क्या आप दुलारचंद यादव हत्याकांड में शामिल थे? अनंत सिंह: नहीं, मैं गाड़ी से आगे आगे चल रहा था, 40 से 50 गाड़ियां आगे निकल चुकी थीं। कुछ गाड़ियां पीछे रह गईं, उन्हीं में से किसी से विवाद हुआ। अब किसने किसको मारा मुझे नहीं पता। ऐसे ही सवाल जवाब पटना की रंगदारी सेल में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और अनंत सिंह के बीच हुए हैं। दरअसल, मोकामा के दुलारचंद यादव हत्याकांड में बाहुबली अनंत सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। ये फैसला पटना में एसीजेएम कोर्ट ने सुनाया। रविवार शाम 4 बजे उन्हें स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था। इससे पहले अनंत सिंह को बाढ़ स्थित कारगिल मार्केट से आधी रात को गिरफ्तार किया गया था। भारी संख्या पुलिस फोर्स उनके आवास पर पहुंची थी। एसएसपी कार्तिकेय शर्मा के नेतृत्व में करीब डेढ़ सौ से ज्यादा पुलिसकर्मी अनंत सिंह को गिरफ्तार करने पहुंचे थे। दुलारचंद यादव हत्याकांड के 60 घंटे बाद अनंत सिंह की गिरफ्तारी हुई उसके बाद पटना तकरीबन 16 घंटे तक उन्हें यहां रंगदारी सेल में रखा गया। रंगदारी सेल में पुलिस ने अनंत सिंह से क्या पूछताछ की? अनंत सिंह ने किन सवालों का सही जवाब दिया? किन सवालों को वो गोल मोल करते रहे? 16 घंटे में अनंत सिंह की बॉडी लैंग्वेज क्या थी? पढ़िए रिपोर्ट… रात 10:55 बजे: ठिकाने पर दबिश पटना पुलिस लगभग 150 जवानों के साथ सबसे पहले अनंत सिंह की कारगिल मार्केट वाले आवास पर पहुंची। यहां पुलिस के कई जवान बाहर खड़े रहे और करीब 25 पुलिसकर्मियों के साथ पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा अनंत सिंह के घर में प्रवेश कर गए। पूरी टीम को खुद कार्तिकेय शर्मा लीड कर रहे थे। पूरा आवास अनंत के लोगों से किले में तब्दील था। 100 से ज्यादा लोग अनंत के आसपास या बाहर थे। इस दौरान एसएसपी ने सभी को बाहर किया और अनंत से मिलने अंदर गए। इस दौरान मोकामा के कुछ और पुलिस अफसर भी उनके साथ थे। वहां से भारी सुरक्षा के बीच अनंत को पटना लाया गया। 16 घंटे रंगदारी सेल में रहे बाहुबली अनंत सिंह पटना SSP कार्तिकेय शर्मा अनंत सिंह को घर से पटना लेकर आए। इसके बाद रात 2 बजे पटना DM और SSP ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी। 16 घंटे से अनंत सिंह रंगदारी सेल में थे। बताया जाता है कि वो रात भर सोए नहीं। अनंत सिंह कुछ लोगों से मिलने की भी मांग करते रहे, लेकिन पुलिस ने उन्हें इजाजत नहीं दी। पुलिस से कहते रहे कि घटना के वक्त मैं काफिले से आगे निकल चुका था, पीछे क्या हुआ मुझे पता नहीं। इस दौरान पुलिस ने उनसे कई सवाल जवाब किए। SSP: आप दुलारचंद को जानते हैं? उससे आपकी पहले से कोई दुश्मनी थी? अनंत: हां… मैं उसे जानता हूं। वह इन दिनों जन सुराज का प्रचार कर रहा था, पहले लालू के साथ राजद में था। मेरी उससे सीधी कोई दुश्मनी नहीं थी। SSP: उस दिन आप घटनास्थल पर मौजूद थे या नहीं? अनंत: जी, मैं आगे चल रहा था, अचानक पीछे कुछ गाड़ियों में एक्सीडेंट हो गया और उसके बाद हो हल्ला मच गया। मुझे तो पता भी नहीं चला हो क्या रहा था? SSP: आप 50 गाड़ियों का काफिला लेकर क्यों चल रहे थे? ये आचार संहिता का उल्लंघन है? अनंत: हम तो कम ही गाड़ी लेकर चल रहे थे। मोकामा