फेफड़ों में गांठ, निमोनिया, टीबी, सांस रोगियों की जांच की गई। अस्पताल के चेस्ट एंड टीबी विभाग से गंभीर फेफड़ों से संबंधित एक भी रोगी जांच के लिए हाई सेंटर रेफर नहीं हो रहा है। वार्ड में गंभीर सांस व टीबी के रोगियों का इलाज जारी है। अस्पताल के चेस्ट एंड टीबी विभाग में अब तक निमोनिया, टीबी, फेफड़ों में जमा बलगम, सांस व अस्थमा के 384 गंभीर रोगियों की जांच के साथ इलाज किया। चेस्ट एंड टीबी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. गोवर्धनसिंह चौधरी का कहना है कि अस्पताल में अब जल्द ही कैंसर रोगियों के लिए कीमो थेरेपी की व्यवस्था होने पर इलाज भी संभव होगा। अस्पताल में फेफड़ों व सांस रोग से संबंधित करीब सभी जांच तथा दवा मरीजों के लिए उपलब्ध है। ओपीडी रोजाना 300 से 350 पहुंची गई है। ^जिला अस्पताल में अब तक 421 मरीजों की ब्रोंकोस्कॉपी की गई। फेफड़ों के कैंसर, खांसी एवं बलगम में खून आने की शिकायत,निमोनिया, टीबी, सांस रोगियों की जांच की जा रही है। अब मरीज रेफर नहीं हो रहे हैं।- डॉ. मनीष बैरवा, असिस्टेंट प्रोफेसर, पल्मोनरी मेडिसिन विभाग। अस्पताल अधीक्षक डॉ. हनुमानराम चौधरी ने बताया कि ब्रोंकोस्कॉपी जांच में मरीज के करीब 20 से 25 हजार रुपए खर्च होते थे। फेफड़ों के कैंसर के मरीजों का निदान समय पर होने से उन्हें हाई सेंटर के लिए भटकना नहीं पड़ रहा है। पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, सीनियर रेजिडेंट सहित 7 डॉक्टर जुटे हैं। जिला अस्पताल में मई में आए फाइबर ऑप्टिक ब्रांकोस्कॉप से 2023 में 42 मरीजों की जांच की गई। इनमें से 9 मरीजों के लंग कैंसर बायोप्सी तथा 33 मरीजों का न्यूमोनिया टीबी जांच एवं अंदर से जमा बलगम निकला गया।


