बिहार में हर माह खुल रहे 20 हजार म्यूल अकाउंट, 6 हजार खाते सीज भी हो रहे

बिहार में हर माह खुल रहे 20 हजार म्यूल अकाउंट, 6 हजार खाते सीज भी हो रहे

साइबर शातिरों का संगठित गिरोह बिहार के विभिन्न बैंकों में हर महीने 20 हजार से अधिक म्यूल अकाउंट खुलवा रहा है। आई4सी (इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर) की रिपोर्ट के बाद हर महीने राज्य में 6 हजार से अधिक म्यूल अकाउंट को सीज कराया जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार, बिहार में हर दिन विभिन्न बैंकों में खुले करीब 200 म्यूल अकाउंट फ्रिज किए जा रहे हैं। यह कार्रवाई आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) कर रही है। ईओयू की विशेष टीम म्यूल अकाउंट पर लगातार नजर रख रही है। टीम समय-समय पर आरबीआई के अधिकारियों से भी संपर्क में है। क्या है म्यूल अकाउंट म्यूल अकाउंट वह होता है, जिसमें खाता किसी और के नाम पर होता है, लेकिन संचालन कोई दूसरा करता है। साइबर ठगी के दौरान पीड़ित के खाते से जिस-जिस खाते में पैसा जाता है, पुलिस उसे म्यूल अकाउंट मानती है। अधिकांश म्यूल अकाउंट निजी बैंकों में खोले जा रहे हैं। आईसीआईसीआई, कोटक महिंद्रा, एक्सिस बैंक, बंधन बैंक और यस बैंक में अधिक म्यूल अकाउंट मिले हैं। कैसे हो रहा फर्जीवाड़ा… ट्रस्ट और एनजीओ भी दे रहे खाते किराए पर ईओयू की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। साइबर शातिर अब करंट अकाउंट के जरिए भी ठगी की रकम ट्रांसफर कर रहे हैं। करंट अकाउंट में एक बार में बड़ी रकम ट्रांसफर और निकासी आसान होती है। जांच में पाया गया कि बिहार और यूपी के कई एनजीओ और ट्रस्ट अपने करंट अकाउंट साइबर शातिरों को किराए पर दे रहे हैं। वहीं बिहार के करीब 15 ट्रस्ट जांच के दायरे में हैं। भास्कर एक्सपर्ट- मुकेश चौधरी, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट कम्यूनिटी पुलिसिंग से रुक सकता है म्यूल अकाउंट अधिकांश फाइनेंशियल फ्रॉड में पहले चरण में पैसा म्यूल अकाउंट में ही जाता है। बाद में यह पैसा क्रिप्टो में कंवर्ट होकर विदेशों में निवेश हो जाता है। सख्त कार्रवाई से साइबर शातिरों की कमर टूटेगी। रोकने का सबसे प्रभावी तरीका कम्यूनिटी पुलिसिंग है। साइबर शातिरों का संगठित गिरोह बिहार के विभिन्न बैंकों में हर महीने 20 हजार से अधिक म्यूल अकाउंट खुलवा रहा है। आई4सी (इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर) की रिपोर्ट के बाद हर महीने राज्य में 6 हजार से अधिक म्यूल अकाउंट को सीज कराया जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार, बिहार में हर दिन विभिन्न बैंकों में खुले करीब 200 म्यूल अकाउंट फ्रिज किए जा रहे हैं। यह कार्रवाई आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) कर रही है। ईओयू की विशेष टीम म्यूल अकाउंट पर लगातार नजर रख रही है। टीम समय-समय पर आरबीआई के अधिकारियों से भी संपर्क में है। क्या है म्यूल अकाउंट म्यूल अकाउंट वह होता है, जिसमें खाता किसी और के नाम पर होता है, लेकिन संचालन कोई दूसरा करता है। साइबर ठगी के दौरान पीड़ित के खाते से जिस-जिस खाते में पैसा जाता है, पुलिस उसे म्यूल अकाउंट मानती है। अधिकांश म्यूल अकाउंट निजी बैंकों में खोले जा रहे हैं। आईसीआईसीआई, कोटक महिंद्रा, एक्सिस बैंक, बंधन बैंक और यस बैंक में अधिक म्यूल अकाउंट मिले हैं। कैसे हो रहा फर्जीवाड़ा… ट्रस्ट और एनजीओ भी दे रहे खाते किराए पर ईओयू की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। साइबर शातिर अब करंट अकाउंट के जरिए भी ठगी की रकम ट्रांसफर कर रहे हैं। करंट अकाउंट में एक बार में बड़ी रकम ट्रांसफर और निकासी आसान होती है। जांच में पाया गया कि बिहार और यूपी के कई एनजीओ और ट्रस्ट अपने करंट अकाउंट साइबर शातिरों को किराए पर दे रहे हैं। वहीं बिहार के करीब 15 ट्रस्ट जांच के दायरे में हैं। भास्कर एक्सपर्ट- मुकेश चौधरी, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट कम्यूनिटी पुलिसिंग से रुक सकता है म्यूल अकाउंट अधिकांश फाइनेंशियल फ्रॉड में पहले चरण में पैसा म्यूल अकाउंट में ही जाता है। बाद में यह पैसा क्रिप्टो में कंवर्ट होकर विदेशों में निवेश हो जाता है। सख्त कार्रवाई से साइबर शातिरों की कमर टूटेगी। रोकने का सबसे प्रभावी तरीका कम्यूनिटी पुलिसिंग है।  

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