हमारा क्षेत्र है। लोग गाड़ी लेकर साथ में जुड़ते जाते हैं। उन्हें कैसे रोका जा सकता है। इसीलिए गाड़ियों की संख्या ज्यादा हो गई। SSP: क्या आप दुलार चंद की हत्या में शामिल थे? अनंत: नहीं, मैं हत्या में शामिल नहीं हूं, मैं जनसंपर्क करके दूसरे गांव में जा रहा था। मेरी गाड़ी करीब 300 मीटर आगे जा चुकी थी। इसी बीच पीछे कुछ गाड़ियों में टक्कर हो गई। इसके बाद मारपीट शुरू हो गई। किसने किसको मारा मुझे नहीं पता। हमारे लोगों को भी चोट लगी है, कुछ लोगों के सिर फट गए, किसी के हाथ में चोट आई है। भीड़ में दुलारचंद को किसने मार दिया मुझे नहीं पता। SSP: हमला पहले आपकी तरफ से किया गया या उनकी तरफ से? अनंत: मैं कैसे बता सकता हूं, मैं तो काफी आगे था। हां मेरे लोगों ने बताया कि उन लोगों ने पहले गाड़ी निकालने के लिए गाली गलौच शुरू कर दिया। इसी बात पर विवाद शुरू हो गया। SSP: आप जिसे भीड़ कह रहे हैं उसमें आपके लोग थे? वीडियो सामने आए हैं? अनंत: मेरे लोग प्रचार करने के लिए निकले थे, उस दौरान झगड़ा हुआ। वीडियो तो उन लोगों के भी हैं, उन्होंने हमारी गाड़ियों पर हमला किया। पहले शुुरुआत भी उन्हीं लोगों ने की इसी गुस्से के कारण सब हुआ है। SSP: आपके लोगों के पास हथियार कहां से आए? अनंत: हथियार किसके पास था, मुझे नहीं पता, दोनों तरफ से लोग झगड़ रहे थे। किसने गोली चलाई ये मैं कैसे बता सकता हूं। SSP: अगर आपके लोगों ने उसे मारा तो आपने उन्हें रोका क्यों नहीं? अनंत: मैंने कहा न, मैं आगे था। मैंने किसी को मारने को नहीं कहा। न उसे मारा। SSP: आप पर आरोप है कि चुनावी लाभ के लिए इस वारदात को अंजाम दिया? अनंत: क्या बात कर रहे हैं आप! बिलकुल नहीं, मेरा चुनाव तो वैसे ही ठीक चल रहा है। हमारा कोई कंपटीशन ही नहीं है। रात 12:45 बजे-1:30 बजे: पटना मुख्यालय में दोबारा पूछताछ देर रात करीब 1:30 बजे अनंत सिंह को पटना पुलिस मुख्यालय लाया गया। यहां उनसे दोबारा और भी कड़ी पूछताछ हुई। इस बार मुख्य ध्यान उनके सहयोगियों- मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम पर था। सुबह 2:00 बजे: प्रेस कॉन्फ्रेंस SSP ने आधिकारिक घोषणा की, “दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में हमने JDU के प्रत्याशी अनंत सिंह, मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को गिरफ्तार किया है। अनंत सिंह की गिरफ्तारी: शनिवार रात से रविवार दिन तक क्या हुआ? शनिवार रात 10:55 बजे: पटना SSP कार्तिकेय शर्मा करीब 150 जवानों को साथ लेकर बाढ़ के कारगिल मार्केट स्थित अनंत सिंह के घर पहुंचे। पुलिस अनंत सिंह को हिरासत में लेकर रात करीब 11:45 बजे बाढ़ से पटना के लिए रवाना हुई। शनिवार रात 1:45 बजे: पुलिस अनंत सिंह को लेकर पटना पहुंची। शनिवार रात 2 बजे: पटना के डीएम और SSP ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। SSP ने अनंत सिंह की गिरफ्तारी की जानकारी दी। वहीं, डीएम डॉ. त्यागराजन ने कहा कि मोकामा विधानसभा क्षेत्र में हुई घटना को जिला प्रशासन और पुलिस ने बहुत गंभीरता से लिया है। हमने मामले में कई कार्रवाई की है। आदर्श आचार संहिता पूरी चुनाव प्रक्रिया का एक मजबूत स्तंभ है। