बलरामपुर में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमानत दिलाने की साजिश का खुलासा हुआ है। गैंगस्टर एक्ट के आरोपी रिजवान जहीर को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से गलत पते का इस्तेमाल किया गया। इस मामले में पुलिस ने रिजवान जहीर सहित तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। यह घटना 28 नवंबर 2025 की है, जब रोजअली और मुहर्रम अली नामक व्यक्तियों ने रिजवान जहीर के पक्ष में जमानत प्रपत्र और शपथ पत्र न्यायालय में दाखिल किए। उन्होंने खुद को ग्राम लालपुर विशुनपुर का निवासी बताया था। हालांकि, जमानत सत्यापन के दौरान यह सामने आया कि दोनों जमानतदार उस गांव के निवासी नहीं हैं। ग्राम प्रधान द्वारा जारी प्रमाण पत्र से इस फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई। बाद में, जमानतदारों ने न्यायालय में उपस्थित होकर पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए जमानत वापस लेने के लिए प्रार्थना पत्र और शपथ पत्र दाखिल किया। इसमें भी उन्होंने वही गलत पता अंकित किया था। जांच के बाद न्यायालय ने इन आरोपों को निराधार और भ्रामक पाया। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि अभियुक्त रिजवान जहीर ने जानबूझकर आपराधिक षड्यंत्र रचते हुए फर्जी तथ्यों के आधार पर जमानतनामा दाखिल कराया और पुलिस को बदनाम करने का प्रयास किया। यह कृत्य भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 319(2), 338, 336(3) और 340(2) के तहत दंडनीय अपराध है। न्यायालय से प्राप्त पक्की नकल के आधार पर ललिया पुलिस ने रोजअली, मुहर्रम अली और रिजवान जहीर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले में आगे की विधिक कार्रवाई जारी है।


