शेखपुरा शहर के तीनमुहानी मोड़ के समीप गुरुवार को एक हृदयविदारक हादसे में दो वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि एक तीन मंजिला मकान की छत से नीचे गिरने के कारण मासूम बच्ची ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। यह घटना उस समय हुई, जब बच्ची की मां छत पर कपड़े सुखा रही थीं और बच्ची पीछे-पीछे खेलते हुए वहां पहुंच गई। मृत बच्ची शिक्षक की बेटी मृत बच्ची की पहचान सदर प्रखंड स्थित बर्मा हाई स्कूल में कार्यरत शिक्षक अजीत कुमार की दो वर्षीय पुत्री के रूप में हुई है। अजीत कुमार शेखपुरा शहर में किराए के मकान में अपने परिवार के साथ रहते हैं, जबकि उनका पैतृक गांव शेखोपुरसराय प्रखंड के मीरबीघा गांव में है। घटना के बाद पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। कुछ पलों की लापरवाही बनी हादसे की वजह परिजनों के अनुसार, बच्ची की मां रोज की तरह छत पर कपड़े सुखाने गई थीं। इसी दौरान बच्ची खेलते-खेलते उनके पीछे छत पर पहुंच गई। किसी को संभलने या रोकने का मौका मिलता, उससे पहले ही बच्ची संतुलन खो बैठी और सीधे नीचे गिर पड़ी। तीन मंजिला मकान से गिरने के कारण बच्ची को गंभीर चोटें आईं, जिससे उसकी मौके पर ही हालत नाजुक हो गई। क्रिसमस की छुट्टी ने बढ़ा दर्द अजीत कुमार ने बताया कि गुरुवार को क्रिसमस डे होने के कारण स्कूल की छुट्टी थी और वह घर पर ही मौजूद थे। अचानक हुई इस घटना ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया। बच्ची के गिरने की आवाज सुनते ही परिवार के लोग दौड़कर नीचे पहुंचे और आनन-फानन में उसे शेखपुरा सदर अस्पताल ले जाया गया। सदर अस्पताल में डॉक्टरों ने किया मृत घोषित परिजन बच्ची को तत्काल सदर अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, ऊंचाई से गिरने के कारण बच्ची के सिर और शरीर में गंभीर चोटें आई थीं, जिससे उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। अस्पताल में यह खबर सुनते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। घर में पसरा मातम, मां बेसुध घटना के बाद मृत बच्ची के घर में कोहराम मच गया। मां का रो-रोकर हाल बेहाल है और वह बार-बार बेसुध हो जा रही हैं। परिवार के अन्य सदस्य भी गहरे सदमे में हैं। घर का माहौल पूरी तरह गमगीन हो गया है। जिस घर में कुछ देर पहले बच्चे की किलकारियां गूंज रही थीं, वहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है। शिक्षक साथियों ने जताया शोक घटना की सूचना मिलते ही अजीत कुमार के कई शिक्षक सहयोगी और परिचित उनके घर पहुंचने लगे। सभी ने शोक-संवेदना व्यक्त करते हुए परिवार को ढांढस बंधाने का प्रयास किया। शिक्षकों ने इस घटना को बेहद दुखद बताते हुए कहा कि यह पूरे शिक्षा जगत के लिए भी एक गहरा आघात है। पुलिस की प्रतिक्रिया नगर थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि यह एक दुर्घटनात्मक घटना प्रतीत होती है। उन्होंने कहा कि अभी तक इस संबंध में कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। आवेदन मिलने के बाद पुलिस आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू करेगी। फिलहाल पुलिस घटना से जुड़ी जानकारी जुटा रही है। मासूम की मौत से शहर में शोक का माहौल इस दर्दनाक हादसे की चर्चा पूरे शेखपुरा शहर में है। लोग इस घटना को सुनकर स्तब्ध हैं और मासूम बच्ची की असमय मौत पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि छोटे बच्चों के मामले में विशेष सतर्कता की जरूरत होती है, क्योंकि एक पल की चूक भी बड़ा हादसा बन सकती है। सावधानी की जरूरत पर सवाल यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि ऊंची इमारतों में छोटे बच्चों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम कितने जरूरी हैं। रेलिंग, जाली और अन्य सुरक्षा उपाय न होने या थोड़ी सी लापरवाही के कारण ऐसे हादसे हो जाते हैं, जिनकी भरपाई कभी नहीं हो सकती। मासूम बच्ची की मौत ने पूरे इलाके को गहरे शोक में डुबो दिया है। हर आंख नम है और हर जुबां पर यही सवाल है कि काश, वह पल थम गया