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, हम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पुलिस ने अनंत सिंह को रंगदारी सेल में रखा। यहां उन्होंने करीब 11 घंटे बिताए। रविवार दोपहर 3 बजे: जेडीयू नेता अनंत सिंह को पटना के CJM कोर्ट में पेश किया गया। रविवार शाम करीब 4 बजे: CJM कोर्ट ने अनंत सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा। उनके वकील नवीन कुमार ने कहा, “यह कानूनी प्रक्रिया है। उनका नाम FIR में है। अनंत सिंह समेत 3 लोगों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पुलिस ने कोई रिमांड नहीं मांगा।” रविवार शाम करीब 4:20 बजे: अनंत सिंह को पटना सिविल कोर्ट से बेऊर सेंट्रल जेल लाया गया। DGP विनय कुमार बोले- हथियार बरामद नहीं, कर रहे तलाश DGP विनय कुमार ने कहा, ‘दुलारचंद यादव की मौत हुई, यह तथ्य है। गाड़ियों से आ रहे दोनों उम्मीदवारों के समर्थकों द्वारा वहां झड़प हुआ है। पथराव हुआ है। इस संबंध में केस दर्ज किए गए थे। 80 से अधिक लोगों को सबूत के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। हथियार अभी बरामद नहीं हुआ है। इसके लिए प्रयास जारी है। पता लगाया जा रहा है कि किसने गोली चलाई। हथियार बरामद होने के बाद उसकी फोरेंसिक जांच कराई जाएगी।’ SSP कार्तिकेय शर्मा बोले- हत्या के वक्त मौजूद थे अनंत सिंह पटना SSP कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि दुलारचंद यादव की हत्या के समय अनंत सिंह भी मौके पर मौजूद थे। पटना के DM डॉ त्यागराजन एस.एम ने कहा कि मोकामा में हुई हत्या को हमने गंभीरता से लिया है। कोई भी कानून तोड़ने की कोशिश करेगा तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा। क्या आप दुलारचंद यादव हत्याकांड में शामिल थे? अनंत सिंह: नहीं, मैं गाड़ी से आगे आगे चल रहा था, 40 से 50 गाड़ियां आगे निकल चुकी थीं। कुछ गाड़ियां पीछे रह गईं, उन्हीं में से किसी से विवाद हुआ। अब किसने किसको मारा मुझे नहीं पता। ऐसे ही सवाल जवाब पटना की रंगदारी सेल में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और अनंत सिंह के बीच हुए हैं। दरअसल, मोकामा के दुलारचंद यादव हत्याकांड में बाहुबली अनंत सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। ये फैसला पटना में एसीजेएम कोर्ट ने सुनाया। रविवार शाम 4 बजे उन्हें स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था। इससे पहले अनंत सिंह को बाढ़ स्थित कारगिल मार्केट से आधी रात को गिरफ्तार किया गया था। भारी संख्या पुलिस फोर्स उनके आवास पर पहुंची थी। एसएसपी कार्तिकेय शर्मा के नेतृत्व में करीब डेढ़ सौ से ज्यादा पुलिसकर्मी अनंत सिंह को गिरफ्तार करने पहुंचे थे। दुलारचंद यादव हत्याकांड के 60 घंटे बाद अनंत सिंह की गिरफ्तारी हुई उसके बाद पटना तकरीबन 16 घंटे तक उन्हें यहां रंगदारी सेल में रखा गया। रंगदारी सेल में पुलिस ने अनंत सिंह से क्या पूछताछ की? अनंत सिंह ने किन सवालों का सही जवाब दिया? किन सवालों को वो गोल मोल करते रहे? 16 घंटे में अनंत सिंह की बॉडी लैंग्वेज क्या थी? पढ़िए रिपोर्ट… रात 10:55 बजे: ठिकाने पर दबिश पटना पुलिस लगभग 150 जवानों के साथ सबसे पहले अनंत सिंह की कारगिल मार्केट वाले आवास पर पहुंची। यहां पुलिस के कई जवान बाहर खड़े रहे और करीब 25 पुलिसकर्मियों के साथ पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा अनंत सिंह के घर में प्रवेश कर गए। पूरी टीम को खुद कार्तिकेय शर्मा लीड कर रहे थे। पूरा आवास अनंत के लोगों से किले में तब्दील था। 