मोदीपुर स्थित दयावती मोदी एकेडमी (डीएमए) में गुरुवार को वंदे मातरम की 150वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर एकेडमी के बच्चों ने देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। मोदी ग्रुप द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत पंडित मदन मोहन मालवीय और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इसके बाद हिंदुस्तान की गाथा को उजागर करते हुए वंदे मातरम पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का सिलसिला शुरू हुआ। कार्यक्रम में सबसे पहले डीएमए के शिक्षकों राजीव सक्सेना, रोहित कुमार कुकरेती और मनीष मेहरा ने वंदे मातरम का गायन किया। इसके बाद बच्चों ने ‘आरंभ है प्रचंड है’ गीत प्रस्तुत किया। वंदे मातरम पर आधारित विभिन्न नृत्य प्रस्तुतियों ने भी दर्शकों का मन मोह लिया। इस अवसर पर मोदी ग्रुप के चेयरमैन और मोदीपुर के संस्थापक राजर्षि डॉ. भूपेंद्र कुमार मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदुस्तान हर हिंदुस्तानी की मां है और इसका गौरव बढ़ाना हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा, “पहली मां भारत है, मैं दूसरी मां (डीएमए संस्थापक) हूं।” उन्होंने सभी से एकजुट होकर विश्व स्तर पर हिंदुस्तान का परचम लहराने का आह्वान किया।
डॉ. मोदी ने आगे कहा कि हिंदुस्तान सदा से विश्व के लिए एक प्रेरणाप्रद राष्ट्र रहा है। उन्होंने देश को एक अत्यंत समृद्ध राष्ट्र बताते हुए इसके गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला। वंदे मातरम के संबंध में उन्होंने कहा कि यह केवल एक गीत नहीं, बल्कि हर भारतीय की आत्मा है। उन्होंने जोर दिया कि हिंदुस्तान हमारी पहचान, हमारा स्वाभिमान और हमारा भविष्य है, और इस पावन भूमि ने हमें संस्कार, संस्कृति और एकता का पाठ पढ़ाया है। हमारा कर्तव्य है कि हम देश को स्वच्छ, शिक्षित और सशक्त बनाएं।