होता। शेखपुरा शहर के तीनमुहानी मोड़ के समीप गुरुवार को एक हृदयविदारक हादसे में दो वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि एक तीन मंजिला मकान की छत से नीचे गिरने के कारण मासूम बच्ची ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। यह घटना उस समय हुई, जब बच्ची की मां छत पर कपड़े सुखा रही थीं और बच्ची पीछे-पीछे खेलते हुए वहां पहुंच गई। मृत बच्ची शिक्षक की बेटी मृत बच्ची की पहचान सदर प्रखंड स्थित बर्मा हाई स्कूल में कार्यरत शिक्षक अजीत कुमार की दो वर्षीय पुत्री के रूप में हुई है। अजीत कुमार शेखपुरा शहर में किराए के मकान में अपने परिवार के साथ रहते हैं, जबकि उनका पैतृक गांव शेखोपुरसराय प्रखंड के मीरबीघा गांव में है। घटना के बाद पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। कुछ पलों की लापरवाही बनी हादसे की वजह परिजनों के अनुसार, बच्ची की मां रोज की तरह छत पर कपड़े सुखाने गई थीं। इसी दौरान बच्ची खेलते-खेलते उनके पीछे छत पर पहुंच गई। किसी को संभलने या रोकने का मौका मिलता, उससे पहले ही बच्ची संतुलन खो बैठी और सीधे नीचे गिर पड़ी। तीन मंजिला मकान से गिरने के कारण बच्ची को गंभीर चोटें आईं, जिससे उसकी मौके पर ही हालत नाजुक हो गई। क्रिसमस की छुट्टी ने बढ़ा दर्द अजीत कुमार ने बताया कि गुरुवार को क्रिसमस डे होने के कारण स्कूल की छुट्टी थी और वह घर पर ही मौजूद थे। अचानक हुई इस घटना ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया। बच्ची के गिरने की आवाज सुनते ही परिवार के लोग दौड़कर नीचे पहुंचे और आनन-फानन में उसे शेखपुरा सदर अस्पताल ले जाया गया। सदर अस्पताल में डॉक्टरों ने किया मृत घोषित परिजन बच्ची को तत्काल सदर अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, ऊंचाई से गिरने के कारण बच्ची के सिर और शरीर में गंभीर चोटें आई थीं, जिससे उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। अस्पताल में यह खबर सुनते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। घर में पसरा मातम, मां बेसुध घटना के बाद मृत बच्ची के घर में कोहराम मच गया। मां का रो-रोकर हाल बेहाल है और वह बार-बार बेसुध हो जा रही हैं। परिवार के अन्य सदस्य भी गहरे सदमे में हैं। घर का माहौल पूरी तरह गमगीन हो गया है। जिस घर में कुछ देर पहले बच्चे की किलकारियां गूंज रही थीं, वहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है। शिक्षक साथियों ने जताया शोक घटना की सूचना मिलते ही अजीत कुमार के कई शिक्षक सहयोगी और परिचित उनके घर पहुंचने लगे। सभी ने शोक-संवेदना व्यक्त करते हुए परिवार को ढांढस बंधाने का प्रयास किया। शिक्षकों ने इस घटना को बेहद दुखद बताते हुए कहा कि यह पूरे शिक्षा जगत के लिए भी एक गहरा आघात है। पुलिस की प्रतिक्रिया नगर थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि यह एक दुर्घटनात्मक घटना प्रतीत होती है। उन्होंने कहा कि अभी तक इस संबंध में कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। आवेदन मिलने के बाद पुलिस आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू करेगी। फिलहाल पुलिस घटना से जुड़ी जानकारी जुटा रही है। मासूम की मौत से शहर में शोक का माहौल इस दर्दनाक हादसे की चर्चा पूरे शेखपुरा शहर में है। लोग इस घटना को सुनकर स्तब्ध हैं और मासूम बच्ची की असमय मौत पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि छोटे बच्चों के मामले में विशेष सतर्कता की जरूरत होती है, क्योंकि एक पल की चूक भी बड़ा हादसा बन सकती है। सावधानी की जरूरत पर सवाल यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि ऊंची इमारतों में छोटे बच्चों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम कितने जरूरी हैं। रेलिंग, जाली और अन्य सुरक्षा उपाय न होने या थोड़ी सी लापरवाही के कारण ऐसे हादसे हो जाते हैं, जिनकी भरपाई कभी नहीं हो सकती। मासूम बच्ची की मौत ने पूरे इलाके को गहरे शोक में डुबो दिया है। हर आंख नम है और हर जुबां पर यही सवाल है कि काश, वह पल थम गया होता।