100 से ज्यादा लोग अनंत के आसपास या बाहर थे। इस दौरान एसएसपी ने सभी को बाहर किया और अनंत से मिलने अंदर गए। इस दौरान मोकामा के कुछ और पुलिस अफसर भी उनके साथ थे। वहां से भारी सुरक्षा के बीच अनंत को पटना लाया गया। 16 घंटे रंगदारी सेल में रहे बाहुबली अनंत सिंह पटना SSP कार्तिकेय शर्मा अनंत सिंह को घर से पटना लेकर आए। इसके बाद रात 2 बजे पटना DM और SSP ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी। 16 घंटे से अनंत सिंह रंगदारी सेल में थे। बताया जाता है कि वो रात भर सोए नहीं। अनंत सिंह कुछ लोगों से मिलने की भी मांग करते रहे, लेकिन पुलिस ने उन्हें इजाजत नहीं दी। पुलिस से कहते रहे कि घटना के वक्त मैं काफिले से आगे निकल चुका था, पीछे क्या हुआ मुझे पता नहीं। इस दौरान पुलिस ने उनसे कई सवाल जवाब किए। SSP: आप दुलारचंद को जानते हैं? उससे आपकी पहले से कोई दुश्मनी थी? अनंत: हां… मैं उसे जानता हूं। वह इन दिनों जन सुराज का प्रचार कर रहा था, पहले लालू के साथ राजद में था। मेरी उससे सीधी कोई दुश्मनी नहीं थी। SSP: उस दिन आप घटनास्थल पर मौजूद थे या नहीं? अनंत: जी, मैं आगे चल रहा था, अचानक पीछे कुछ गाड़ियों में एक्सीडेंट हो गया और उसके बाद हो हल्ला मच गया। मुझे तो पता भी नहीं चला हो क्या रहा था? SSP: आप 50 गाड़ियों का काफिला लेकर क्यों चल रहे थे? ये आचार संहिता का उल्लंघन है? अनंत: हम तो कम ही गाड़ी लेकर चल रहे थे। मोकामा हमारा क्षेत्र है। लोग गाड़ी लेकर साथ में जुड़ते जाते हैं। उन्हें कैसे रोका जा सकता है। इसीलिए गाड़ियों की संख्या ज्यादा हो गई। SSP: क्या आप दुलार चंद की हत्या में शामिल थे? अनंत: नहीं, मैं हत्या में शामिल नहीं हूं, मैं जनसंपर्क करके दूसरे गांव में जा रहा था। मेरी गाड़ी करीब 300 मीटर आगे जा चुकी थी। इसी बीच पीछे कुछ गाड़ियों में टक्कर हो गई। इसके बाद मारपीट शुरू हो गई। किसने किसको मारा मुझे नहीं पता। हमारे लोगों को भी चोट लगी है, कुछ लोगों के सिर फट गए, किसी के हाथ में चोट आई है। भीड़ में दुलारचंद को किसने मार दिया मुझे नहीं पता। SSP: हमला पहले आपकी तरफ से किया गया या उनकी तरफ से? अनंत: मैं कैसे बता सकता हूं, मैं तो काफी आगे था। हां मेरे लोगों ने बताया कि उन लोगों ने पहले गाड़ी निकालने के लिए गाली गलौच शुरू कर दिया। इसी बात पर विवाद शुरू हो गया। SSP: आप जिसे भीड़ कह रहे हैं उसमें आपके लोग थे? वीडियो सामने आए हैं? अनंत: मेरे लोग प्रचार करने के लिए निकले थे, उस दौरान झगड़ा हुआ। वीडियो तो उन लोगों के भी हैं, उन्होंने हमारी गाड़ियों पर हमला किया। पहले शुुरुआत भी उन्हीं लोगों ने की इसी गुस्से के कारण सब हुआ है। SSP: आपके लोगों के पास हथियार कहां से आए? अनंत: हथियार किसके पास था, मुझे नहीं पता, दोनों तरफ से लोग झगड़ रहे थे। किसने गोली चलाई ये मैं कैसे बता सकता हूं। SSP: अगर आपके लोगों ने उसे मारा तो आपने उन्हें रोका क्यों नहीं? अनंत: मैंने कहा न, मैं आगे था। मैंने किसी को मारने को नहीं कहा। न उसे मारा। SSP: आप पर आरोप है कि चुनावी लाभ के लिए इस वारदात को अंजाम दिया? अनंत: क्या बात कर रहे हैं आप! बिलकुल नहीं, मेरा चुनाव तो वैसे ही ठीक चल रहा है। हमारा कोई कंपटीशन ही नहीं है। रात 12:45 बजे-1:30 बजे: पटना मुख्यालय में दोबारा पूछताछ देर रात करीब 1:30 बजे अनंत सिंह को पटना पुलिस मुख्यालय लाया गया। यहां उनसे दोबारा और भी कड़ी पूछताछ हुई। इस बार मुख्य ध्यान उनके सहयोगियों- मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम पर था। सुबह 2:00 बजे: प्रेस कॉन्फ्रेंस SSP ने आधिकारिक घोषणा की, “दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में हमने JDU के प्रत्याशी अनंत सिंह, मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को गिरफ्तार किया है। अनंत सिंह की गिरफ्तारी: शनिवार रात से रविवार दिन तक क्या हुआ? शनिवार रात 10:55 बजे: पटना SSP कार्तिकेय शर्मा करीब 150 जवानों को साथ लेकर बाढ़ के कारगिल मार्केट स्थित अनंत सिंह के घर पहुंचे। पुलिस अनंत सिंह को हिरासत में लेकर रात करीब 11:45 बजे बाढ़ से पटना के लिए रवाना हुई। शनिवार रात 1:45 बजे: पुलिस अनंत सिंह को लेकर पटना पहुंची। शनिवार रात 2 बजे: पटना के डीएम और SSP ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। SSP ने अनंत सिंह की गिरफ्तारी की जानकारी दी। वहीं, डीएम डॉ. त्यागराजन ने कहा कि मोकामा विधानसभा क्षेत्र में हुई घटना को जिला प्रशासन और पुलिस ने बहुत गंभीरता से लिया है। हमने मामले में कई कार्रवाई की है। आदर्श आचार संहिता पूरी चुनाव प्रक्रिया का एक मजबूत स्तंभ है। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, हम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पुलिस ने अनंत सिंह को रंगदारी सेल में रखा। यहां उन्होंने करीब 11 घंटे बिताए। रविवार दोपहर 3 बजे: जेडीयू नेता अनंत सिंह को पटना के CJM कोर्ट में पेश किया गया। रविवार शाम करीब 4 बजे: CJM कोर्ट ने अनंत सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा। उनके वकील नवीन कुमार ने कहा, “यह कानूनी प्रक्रिया है। उनका नाम FIR में है। अनंत सिंह समेत 3 लोगों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पुलिस ने कोई रिमांड नहीं मांगा।” रविवार शाम करीब 4:20 बजे: अनंत सिंह को पटना सिविल कोर्ट से बेऊर सेंट्रल जेल लाया गया। DGP विनय कुमार बोले- हथियार बरामद नहीं, कर रहे तलाश DGP विनय कुमार ने कहा, ‘दुलारचंद यादव की मौत हुई, यह तथ्य है। गाड़ियों से आ रहे दोनों उम्मीदवारों के समर्थकों द्वारा वहां झड़प हुआ है। पथराव हुआ है। इस संबंध में केस दर्ज किए गए थे। 80 से अधिक लोगों को सबूत के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। हथियार अभी बरामद नहीं हुआ है। इसके लिए प्रयास जारी है। पता लगाया जा रहा है कि किसने गोली चलाई। हथियार बरामद होने के बाद उसकी फोरेंसिक जांच कराई जाएगी।’ SSP कार्तिकेय शर्मा बोले- हत्या के वक्त मौजूद थे अनंत सिंह पटना SSP कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि दुलारचंद यादव की हत्या के समय अनंत सिंह भी मौके पर मौजूद थे। पटना के DM डॉ त्यागराजन एस.एम ने कहा कि मोकामा में हुई हत्या को हमने गंभीरता से लिया है। कोई भी कानून तोड़ने की कोशिश करेगा तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा।


